आधी दुनिया में होने वाले चुनाव बदल देंगे नक्शा

  • सुमन कांसरा
चुनाव

साल 2024 वैश्विक राजनीति के लिहाज से काफी अहम है। ग्लोबल जिओ पॉलिटिक्स का असर आने वाले कई सालों तक दुनिया में देखा जाएगा। दुनिया के लगभग 80 देश में चुनाव होने वाले हैं, किन-किन देश में चुनाव होने वाले ह,ैं उनके बारे में जान लेते हैं।  सबसे पहले बात रूस की  जहां मार्च में राष्ट्रपति पद के के लिए ब्लड एंड पुतिन इस बार फिर चुनाव में खड़े होंगे। इन चुनाव के निष्पक्ष होने की संभावना न के बराबर है क्योंकि, जो असली विपक्ष है उसे चुनाव लडऩे नहीं दिया जाएगा और स्वतंत्र मीडिया को पहले ही बाहर कर दिया गया है।  इसीलिए पुतिन का जीतना  लगभग तय है। पर अगर वोटिंग प्रतिशत गिरा तो पुतिन को नुकसान उठाना पड़ सकता है क्योंकि, रूस में विद्रोह की आवाज बहुत जोर-जोर से उठना शुरू हो गई है, जो कि पुतिन के लिए काफी खतरे की घंटी साबित हो सकता है। वहीं अगर बात ब्रिटेन की करें तो प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के लिए बड़ी-बड़ी चुनौती सामने खड़ी है। चुनाव तो 2025 में होने हैं, पर एक्सपट्र्स का कहना है कि हालात ऐसे बन चुके हैं कि शायद सरकार 2024 में दोबारा बन ही जाए वहां के इकोनॉमिक्स स्थिति और डेमोक्रेटिक पार्टी का वापसी की संभावना काफी बढ़ रही है कंजरवेटिव पार्टी में अपने अंदर की उथल पुथल की वजह से कई बार प्रधानमंत्री बदले गए हैं, जिसकी वजह से वोटर काफी नाराज है और इसी संभावना को देखते हुए एक्सपट्र्स का कहना है कि इस बार डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीद काफी ज्यादा है।
दूसरी तरफ दक्षिण अफ्रीका में होने वाले चुनाव भी काफी चर्चा में रह सकते हैं एक तरफ तो दक्षिण अफ्रीका बेरोजगारी और गरीबी की मार झेल रहा है और दूसरी तरफ सट्टा रोड पार्टी जो 30 साल से राज कर रही है उसकी घटती लोकप्रियता भी इसमें बड़ा रोल निभा सकती है इस इलेक्शन पर भी दुनिया की काफी नजर रहेगी यह भी एक ग्लोबल का बड़ा रोल निभाते हैं। अमेरिका के पड़ोसी देश मेक्सिको में भी इस बार चुनाव होने वाले हैं और मेक्सिको इतिहास में पहली बार यहां महिला प्रधानमंत्री चुने जा रहा है। एक छोटे से दीप ताइवान के इलेक्शन भी बहुत इंपॉर्टेंस रखते हैं अमेरिका जो ताइवान को अपना दोस्त समझता है और चीन उसको अपना हिस्सा इसमें होने वाले इलेक्शन चीन और अमेरिका दोनों के लिए काफी इंपोर्टेंट रखते हैं। आज ही ताइवान के मौजूदा राष्ट्रपति ने चीन को यह संदेश दिया कि चीन को ताइवान में होने वाले इलेक्शन का सम्मान करना चाहिए ताइवान की जनता यह तय करेगी कि उनको स्वतंत्र देश चाहिए या चीन की हिमायत करने वाला नेता। नतीजा चाहे जो भी हो पर यह तय है की दुनिया का चेहरा तो बदल ही जाएगा, जो दुनिया अब दिखती है आने वाली दुनिया कुछ अलग ही होगी।

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