प्रदेश के 55 में से 47 जिलों में सूखे जैसे हालात

खाली बांधों
  • खाली बांधों ने बढ़ाई चिंता

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में अब मानसून की विदाई शुरू हो गई है। लेकिन वर्तमान में स्थिति यह है कि प्रदेश के 55 में से 47 जिलों में सूखे जैसे हालात हैं। जिन जिलों में अगस्त में बाढ़ जैसे हालात थे और वहां के बांध और तालाब लबालब थे, वहां अब सूखे के हालात बनने लगे हैं। प्रदेश के 44 में से 37 डेम पूरी तरह भरे नहीं हैं। वहीं सिर्फ 7 फुल लेवल तक भरे हैं। इससे सिंचाई की समस्या खड़ी हो सकती है।
 मिली जानकारी के मुताबिक मप्र के 55 में से 47 जिलों में सूखे के हालात बन रहे है। 27 जिलों में इस साल 46 प्रतिशत कम बारिश हुई ,जिसके चलते सूखे की स्थिति बनी हुई है। बड़ी बात तो ये है कि इस साल प्रदेश के अधिकांश डेम 100 प्रतिशत नहीं भर पाए है।
84 प्रतिशत डेम खाली: मानसून विदा होने के बाद जो स्थिति है उसके अनुसार प्रदेश के 84 प्रतिशत डेम खाली रह गए हैं। मप्र में कुल 44 डेम रजिस्टर्ड हैं। इनमें से 37 के कंठ प्यासे हैं। सिर्फ जबलपुर, बैतूल, देवास, टीकमगढ़, खरगौन, रतलाम और नर्मदापुरम के डेम फुल लेवल तक भराए हैं। पिछले साल की बात करें तो अच्छी बारिश की वजह से भोपाल और उसके आसपास के डेम फुल हो चुके थे। 8 अक्टूबर से पहले ही ये सभी डेम एफटीएल लेवल तक आ गए थे, लेकिन इस साल 8 अक्टूबर तक कलियासोत डेम 1 फीट, केरवा डेम 1.6 फीट और कोलार डेम 4.8 फीट खाली है। छतरपुर का उर्मिल डेम 26 प्रतिशत, खंडवा का ओमकारेश्वर प्रोजेक्ट 33 प्रतिशत, सीधी का माहन डेम 36 प्रतिशत, छतरपुर का रंगावन डेम 42 प्रतिशत, श्योपुर का अपर काकेतो डेम 44 प्रतिशत और  विदिशा का संजय सागर डेम 49 प्रतिशत खाली है।
कई जिलों में कम बारिश
प्रदेश के कई हिस्सों  सूख की कगार पर है। इनमें सतना, अशोकनगर, मंदसौर, खरगोन, खंडवा, भोपाल, सीधी, गुना, शाजापुर और रीवा में कम बारिश हुई है। इसके इतर विंध्य और बुंदेलखंड में सबसे बुरे हालात है। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन, आगर-मालवा, अलीराजपुर, अशोकनगर, बड़वानी, बैतूल, बुरहानपुर, दतिया, देवास, धार, गुना, हरदा, झाबुआ, खरगोन, खंडवा, मंदसौर, मुरैना, नर्मदापुरम, नीमच, रायसेन, राजगढ़, रतलाम, सीहोर, शाजापुर, श्योपुरकलां, शिवपुरी, विदिशा, बालाघाट, छतरपुर, छिंदवाड़ा, दमोह, मंडला, नरसिंहपुर, रीवा, सतना, सागर, सिवनी, शहडोल, सीधी, सिंगरौली और टीकमगढ़ इन जिलों में पानी बहुत कम मात्रा में गिरा है। शाजापुर, नीमच, उज्जैन, राजगढ़, मंदसौर, खंडवा और आगर-मालवा जिलों में 80 प्रतिशत तक कम पानी गिरा है।
सबसे गर्म रहा ग्वालियर
मध्य प्रदेश के 90 प्रतिशत हिस्से से मानसून की वापसी हो चुकी है। अब केवल जबलपुर, रीवा और शहडोल संभाग के नौ जिलों से मानसून की विदाई बाकी है। आसमान पूरी तरह साफ होने से अधिकांश जिलों में तीखी धूप निकली। रविवार को ग्वालियर में अधिकतम तापमान 36.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। यह प्रदेश में सबसे अधिक रहा। ग्वालियर के अलावा शिवपुरी में अधिकतम 36.2, सतना में 36, गुना में 36, भोपाल में 35.2, नर्मदापुरम में 34.9, इंदौर में 34.0 जबलपुर में 34.8, खजुराहो में 36.4, सागर में 38.6 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज हुआ। पचमढ़ी को छोडकऱ प्रदेश के सभी जिलों में अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस के ऊपर दर्ज किया गया। वहीं अब रात के तापमान में भी गिरावट होने लगी है। रविवार को 16.9 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ मलाजखंड प्रदेश का सबसे ठंडा स्थान रहा।

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