कांग्रेस को निराशा से… निकालेंगे दिग्विजय

  • पूर्व मुख्यमंत्री करेंगे प्रदेशभर का दौरा
  • विनोद उपाध्याय
दिग्विजय सिंह

भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस भी लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है। लेकिन कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी समस्या है कार्यकर्ताओं की निराशा। दरअसल विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस में निराशा का भाव इस कदर भर गया है कि कार्यकर्ता घर बैठ गए हैं। ऐसे में कार्यकर्ताओं में जोश भर कर उन्हें निराशा से निकालने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह प्रदेशभर का दौरा करेंगे।
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद मप्र कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए कमर कस ली है। कांग्रेस पार्टी का फोकस जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने का है। चुनाव में मिली हार के बाद कार्यकर्ताओं में नई जान फूंकने के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी लगातार दौरा कर रहे हैं। इसी कड़ी में दिग्गज नेता और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह भी मैदान में आ गए हैं। वो विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर कार्यकर्ताओं के साथ सीधा संवाद करेंगे। गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव के पहले भी दिग्विजय सिंह ने प्रदेश की उन 66 सीटों का लगातार दौरा किया था, जहां पर लगातार पार्टी को विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ रहा है। वे प्रदेश कांग्रेस के ऐसे एकमात्र नेता हैं, जिनका प्रदेश के कांग्रेस कार्यकर्ताओं से न केवल सीधा संवाद बना हुआ है, बल्कि  लगातार सक्रिय रहकर उनके सुख दुख में भी खड़े रहते हैं। वे कार्यकर्ताओं को नाम लेकर बुलाते हैं। उनके प्रदेश में बड़े पैमाने पर व्यक्तिगत रूप से समर्थक भी हैं, जिसका फायदा पार्टी को मिलता है।
आज नरसिंहगढ़ से अभियान की शुरुआत
दरअसल, विधानसभा चुनाव में मिली असफलता के कारण कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह की कमी आई है। ऐसे में पार्टी के सामने मुख्य चुनौती कार्यकर्ताओं में नई जान फूंकने की है। यही कारण है कि वरिष्ठ नेता कार्यकर्ताओं से अधिक से अधिक संवाद करने पर जोर दे रहे हैं। दिग्विजय सिंह आज राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ से अभियान की शुरुआत करेंगे। इस दौरान वे नरसिंहगढ़ में मंडलम अध्यक्षों, विधानसभा और सेक्टर अध्यक्षों के साथ ही बीएलए कार्यकर्ताओं के साथ अलग-अलग बैठक करेंगे। कार्यकर्ताओं की बैठक में नगर पालिका परिषद, जनपद जिला जनपद पंचायत के चुने गए सदस्यों, सेवादल, महिला कांग्रेस, युवक कांग्रेस, किसान कांग्रेस, आईटी सेल, एनएसयूआई सहित सभी प्रकोष्ठ के सदस्य एवं सभी वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। इस बैठक में विधानसभा क्षेत्र के सभी कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित होंगे, जिन्होंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण की है। सोमवार 22 जनवरी को पूर्व सीएम राजगढ़ जिले के सारंगपुर में समीक्षा बैठक करेंगे। मंगलवार 23 जनवरी को आगर-मालवा जिले के सुसनेर में रहेंगे। बुधवार को सिंह राजगढ़ जिले के खिलचीपुर में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे। गुरुवार 25 जनवरी को पूर्व सीएम राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं से मिलेंगे। 26 जनवरी को ब्यावरा में रहेंगे और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे। खास बात यह है कि इस दौरान सिर्फ उन्हें ही प्रवेश मिलेगा, जो पार्टी का सक्रिय सदस्य होगा।
पैनलिस्ट आलोक शर्मा को शोकॉज नोटिस
कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया पैनालिस्ट आलोक शर्मा को पार्टी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। मीडिया विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन खेड़ा ने नोटिस जारी किया है। इसमें उनके बयान पर दो दिनों में जवाब मांगा गया है। आलोक शर्मा ने कई मीडिया चैनल पर बयान में पूर्व सीएम कमलनाथ के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उन्होंने मप्र विस चुनाव के लिए कमलनाथ को हार का जिम्मेदार बताया था। पार्टी ने शर्मा के बयान को अनुशासनहीनता माना और उनसे दो दिन में जवाब देने को कहा है। नोटिस में कहा है कि पार्टी के वरिष्ठ पद पर होने के बाद भी आपने न सिर्फ आधारहीन और भड़काऊ बयान दिए, बल्कि पार्टी और उसके वरिष्ठ नेताओं को कमतर दिखाने की कोशिश की। कांग्रेस पार्टी का सदस्य होने के चलते आपको मालूम है कि पार्टी अनुशासन पर जोर देती है और इसका पालन नहीं करने पर गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं। इसलिए आपके जरिए दिए गए बयान पर आपकों दो दिनों के भीतर जवाब देने का मौका दिया जाता है। आलोक ने कहा था कि कमलनाथ ने पिछले 5-6 साल के कार्यकाल को देखें तो, उससे ऐसा लगता है कि वो खुद नहीं चाहते थे कि कांग्रेस की सरकार आए। उन्होंने कांग्रेस नेताओं को अपने स्तर पर काम नहीं करने दिया। कमलनाथ के घर ईडी-सीबीआई क्यों नहीं पहुंचती है। उन्होंने कहा कि मुझे नाम लेने में कोई गुरेज नहीं है कि वह व्यक्ति कमलनाथ हैं और उनके पांच-छह सार्ता से जैसे क्रियाकलाप रहे, उससे ऐसा लगता है कि उनकी भाजपा से सांठगांठ है। शर्मा ने आगे कहा कि हमारे वरिष्ठ नेताओं की गलती है कि इस व्यक्ति को पहचाना नहीं गया। मध्यप्रदेश में उनके राज में क्यों सरकार गिरी।

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