- अब 8 जिलों के अफसरों को थमाए गए नोटिस
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों की कार्यशैली ही ऐसी है कि आमजन को अच्छी सडक़ों का सुख मिल ही नहीं पता है। सडक़ें बनती है, लेकिन वे एक साल भी सही नहीं रह पाती हैं। यही नहीं मौका मिलते ही वे खेल करने में पीछे नहीं रहते हैं। इसकी पोल भी विभाग के ही अफसरों की उस रिपोर्ट से खुल गई है, जिसे तत्कालीन विभाग के प्रमुख सचिव केसी गुप्ता ने दूसरे संभागों के इंजिनियरों से तैयार कराई थी। इसके लिए इंजीनियरों की टीम बनाकर दूसरे इलाकों में हकीकत का पता करने भेजा गया था। इस रिपोर्ट के आने से सडक़ों के गड्ढोंं में किए गए खेल का खुलासा होने के बाद अब आठ जिलों के इंजीनियरों को नोटिस थमा कर उनसे जबाव तलब किया गया है। यह खुलासा तब हुआ है जबकि प्रदेश में सडक़ों को गड्ढा मुक्त करने का प्रमाणपत्र प्रदेश भर के इंजीनियरों ने दिया था। सडक़ों को गड्ढा मुक्त करने करीब 400 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि इन जिलों के कार्यपालन यंत्रियों ने खर्च किया, पर स्थिति आज भी जस की तस बनी हुई है।
पहले चरण में 8 जिलों के इंजीनियरों को नोटिस जारी
पीडब्ल्यूडी ने 7 से लेकर 22 अगस्त तक अभियान चलाकर हर साल की तरह इस साल भी प्रदेश की सडक़ों को गड्ढा मुक्त कर दिया था। इसका बाकायदे प्रमाणपत्र भी दिया गया कि सडक़ों में अब गड्ढा नही रह गया है। किंतु लगातार शिकायतें आती रही कि सडक़ों में बड़े-बड़े गड्ढों की वजह से आना-जाना मुश्किल भरा हो गया है। इस पर अपर मुख्य सचिव पीडब्ल्यूडी केसी गुप्ता ने अलग-अलग टीमें बनाकर सभी तरह की सडक़ों का वेरीफिकेशन कराने का निर्णय लिया। उन्होंने पीडब्ल्यूडी व एपीआरडीसी दोनों की टीमें गठित कर 9 से 15 सितंबर तक औचक निरीक्षण कराया। मजे की बात यह कि इस औचक निरीक्षण में ज्यादातर सडक़ों की हालत खराब मिली।
पूछा, क्यों न वसूली की कार्रवाई की जाए
प्रभारी व रेगुलर कार्यपालन यंत्रियों को नोटिस में कहा गया कि कार्य के प्रति बरती गई लापरवाही पर आपके विरुद्ध मप्र सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तया अपील) नियम, 1966 के नियम-10 एवं 16 के तहत निम्नलिखित अवचारों एवं कदाचारों के कारण अनुशासनिक कार्रवाई का निर्णय लिया गया है। सडक़ों के मरम्मत कार्य करने के संबंध में 13 से 20 अगस्त -को वीडियो कॉन्फ्रेस में संधारण एवं परफारमेंस गारंटी के तहत आ रही सडक़ों को 22 अगस्त तक गड्ढा मुक्त कर सभी संभागीय अधिकारियों को प्रमाण पत्र जारी करने के लिए निर्देशित किया ठाया था। इसके बाद मापदंडों के अनुरूप गड्ढा मुक्त करने का प्रमाण पत्र दिया गया है, किंतु आपने सडक़ों में गड्ढों के संबंध में वास्तविकता को छिपाया जाकर, गलत प्रमाण पत्र दिया है, जो आपकी ओर से कार्य की प्रति उदासीनता एवं गंभीर लापरवाही की श्रेणी में आता है। आपने कार्य विभाग नियमावली के प्रावधानों का पालन नहीं किया। आपका यह कृत्य मप्र सिविल सेवा (आचरण) नियम का स्पष्ट उल्लंघन है।