- समय सीमा में दो बार की जा चुकी है वृद्धि
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। रीवा जिले की नईगढ़ी सूक्ष्म दबाव सिंचाई योजना पर सौ दिन चले अढ़ाई कोस वाली कहावत पूरी तरह से फिट बैठती है। इसकी वजह है इसके निर्माण को लेकर दो बार समय सीमा में वृद्धि की जा चुकी है, लेकिन इसके बाद भी वह पूरी नहीं हो पा रही है। योजना के पूरा नहीं होने से किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसमें होने वाली देरी की वजह से अफसरों की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। दरअसल इस योजना को पूरा करने के लिए तीन साल का समय तय किया गया था, लेकिन इस अवधि में उसका काम आधा अधूरा ही हो सका था, जिसके बाद उसकी समय सीमा में दो साल की वृद्धि कर दी गई थी। अब यह समय सीमा भी समाप्त हो चुकी है, लेकिन काम आधा अधूरा ही पड़ा हुआ है। इसकी वजह से न केवल योजना की लागत बढ़ती जा रही है, बल्कि किसानों का इंतजार भी लंबा होता जा रहा है। 677 करोड़ की इस योजना से 633 गांवों के किसानों की 50 हजार हेक्टेयर जमीन में सिंचाई देने का लक्ष्य है। यह योजना कब पूरी होगी इसकी कोई गारंटी नहीं है। अधिकारियों का दावा है कि नईगढ़ी सूक्ष्म दबाव योजना की प्रथम इकाई से जल्द ही पानी मिलना शुरू हो जाएगा। यह योजना बाणसागर परियोजना का ही एक हिस्सा है। विंध्य इलाके में यह ही नहीं बल्कि कई इसी तरह की योजनाएं हैं, जो सालों से पूरा होने का इंतजार कर रही हैं। इनमें त्योंथर उद्वहन और त्योंथर बहाव योजनाएं भी शामिल हैं।
कब क्या हुआ
नईगढ़ी सूक्ष्म दबाव योजना का भूमिपूजन 23 मई 2018 को हुआ था। मुख्यमंत्री ने भूमिपूजन करते हुए इसे 2020 तक पूरा करने का निर्देश दिया था। एग्रीमेंट में कार्य करने का अनुबंध 25 सितम्बर 2017 में किया गया था। इस योजना की दो इकाईयां है। दोनों के निर्माण कार्य जेपी एसोसिएट्स के हाथों में था। सूत्रों के मुताबिक प्रथम इकाई का कार्य 70 फीसदी ही पूरा हो पाया है। इसमें पंप हाउस बनाकर पंप स्थापित कर दिए गए हैं। राइजिंग मेन का काम पूरा हुआ है। बड़ी पाइप लाइनें भी कुछ बिछाई गई है। लापरवाहीपूर्वक काम किए जाने की वजह से अब जेपी एसोसिएट्स को टर्मिनेट किया जा चुका है। गौरतलब है कि इस परियोजना से पांच विधानसभा क्षेत्रों के कुल 633 ग्रामों में सिचाई का लक्ष्य है। इसमें विधानसभा क्षेत्र गुढक़े 39, देवतालाब के 334, मऊगंज के 19, मनगवां के 223, त्योथर के 18 ग्राम शामिल हैं।