बिजली विभाग के इंजिनियरों की मनमानी, कटवा रहे उपभोक्ताओं की जेब

बिजली विभाग
  • नहीं मान रहे बिजली नियामक आयोग के निर्देश

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश सरकार का बिजली महकमा अपनी कार्यप्रणाली की वजह से हमेशा से ही चर्चा में रहता है, फिर बिजली चोरी सय लेकर खरीदी तक का मामला हो या उपभोक्ताओं को दिए जाने वाले कनेक्शन का। इस महकते की अर्कमण्डयता का खामियाजा ईमानदार उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ता है। ऐसा ही ताजा मामला है नए बिजली कनेक्शन देने का। इसमें भी नए बिजली उपभोक्ताओं की जेब कटवाई जा रही है। सिंगल फेज का घरेलू और गैर घरेलू कनेक्शन देने के लिए बिजली नियामक आयोग ने किसी तरह का स्टांप उपभोक्ता से नहीं लेने के आदेश दे रखे हैं। इसके बाद भी शहर के सभी 32 जोन में सहायक इंजीनियर द्वारा जबरन उपभोक्ताओं से 500 रुपए का स्टांप मांग रहे हैं। स्टांप नहीं देने की सूरत में 500 रुपए की रसीद काटी जा रही है, जबकि नियामक आयोग की कंडिका 5.5 में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि बगैर स्टांप कनेक्शन दिया जाएगा।
मिल सकेंगे एक ही घर में दो कनेक्शन
प्रदेश में अब एक ही घर में दो बिजली कनेक्शन दिए जाने की नई व्यवस्था लागू कर दी गई है। प्रदेश की तीनों बिजली वितरण कंपनी को भेजे गए आदेश में कहा गया कि एक घर में दूसरा बिजली कनेक्शन कुछ शर्तों के साथ दिया जा सकेगा। इसकी लिए दो शर्तें तय की गई हैं। पहली जिस घर से दूसरा कनेक्शन मांगा गया है, वहां रहने वालों की समग्र आईडी अलग-अलग होना चाहिए। मतलब जिसके नाम से पहले से कनेक्शन है, उससे अलग आईडी कनेक्शन मांगने वाले की होना चाहिए। दूसरी शर्त गैस कनेक्शन अलग नाम से होना चाहिए। मतलब एक घर में दो किचन होना चाहिए। दूसरा कनेक्शन मांगने वाला परिवार का सदस्य नहीं हो। वहीं सहायक इंजीनियर के बजाए कार्यपालन यंत्री के पास दूसरे कनेक्शन का प्रस्ताव जाएगा। चार साल पहले सरकार ने 150 यूनिट खपत पर 300 रुपए बिजली बिल दिए जाने की योजना शुरू की थी। अब जिन घरों में खपत 150 यूनिट से अधिक है, वह इस योजना का लाभ नहीं ले पा रहे थे। 151 यूनिट होते ही उनका बिल 600 रुपए से अधिक आ रहा था। उन्हें सरकारी सब्सिडी नहीं मिल रही थी। इस बिल से बचने के लिए दूसरा कनेक्शन लिया जाने लगा था। 200 यूनिट की खपत होने पर एक मीटर में 100 और दूसरे मीटर में 100 यूनिट का बंटवारा हो जाता था। इससे योजना के दायरे में उपभोक्ता आसानी से आ जाते थे। तेजी से दूसरे कनेक्शन की मांग बढ़ने लगी तो शासन ने इसे बंद कर दिया था। 10 अप्रैल को बिजली कंपनी को ऊर्जा विभाग का आदेश मिला है।

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