प्रस्ताव भेजने में देरी से बढ़ रहा है आईएएस बनने का इंतजार

आईएएस

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। बीते साल के लिए प्रदेश के खाते में पदोन्नति से भरे जाने के लिए आईएएस के 6 पद आए हैं। इन सभी 6 पदों पर इस बार भी राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को ही आईएएस अवार्ड दिया जाएगा। यानि की इस बार भी गैर राप्रसे के अफसरों को निराश ही रहना पड़ेगा। इसके लिए यूपीएससी द्वारा डीपीसी की जाएगी। इस बार इस मामले में देरी होने की वजह से आईएएस बनने का इंतजार बढ़ता ही जा रहा है। दरअसल, अभी यह तय नहीं है कि की कब तक पदोन्नति के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
उधर, राज्य प्रशासनिक सेवा संगठन के विरोध के बाद राज्य सरकार ने इस बार भी आईएएस अवार्ड के लिए स्वीकृत 6 पद राप्रसे के अधिकारियों को ही देने का निर्णय कर लिया है।  जीएडी कार्मिक जल्द आईएएस अवार्ड का प्रस्ताव संघ लोक सेवा आयोग को भेजेगा।  इन 6 पदों पर आईएएस अवार्ड के लिए जीएडी कार्मिक ने राप्रसे के 2006 और 2007 बैच के 18 अधिकारियों के नामों का पैनल बनाया है। दरअसल, पदोन्नति के लिए एक पद पर 3 अधिकारियों के नाम शामिल किए जाते हैं। इस हिसाब से जोन ऑफ कन्सीडरेशन में 18 अधिकारियों के नाम शामिल किए गए हैं। इस बार जिन अफसरों को आईएएस पद पर पदोन्नत किया जा सकता है उनमें 2006 बैच के राज्य प्रशासनिक सेवा के 6 अधिकारियों को आईएएस अवार्ड हो सकता है। इनमें नंदा भलावे कुशरे, अनिल कुमार डामोर, सविता झनिया, सारिका भूरिया, कमल सोलंकी और जितेन्द्र सिंह चौहान के नाम शामिल हैं।
पीएचक्यू ने रोकी इंटिग्रिटी
राज्य पुलिस सेवा की अधिकारी निमिशा पांडे ने अपनी वरिष्ठता तय करने को लेकर पुलिस मुख्यालय में अभ्यावेदन दिया है। उनका कहना है उनकी वरिष्ठता तय करने के बाद ही आईपीएस की डीपीसी की जाए। सूत्र बताते हैं कि इसके चलते मुख्यालय ने दो अफसरों की एंटीग्रिटी होम डिपार्टमेंट को नहीं भेजी है। हालांकि निमिशा पांडे ने 2014 में वरिष्ठता तय करने का आवेदन दिया था, लेकिन उस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। अब निमिशा डीपीसी के दावेदारों की सूची के कंसीडर जोन में आ रही हैं। हालांकि जूनियर होने के कारण उनका नाम इस प्रमोशन में क्लियर नहीं हो पाएगा। सूत्र बताते है कि सीताराम अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक टीकमगढ़, प्रकाश सिंह परिहार सहायक पुलिस महानिरीक्षक, इंदौर, दिलीप सोनी एएसपी, उज्जैन, अवधेश प्रताप सिंह बागरी-अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक छिंदवाड़ा, राजेंद्र वर्मा की डीपीसी नहीं हो पाने की वजह से प्रमोशन पाने से वंचित है।
सात माह से है एएसपी को पदोन्नति का इंतजार
 राज्य पुलिस सेवा के अफसरों के प्रमोशन डीपीसी न हो पाने के कारण अटके हुए हैं। गौरतलब है कि प्रदेश में 1995 और 1997 बैच के पांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षकों की डीपीसी होना है। करीब सात महीने गुजर जाने के बाद भी डीपीसी नहीं हुई है। जबकि देश के अन्य राज्यों के इसी बैच के पुलिस अधिकारियों की डीपीसी कर उन्हें आईपीएस अवॉर्ड दिया जा चुका है।

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