ईओडब्ल्यू ने पूर्व आईएफएस ललित मोहन बेलवाल के खिलाफ केस दर्ज किया

ललित मोहन बेलवाल
  • पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के हैं बेहद करीबी

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में अवैध नियुक्तियों और वित्तीय गबन के गंभीर आरोपों में पूर्व आईएफएस अधिकारी और तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी ललित मोहन बेलवाल के खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। ईओडब्ल्यू की तरफ से बताया गया कि भोपाल निवासी राजेश कुमार मिश्रा और न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सीजेएम भोपाल के निर्देश पर कार्रवाई की गई है। शिकायत कर्ता ने तत्कालीन अपर मुख्य कार्यपालन अधिकारी मध्य प्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद नेहा मारव्या की रिपोर्ट भी शिकायत के साथ प्रस्तुत की है। बता दें ललित मोहन बेलवाल पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के बेहद करीबी हैं।
नेहा मारव्या ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास के प्रमुख सचिव को 8 जून 2022 को जांच प्रतिवेदन भेजा था। इस प्रतिवेदन में उन्होंने यह पाया था कि ललित मोहन बेलवाल ने प्रतिनियुक्ति के समय वर्ष 2015 से 2023 के बीच अपने पद का दुरूपयोग करते हुए राज्य परियोजना प्रबंधक के पदों पर सलाहकारों की अवैध नियुक्तियां की गई। बेलवाल ने विभाग के सचिव के निर्देशों को दर किनार करते हुए संबंध नस्तियों में छेड़छाड़ करते हुए तत्कालीन विभागीय मंत्री की आपत्तियों को भी नजरअंदाज करते हुए यह नियुक्तियां की। आरोप है कि बेलवाल द्वारा अपने पद का दुरूपयोग करते हुये बिना अर्हता के  सुषमा रानी शुक्ला एवं उनके परिवार के सदस्यों  देवेन्द्र मिश्रा, सुश्री अंजू शुक्ला,  मुकेश गौतम, ओमकार शुक्ला एवं आकांक्षा पाण्डे की नियुक्तयां मिशन के विभिन्न पदों पर की गई। मारव्या की जांच रिपोर्ट के अनुसार नियुक्ति में जिस मानव संसाधन मार्गदर्शिका के नियमों के आधार पर स्वीकृत पदों के विरूद्ध बेलवाल द्वारा नियुक्तियां की गई है, वह मानव संसाधन मार्गदर्शिका तब अस्तित्व में ही नहीं थी।
बिना अर्हता के कर डाली थीं नियुक्तियां
जांच रिपोर्ट के अनुसार इसके अलावा, उन्होंने जीवन यापन लागत सूचकांक की अनदेखी करते हुए नियुक्तियों के मानदेयों में 40% तक की अवैध वृद्धि की। यहीं नहीं आरोप है कि बेलवाल ने ने अपने पद का दुरूपयोग करते हुए बिना अर्हता के सुषमा रानी शुक्ला एवं उनके परिवार के सदस्यों देवेंद्र मिश्रा, अंजू शुक्ला, मुकेश गौतम, ओमकार शुक्ला एवं आकांक्षा पांडे की नियुक्तयां मिशन के विभिन्न पदों पर की गई।
बीमा पॉलिसी के नाम पर 1.73 करोड़ का गबन
मारव्या की रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि बेलवाल ने कम्युनिटी बेस्ड माइको बीमा योजना के तहत 81,647 महिलाओं से प्रति महिला 300 रुपये जमा कराए, लेकिन कोई बीमा पॉलिसी जारी नहीं की, जिसके परिणामस्वरूप 1.73 करोड़ रुपये का गबन हुआ। इस मामले में बेलवाल के अलावा अन्य आरोपियों के भी शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। ईओडब्ल्यू द्वारा इस मामले में प्रारंभिक जांच पंजीबद्ध की गई है और आगे की जांच प्रक्रिया जारी है।

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