–करोड़ों का कोष पड़ा हुआ है सालों से बेकार , नहीं किया जा रहा खर्च
-स्थानीय विकास कार्यों में किया जाता है उपयोग
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में ऐसे क्षेत्र जहां खनिजों का खनन होता है वहां के लिए डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट बनाया गया है। इसमें डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड जमा होता है, जो स्थानीय विकास कार्यों पर खर्च किया जाता है। लेकिन कई जिलों में इस फंड का सही उपयोग नहीं हो पा रहा है। इस कारण खनिज संपदा वाले क्षेत्रों में विकास कार्य प्रभावित हो रहा है।
खनिज संपदा मामले में जबलपुर का प्रदेश में अहम स्थान है। हर साल के खजाने में करोड़ों का खनिज राजस्व आता है। स्थानीय विकास कार्यों पर खर्च के प्रावधान के बावजूद राशि के इस्तेमाल में प्रशासनिक कोताही बरती गई। लिहाजा स्वीकृत कार्यों में भी ज्यादातर पर धेला खर्च नहीं किया गया। स्कूल भवन, खेल परिसर, अस्पतालों में उपकरण और इलाज की व्यवस्था जैसे गिने-चुने काम कराए गए। उन पर भी 50 फीसदी से अधिक उपयोग नहीं किया जा सका।
फंड का उपयोग नहीं
बता दें, जिले में प्रमुख रूप से लौह अयस्क, बॉक्साइट, सिलिका सैंड, मुरम, संगमरमर, गिट्टी-पत्थर, चीनी मिट्टी, सीसा, भूरा पत्थर, डोलोमाइट आदि मुख्य और गौण खनिज पाए जाते हैं। इनसे बड़ी मात्रा में राजस्व मिलता है। बीते 3 दिन से खनिज मद में लगभग 51 करोड़ों रुपए जमा स्थानीय विधायकों और विभागों की ओर से 98 कार्यों का प्रस्ताव मिला लेकिन इनके लिए अब तक 28 करोड़ रुपए ही स्वीकृत किए गए। इनमें से बरगी में 30 स्तरों के चिकित्सालय के उन्नयन पर 3 करोड़ 31 लाख रुपए खर्च किए जाने थे। अब तक ढाई करोड़ के काम ही नहीं हुए। बाई का बगीचा में नए स्कूल भवन के लिए स्वीकृत पौने तीन करोड़ में सवा करोड़ का ही इस्तेमाल किया गया। इसी मदद से जैविक खेती के लिए किसानों को प्रशिक्षण और जैविक सामग्री उपलब्ध कराने के लिए करीब एक करोड़ रुपए का प्रावधान था। इसी तरह के कई प्रस्ताव हैं जो कागजों से बाहर नहीं आए। हालांकि जबलपुर कलेक्टर डॉ इलैया राजा टी का कहना है कि जिले में फंड के उपयोग और स्वीकृत कार्यों की प्रगति को लेकर नियमित समीक्षा की जा रही है। आजीविका मिशन व अन्य जनहित के नए कार्य भी हाथ में लिए जा रहे हैं।
28/04/2022
0
251
Less than a minute
You can share this post!