फंड मिलने के बाद भी…खुले में बह रहा सीवेज

सीवेज

रीवा, सतना, कटनी, सिंगरौली में कंपनी और निकायों के बीच विवाद से काम ठप

भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम।
प्रदेश की नगरीय निकायों में सीवेज नेटवर्क बिछाने के लिए 6,687 करोड़ रुपए वर्ष 2016-17 में दिए गए थे। लेकिन फंड मिलने के बाद भी कई शहरों में सीवेज नेटवर्क बिछाने का काम नहीं हो पाया है। किसी शहर में केवल नालियां खुली पड़ीं हैं तो कहीं सीवेज खुले में बह रहा है। इसकी गंदगी व दुर्गंध से जहां रहवासी परेशान हैं, वहीं आम लोगों में बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। घरों का कनेक्शन सीवेज पाइप लाइन से नहीं होने के चलते कई कालोनियों में सामने सीवेज का तालाब बन गया है। वहीं कई शहर ऐसे भी हैं जिन्होंने अपना सीवेज नेटवर्क बिछाकर शहर को साफ-सुथरा बना दिया है।
जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार की अमृत- 1 योजना से रीवा, सतना सहित सात शहरों को पैसे मिलने के बाद भी ये निकाय सीवेज नेटवर्क तैयार नहीं कर पाए। अब इस योजना की समय सीमा नजदीक आने के बाद आनन-फानन में इन निकायों में नए सिरे से सीवेज नेटवर्क के लिए टेंडर जारी किया है। जबकि इन शहरों में अब तक सीवेज नेटवर्क तैयार कर लेना था, लेकिन अब शहर को सीवेज नेटवर्क की समस्या से निजात पानी के लिए तीन वर्ष तक और इंतजार करना पड़ेगा।
33 शहरों के लिए मिले थे 6,687 करोड़
दरअसल केंद्र सरकार ने भोपाल, इंदौर सहित प्रदेश के एक लाख से अधिक आबादी वाले 33 शहरों में घर-घर तक नल के जरिए पानी पहुंचाने, सीवेज लाइन और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट तैयार करने सहित अन्य कार्यों के लिए अमृत- 1 योजना से 6,687 करोड़ रुपए निकायों को वर्ष 2016-17 में दिए थे। निकायों ने इन कार्यों के लिए टेंडर जारी किया था। रीवा, सतना, कटनी, सिंगरौली नगर निगमों ने सीवेज नेटवर्क और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट तैयार करने के लिए केके स्पन नामक कंपनी का चयन किया था। कंपनी ने काम शुरू करने के बाद विभिन्न कार्यों के लिए राशि बढ़ाने के लिए निकायों पर दबाव बनाने लगी। इसी बात को लेकर कंपनी और निकायों के बीच विवाद शुरू हो गया और 5 साल से काम ठप है। वहीं सिवनी नगरीय निकाय को भी इन कामों के लिए 36.50 करोड़ रुपए 2016 में दिए गए थे। लेकिन इन कार्यों को कराने में रुचि ही नहीं ली। न तो इन कार्यों के लिए डीपीआर को तैयार किया और न ही सरकार के पास प्रस्ताव भेजा।
कहीं चेतावनी तो कहीं कंपनी सस्पेंड
कई सालों से कंपनियों और निकायों की लापरवाही से सीवेज नेटवर्क बिछाने का काम लटका हुआ है। अब योजना की समय सीमा नजदीक आने के बाद आनन-फानन में इन निकायों में तेजी देखने को मिल रही है। कहीं कंपनी को जल्द से जल्द काम करने की चेतावनी दी गई है ,तो कहीं कंपनी को सस्पेंड कर दिया गया है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के कमिश्नर भरत यादव का कहना है कि चार नगर निगमों सीवेज का काम कर रही एजेंसी को टर्मिनेट कर नए सिरे से एजेंसियां तय की गई हैं। उज्जैन नगर निगम में सीवेज का काम कर रहे एजेंसी को सस्पेंड करने के लिए नोटिस जारी किया गया है। इसके अलावा जिन एजेंसियों ने निर्धारित समय में काम पर पूरा नहीं किया है, उन्हें कार्य की प्रगति बढ़ाने के लिए कहा गया है। उज्जैन नगर निगम में काम में लापरवाही करने और मार्च से पहले काम नहीं करने वाली कंपनी टाटा कंसल्टेंसी को सस्पेंड करने के लिए नोटिस जारी किया गया है। इस कंपनी को दो-तीन माह के अंदर काम पूरा करने के लिए कहा गया है। बताया जाता है कि उज्जैन नगर निगम क्षेत्र में करीब 70 फीसदी काम पूरा हो गया है। वहीं जबलपुर नगर निगम में काम करने वाली कंपनी को दो माह के अंदर सीवेज का काम पूरा करने के लिए कहा गया है।

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