भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश की बिजली कंपनियां ईमानदार उपभोक्ताओं की जेब काटने का कोई मौका नहीं छोड़ती है, फिर चाहे मीटर लगाने का हो या बिजली बिल की वसूली का। यह कंपनियां अपनी नाकामी और कुप्रबंधन से होने वाले घाटे की भरपाई भी ऐसे ही उपभोक्ताओं से करती हैं। इसके लिए उनके द्वारा हर साल बिजली की दर में वृद्धि पर पूरा जोर रहता है। इस बीच नया खुलासा यह हुआ है कि बिजली कंपनियां हर साल अपना घाटा बढ़ा चढ़ाकर दोगुना बताती हैं। इसके पीछें उनकी मंशा अधिकतम दर में वृद्धि करवाना होता है। यह बात अलग है कि जब उनके द्वारा बताए गए घाटे की जांच होती है तो वह कम होकर आधे से भी कम रह जाता है। अब इस बार बिजली कंपनियों ने नियामक आयोग को दिए गए प्रस्ताव में 2046 करोड़ का घाटा बताया है। इस घाटे की भरपाई के लिए कंपनियों ने 3.86 फीसदी टैरिफ वृद्धि की मांग की है। माना जा रहा है कि इस बार भी बताया गया घाटा आधा रहने की उम्मीद है। ऐसे में एक बार फिर बिजली कंपनियों के अरमानों पर पानी फिरना तय है। बिजली कंपनियों ने 2022-23 में 3916 करोड़ का घाटा बताया था , जो जांच के बाद सिर्फ 1181 करोड़ रह गया था। गौरतलब है कि उस समय अधिक घाटा बताते हुए कंपनियों द्वारा विद्युत विनियामक आयोग में याचिका दायर कर 8.71 फीसदी बिजली का टैरिफ बढ़ाने की मांग की गईथी। तब आयोग ने बिजली कंपनियों द्वारा बताए गए घाटे की जांच की तो, वह आधा रहा गया था, जिसके चलते आयोग द्वारा बिजली के टैरिफ में 2.64 फीसदी की वृद्धि की गई थी। इसी तरह से बिजली कंपनियों ने साल 2023-24 में बिजली का टैरिफ बढ़ाए जाने के लिए विद्युत विनियामक आयोग में याचिका दायर की थी। इस याचिका में बिजली कंपनियों ने 1537 करोड़ का घाटा बताया था। इस घाटे की भरपाई के लिए बिजली कंपनियों ने आयोग से 3.20 फीसदी टैरिफ बढ़ाने की मांग की थी। उधर, विद्युत विनियामक आयोग ने जब बिजली कंपनियों के घाटे की जांच की तो, यह घाटा 795 करोड़ रह गया था, तब आयोग ने 1.65 फीसदी टैरिफ बढ़ाने की मंजूरी दी थी।
25/01/2024
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