120 करोड़ की लागत से बनेंगे डिपो
विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन को बढ़ावा देने की तैयारी है। प्रदेश में प्रदूषण कम करने के लिए तीन हजार ई- बस चलाने का टारगेट है। इसके लिए मप्र इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी 2024 भी बना ली गई है। इसमें ई-चार्जिंग स्टेशन इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के साथ इलेक्ट्रिक बसें शुरू करने के लिए खास प्रावधान रखे गए है। नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने यह नीति तैयार कराई है। इसके लिए मोहन यादव कैबिनेट पहले ही फरवरी में पीएम ई बस सेवा के अंतर्गत प्रदेश के 6 बड़े शहरों में इसके संचालन का फैसला कर चुकी है। भोपाल-इंदौर सहित 6 शहरों में साढ़े पांच सौ अधिक इलेक्ट्रिक बसें (ई-बसें) चलाने के लिए करीब एक दर्जन डिपो बनाने की तैयारी की जा रही है।
नगरीय प्रशासन और विकास विभाग द्वारा ई-बसों के आपरेशन और बसों के केंद्र से डिमांड समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा करने के साथ एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) तैयार की गई है उसके अनुसार 6 शहरों में डिपो बनाने के लिए लगभग 120 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसमें लगने वाली 60 फीसदी राशि केन्द्र और 40 फीसदी राशि राज्य सरकार खर्च करेगी। इसके लिए राज्य सरकार को पहले अपने बजट में प्रावधान करना होगा। सरकार को इसी बजट सत्र में राशि आवंटित करनी पड़ेगी। केन्द्र सरकार 60 फीसदी राशि देने के साथ ईवी चार्जिंग स्टेशन, बिजली केबल और बिजली कनेक्शन में लगने राशि का भी खर्च उठाएगी। इधर इन शहरों में ईवी बसें चलाने के लिए केन्द्रीयकृत निविदा जारी हो गई है, जिसकी निविदा अगले माह तक फाइनल होगी। इसके चलते राज्य सरकार को जल्दी डिपो तैयार करना होगा, जिससे एक जनवरी से बसों का संचालन हो सके। इन बसों के संचालन से यात्रियों को कम किराये में परिवहन सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
6 शहरों में 552 बसें चलाई जाएंगी
गौरतलब है कि राजधानी में 100 इलेक्ट्रिक बस चलाने की कवायद कुछ साल पहले बीएस चौधरी कोलसानी के नगर निगम कमिश्नर रहते की गई थी। बसों के संचालन व मेंटेनेस पर होने वाले खर्च की वायबिलिटी गैप फंडिंग को लेकर यह उलझ गई थी। निगम प्रशासन ने राज्य शासन को अंतर की राशि मुहैया कराने का प्रस्ताव भी भेजा था, लेकिन वहां से लौटा दिया गया था। अब भारत सरकार आम जनता को बेहतर लोक परिवहन सेवा उपलब्ध कराने और शहरों में वाहनों के प्रदूषण को कम करने के लिए शहरों को प्रधानमंत्री ई-बस सेवा उपलब्ध कराएगी। केन्द्र ने इन शहरों से बस संचालित करने के लिए निकायों से प्रस्ताव बुलाए थे। पहले चरण में इसके लिए भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन और सागर नगर निगम का चयन किया गया है। प्रारंभिक प्रस्ताव के अनुसार इन शहरों में 552 बसें चलाई जाएंगी। प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री ई-बस योजना के अंतर्गत इन बसों का संचालन करेगी। केंद्र सरकार बसें उपलब्ध कराएगी और 12 साल के लिए ऑपरेशनल एंड मेंटेनेंस कॉस्ट भी देगी। इस योजना से ई-बसों का प्रमोशन होगा और धीरे-धीरे विस्तार भी किया जाएगा। अब तक ई-बसों के संचालन को लेकर जो फैसले हुए हैं उसके अनुसार राज्य शासन द्वारा ई-बसों के संचालन के लिए स्थानीय स्तर पर एक समिति गठित की जाएगी।
दूसरी ओर, केंद्र सरकार का दावा है कि ई-बसों के संंचालन के बाद यात्री किराए में तीस फीसदी तक की कमी हो सकती है। इसके साथ ही डीजल पर निर्भरता भी घटेगी और प्रदूषण रोकने में भी आसानी होगी। केन्द्र सरकार प्रति बस, प्रति किलोमीटर 22 रुपए सब्सिडी भी देगी, शेष राशि निकायों को देना होगा। वहीं आपरेटर को प्रतिदिन प्रति बस 180 किमी चलानी होगी। इसके हिसाब से निकायों को अब आपरेटर को भुगतान करना पड़ेगा। अगर किसी कारण से निकाय ऑपरेटर को राशि नहीं दे पाते हैं, तो यह राशि ऑपरेटरों को राज्य सरकार देगी। बताया जाता है कि वर्तमान में इंदौर शहर में कुछ आपरेटर 65 रुपए प्रति किमी के हिसाब से ई बसें चला रहे हैं।
संकल्प पत्र 2023 में घोषणा
राज्य सरकार की ओर से जारी संकल्प पत्र 2023 में ई-बसों के संचालन की घोषणा की गई थी। इसे पूरा करने के लिए विभाग तेजी से कार्रवाई कर रहा है। इसके लिए इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2019 में मौजूदा जरूरतों को देखते हुए विशेषज्ञों से चर्चा कर संशोधन किए गए। इसमें वाहन निर्माताओं, डीलर्स व ट्रांसपोर्ट कारोबारियों को शामिल किया गया। केंद्र सरकार की ओर से कुछ समय पहले मंजूर की गई ईवी पॉलिसी 2024 को ध्यान में रख कर ही नीति बनाई गई है। केंद्र सरकार ने पिछले साल अगस्त में पीएम ई-बस सेवा योजना लॉन्च की थी। इसका उद्देश्य पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर दस हजार इलेक्ट्रिक बसों का संचालन करना है। इस योजना के तहत नगरीय विकास विभाग ने 552 ई बस की मंजूरी का प्रस्ताव पिछले साल केंद्र सरकार को भेजा गया था। केंद्र से इसकी मंजूरी मिल गई। इसके बाद केंद्र से तय एजेंसी कन्वर्जेस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड ने इस साल मार्च में छह शहरों में 552 बसों के संचालन के लिए टेंडर जारी किए थे। यह प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है और ऑपरेटर फाइनल कर लिए गए हैं। पीएम ई-बस सेवा में चयनित छह शहरों में बस डिपो का भी निर्माण किया जाएगा। इनमें कुल आठ डिपो प्रस्तावित है। भोपाल और जबलपुर मैं इसके लिए दो स्थान चिन्हांकित किए गए हैं। इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन और सागर में एक- एक डिपो प्रस्तावित है।