- अधिकांश जलाशयों में 79 फीसदी पानी की हो गई थी कमी
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। इस बार देश में भीषण गर्मी ने लोगों को जहां हलकान कर रखा था , तो वहीं इससे प्रभावित होने सेें पानी के स्त्रोत भी नहीं बच सके। इसकी वजह से ही तमाम प्रमुख जलाशयों में इस बार अभी महज 21 फीसदी ही पानी रह गया है।
अगर समय पर मानसून दस्तक नहीं देता तो स्थिति भयावह होना तय थी। हाल ही में प्री मानसून और फिर मानसून ने आगमन के साथ ही जिस तरह से बारिश की है, उससे बड़ी राहत की संास ली जा रही है। दरअसल, केंद्रीय जल आयोग द्वारा जो रिपोर्ट हाल ही में जारी की गई है, उससे जलाशयों के चिंताजनक आंकड़े सामने आए हैं। जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार देश के 150 मुख्य जलाशयों में पानी घटकर महज 21 प्रतिशत रह गया है। जलविद्युत परियोजनाओं और जल आपूर्ति के लिए बेहद महत्वपूर्ण माने जाने वाले इन जलाशयों की संयुक्त भंडारण क्षमता 178.784 अरब क्यूबिक मीटर (बीसीएम) है, जो देश की कुल जल भंडारण क्षमता का लगभग 69.35 प्रतिशत है। आंकड़ों में बताया गया है कि गुरुवार तक, इन जलाशयों में उपलब्ध भंडारण 37.662 बीसीएम है, जो उनकी कुल क्षमता का 21 प्रतिशत है।
कुल मिलाकर, 150 जलाशयों में उपलब्ध लाइव स्टोरेज 257.812 बीसीएम की अनुमानित कुल क्षमता के मुकाबले 54.310 बीसीएम है। यह आंकड़ा पिछले वर्ष के आंकड़ों से कम है। केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट में बताया गया है कि जलाशयों में मौजूदा भंडारण बीते दस वर्षों के औसत भंडारण से भी कम है। दो सप्ताह में पहले जलाशयों में कुल भंडारण करीब 22 प्रतिशत था, जबकि उससे एक सप्ताह पहले यह 23 प्रतिशत था। अब हुई बारिश की वजह से जलस्तर बड़ा जरुर नही हैं, लेकिन उसमें गिरावट भी नहीं आ रही है।
इस तरह के है हाल
आयोग की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर और पूर्वी भारत में भीषण गर्मी की वजह से दिल्ली समेत देश के कई क्षेत्रों में जल संकट देखने को मिल रहा है। जलाशयों में जल भंडारण पर नजर डालें तो दक्षिण भारत के राज्यों पर इसका गहरा असर पड़ा है। आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु जैसे राज्यों में मौजूद 42 जलाशयों की कुल क्षमता 53.334 बीसीएम है। केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार इन जलाशयों में उपलब्ध भंडारण अब 8.508 बीसीएम रह गया है। यह पिछले वर्ष के मुकाबले 21 प्रतिशत कम है। इसी तरह से उत्तर भारत के हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान में मौजूद कुल 10 जलाशयों में कुल मिलाकर 19.663 बीसीएम जल भंडारण क्षमता है। रिपोर्ट के अनुसार इन जलाशयों में मौजूदा जल भंडारण 5.488 बीसीएम रह गया है। यह पिछले वर्ष के मुकाबले 39 प्रतिशत कम है, जबकि पूर्वोत्तर राज्यों की बात करें तो असम, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, नगालैंड और बिहार के 23 जलाशयों की कुल भंडारण क्षमता 20.430 बीसीएम है। इन जलाशयों में मौजूदा जल भंडारण 3.873 बीसीएम रह गया है, जो कि कुल क्षमता का 19 प्रतिशत है। हालांकि पिछले वर्ष 18 प्रतिशत के मुकाबले इन 23 जलाशयों में जल भंडारण थोड़ा सा बढ़ा है। इसी तरह से पश्चिमी राज्यों गुजरात, महाराष्ट्र में कुल मिलाकर 49 जलाशय हैं। इनकी जल भंडारण क्षमता 37.130 बीसीएम है। इन 49 जलाशयों में मौजूदा जल भंडारण 7.608 बीसीएम रह गया है। यह भंडारण पिछले वर्ष 24 प्रतिशत के मुकाबले घटकर 20.49 प्रतिशत पर आ गया है।
मध्य भारत की हकीकत
मध्य भारत में आने वाले मध्य प्रदेश,उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मौजूद कुल 26 जलाशयों की कुल जल भंडारण क्षमता 48.227 बीसीएम है। मौजूदा स्थिति की बात करें तो इन 26 जलाशयों में 12.185 बीसीएम जल भंडारण है। यह भंडारण पिछले वर्ष 32 प्रतिशत के मुकाबले घटकर 25 प्रतिशत पर आ गया है।