
भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। कोरोना संक्रमण काल के दौरान बुजुर्गों को सबसे ज्यादा परेशानी हुई है। कोरोना कर्फ्यू के दौरान घर से बाहर ना निकलने की बंदिशों की वजह से अकेलेपन ने उन्हें मानसिक रूप से बीमार बना दिया है। यही नहीं ऐसी स्थिति में उनकी जीवनशैली ही बदल गई है। उनमें अकेलापन बढ़ा है। हेल्पलाइन पर भी कुछ इसी तरह की शिकायतें मिली हैं, जैसे बीमार होने पर उन्हें कोई मदद करने वाला नहीं है। उन्हें जरूरत की सामग्री के लिए परेशान होना पड़ता है। यही नहीं इन बुजुर्गों की कमजोरी, भूख ना लगने जैसी शिकायतें अधिक हैं। कुछ ने कहा बात करने वाला कोई नहीं है। क्या खाएं क्या ना खाएं यह नहीं पता। हालांकि बुजुर्गों की इस समस्या को लेकर इंदौर में कुछ सामाजिक संगठनों ने पुलिस के साथ मिलकर बुजुर्गों की मदद के लिए पहल की है। इसके लिए इंदौर में अलग-अलग टीमें तैयार की गई है।
यह टीमें बीमारी में बुजुर्गों को दवाई, खाना, मेडिकल ट्रीटमेंट व अन्य जरूरतों की मदद के लिए कोरोना सत्यकॉम वालंटियर काम कर रहे हैं। खास बात यह है कि इस टीम में डॉक्टर, योग टीचर, टाइम एक्सपर्ट और काउंसलर भी शामिल है।
केंद्र ने शुरू की एल्डर लाइन योजना
केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने बुजुर्गों की मदद के लिए एल्डर लाइन योजना शुरू की है। इसके तहत देश के प्रमुख पांच राज्यों राजस्थान, मध्यप्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और उत्तरप्रदेश में कॉल सेंटर शुरू किए गए हैं। काल सेंटर में फोन के जरिए मदद मांगने वालों में मध्यप्रदेश के वरिष्ठ नागरिक पांच राज्यों में सबसे आगे हैं। उल्लेखनीय है कि इस योजना की शुरूआत मध्यप्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु और कर्नाटक में 28 अप्रैल को की गई थी जबकि उत्तर प्रदेश में 14 मई से शुरूआत हुई है। वहीं अब उम्मीद जताई जा रही है के मई महीने के अंत तक देश के अन्य सभी राज्यों में भी इस सेवा को शुरू किया जाएगा। इस योजना के तहत राज्यों के संबंधित विभागों और वहां काम करने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं को इससे जुड़ा जाएगा। इस योजना में शिकायतों को तत्काल संबंधित विभागों को भेजा जाता है जिससे संबंधित की मदद की जा सके।