बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास पर जोर

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  • सडक़, ओवर ब्रिज, रेलवे, एयरपोर्ट और शहरी विकास पर फोकस

गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 4 लाख 21 हजार 32 करोड़ रुपए का बजट पेश किया। इस बजट में सुदृढ़ अधोसंरचना विकास पर जोर दिया गया है। बजट में सडक़, ओवर ब्रिज, रेलवे, एयरपोर्ट और शहरी विकास का विशेष ध्यान दिया गया है। इसके तहत मप्र सरकार ने अगले पांच वर्षों में प्रदेश में 1 लाख किलोमीटर सडक़ों के निर्माण और 500 रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) और फ्लाईओवर बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके तहत इस वर्ष 3500 किलोमीटर नई सडक़ों और 70 पुलों के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह कदम प्रदेश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करने और यातायात सुविधाओं को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
बजट में प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में दस लाख से अधिक आवासों का निर्माण किया जाएगा। वित्त मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना अंतर्गत वित्त वर्ष 2024-25 में लगभग एक हजार किलोमीटर सडक़ों के निर्माण एवं लगभग 5 हजार 200 किमी सडक़ों के नवीनीकरण का लक्ष्य पूर्ण होगा। मुख्यमंत्री ग्राम सडक़ योजना के है। अंतर्गत अब तक 8 हजार 631 ग्रामों को 19 हजार 472 किलोमीटर लंबाई की सडक़ें निर्मित कर बारहमासी मार्ग से जोड़ा गया है। उन्होंने बताया कि औद्योगिकीकरण में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए इस साल 3 हजार 750 किलोमीटर सडक़ निर्माण तथा उन्नयन, 850 किलोमीटर नवीनीकरण एव पुलों तथा रेलवे ओवर ब्रिज के निर्माण पूर्ण किए गए हैं।
116 नए ओवर ब्रिज का चल रहा काम
प्रदेश में रेलवे क्रासिंग पर यातायात बाधित होने से समय और ईंधन के अपव्यय को रोकने के लिए रेलवे ओवर ब्रिज और रेलवे अंडर ब्रिज के निर्माण रेलवे से समन्वय कर प्राथमिकता से कराए जा रहे हैं। प्रदेश में 4 हजार 251 करोड़ रुपए लागत के कुल 116 नए ओवर ब्रिज का काम चल रहा है। इसी तरह प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के प्रथम चरण में निर्मित कुछ पुल-पुलिया के खराब हो जाने से सडक़ सम्पर्क प्रभावित न हो, इसके लिए क्षतिग्रस्त पुलों का निर्माण योजना प्रारंभकी जा रही है। इसमें सौ करोड़ का प्रावधान रखा गया है। सडक़ों एवं पुलों के लिए 16 हजार 438 करोड़ रुपए का प्रावधान प्रस्तावित है। यह पिछले साल से 34 प्रतिशत अधिक है।
नगरीय विकास के लिए बड़ी सौगात
तेजी से बढ़ते शहरीकरण के दृष्टिगत बड़े शहरों का समेकित विकास मेट्रोपॉलिटन एरिया की तर्ज पर किया जाना लक्षित है। प्रदेश की खनन राजधानी कहे जाने वाले सिंगरौली को, खनन के साथ विकास के मद्देनजर, एक नए नगर के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिससे लगभग 50 हजार नागरिकों को एक नवीन एवं सुव्यवस्थित नगर की सुविधाएं मिल सकेंगी। प्रदेश की विशिष्ट पहचान, नगरी में उपलब्ध अधोसंरचनाओं एवं सुविधाओं के आधार पर होती है। विगत वर्षों में प्रदेश के शहरों ने स्वच्छता, प्रदूषण नियंत्रण, सडक़ निर्माण, आधुनिक तकनीक के उपयोग एवं जनसुविधाओं के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है। नगरीय क्षेत्री में वृक्षारोपण, उद्यान, नगर वन एवं अन्य हरित संरचनाओं के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण किया जा रहा है। नगरीय निकाय, अपने बेहतर प्रशासन एवं कार्यप्रणाली से नगरी की विशिष्टता, ऐतिहासिकता एवं सांस्कृतिक महत्व को दृष्टिगत रखते हुये विकास कार्य कर रहे हैं।
10 लाख नए आवासों के निर्माण का लक्ष्य
देश में पीएम स्वनिधि योजना में प्रथम स्थान और प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के क्रियान्वयन में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है। स्वच्छता सर्वेक्षण-2023 में प्रदेश को जहां दूसरे स्वच्छतम राज्य का सम्मान प्राप्त हुआ। वहीं, इंदौर को सातवी बार स्वच्छतम शहर का सम्मान प्राप्त हुआ। भोपाल को देश की स्वच्छतम राजधानी होने का सम्मान प्राप्त हुआ है।प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अन्तर्गल 8 लाख 30 हज़ार आवास निर्मित हो चुके हैं। अगले 5 वर्षों में 10 लाख नए आवासों के निर्माण का लक्ष्य है। अमृत 2.0 योजना के अन्तर्गत 1 लाख से अधिक आबादी वाले 33 शहरों में जल आपूर्ति  और सीवर लाइन बिछाने का कार्य किया जा रहा है।  नगरों के विकास के लिए त्वरित व सुलभ शहरी परिवहन आवश्यक है। प्रदेश के इंदौर एवं भोपाल में मेट्रो रेल का संचालन शीघ्र प्रारंभ होने के साथ-साथ अन्य प्रमुख शहरों में केबल कार का भी संचालन किया जाएगा। वित्त मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के अंतर्गत 8 लाख 30 हजार आवास निर्मित हो चुके अगले पांच सालों में 10 लाख नए आवासों के निर्माण का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि अमृत-2 योजना के अंर्तगत एक लाख की आबादी वाले शहरों में सीवेज लाइन बिछाने का काम किया जा रहा है। इसके अलावा प्रदेश के प्रमुख शहरों में केवल कार का भी संचालन जल्द प्रारंभ किया जाएगा। सुगम शहरी परिवहन के लिए आराम दायक बसों का संचालन और पर्यावरण अनुकूल ई-बसों का संचालन किया जाएगा।
विकसित मप्र के लक्ष्य की प्राप्ति पर खास जोर
बजट में विकसित मध्यप्रदेश के लक्ष्य की प्राप्ति पर खास फोकस किया गया है। प्रदेश में जनभागीदारी के माध्यम से संस्थाओं के निर्माण के लिए निजी निवेश संपत्ति का निर्माण प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है। वित्त मंत्री ने बताया कि निजी निवेश से शासकीय सम्पत्ति एवं संस्थाओं के संचालन के लिए योजना बना रही है। इससे निजी क्षेत्र में अपनाए जा रहे बेहतर प्रबंधन माडलों को शासकीय संस्थाओं में भी लागू किया जा सके। इस योजना के विचार क्षेत्र में शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं और छात्रावासों का संचालन पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल आधारित संचालन किया जाना प्रस्तावित है। वित्त मंत्री ने बताया कि एक नवाचारी उपकरण के रूप में सोशल इम्पेक्ट ब्रांड जारी किए जाएंगे। इसमें सेवा प्रदाता, हितग्राहियों को सेवा प्रदान करने के लिए रिस्क फंडर्स से धन जुटाता है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सोशल स्टॉक एक्सचेंज उक्त सम्पूर्ण कार्य को संपादित करने के लिए एक कॉमन प्लेटफार्म के रूप में काम करता है।

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