- अधूरी तैयारी के साथ बैठक में पहुंच रहे अधिकारी
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम
मप्र की मोहन यादव की सरकार वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट की तैयारियां शुरू कर दी है। मप्र का बजट पहली बार शून्य आधार पर बनेगा। जिसमें एक-एक योजना का मूल्यांकन होगा। विभागों को योजनाओं का लाभ, खर्च और फायदा बताना होगा। नई योजनाओं के लिए 5 दिसंबर तक वित्त विभाग ने प्रस्ताव मांगे है।
23 दिसंबर से 15 जनवरी तक प्रमुख सचिव स्तरीय चर्चा होगी। 27 से 30 जनवरी तक मंत्री और वित्त मंत्री चर्चा करेंगे। अभी बजट की तैयारियों पर चर्चा करने करने के लिए उप सचिव स्तर की बैठकें चल रही हैं, जो 29 नवंबर तक जारी रहेंगी। लेकिन विडंबना यह है कि शून्य आधारित बजट में विभागों की रूचि नहीं दिख रही है। शायद यही वजह है कि अधिकारी आधी-अधूरी तैयारियों के साथ अधिकारी बैठक में पहुंच रहे हैं। विभाग की ओर से अपने बजट प्रस्ताव के पक्ष में पिछले सालों के व्यय का संदर्भ के साथ-साथ यह भी साफ करना होगा कि प्रस्तावित किए जा रहे बजट अनुमान की गणना का आधार क्या है। इससे वर्तमान योजनाओं, कार्यक्रमों या गतिविधियों के वित्त पोषण और प्रदर्शन स्तरों की व्यवस्थित समीक्षा और औचित्य पर ध्यान केंद्रित करके संसाधनों को फिर से किया जा सकेगा। शून्य आधार बजटिंग प्रोसेस के अंतर्गत विभाग में ऐसी योजनाओं को चिन्हांकित किया जा सकेगा, जो वर्तमान में अपनी उपयोगिता खो चुकी है और जिन्हें खत्म किया जा सकता हो। इसके अतिरिक्त विभाग की ओर से प्रचलित समान उद्देश्य की योजनाओं को संविलियित करने का भी विचार किया जा सकता है। आपको बता दें, शून्य आधारित बजट में बजट अनुमान शून्य से शुरू किया जाता है। इसमें गत वर्षों के व्यय संबंधी आंकड़ों का कोई महत्व नहीं रहता है। इस सिस्टम में कार्य इस आधार पर शुरू किए जाते हैं कि अगली अवधि के लिए बजट शून्य है।
आगे बढ़ाना पड़ रहीं बैठकें
जीरो बेस बजटिंग के आधार पर बजट तैयार करने की प्रक्रिया पिछले वर्षों के मुकाबले करीब एक महीने पहले से शुरू कर दी गई है। अभी बजट की तैयारियों पर चर्चा करने करने के लिए उप सचिव स्तर की बैठकें चल रही हैं, जो 29 नवंबर तक जारी रहेंगी। वित्त विभाग के उप सचिवों को अलग- अलग विभागों के अधिकारियों के साथ बैठकों की जिम्मेदारी दी गई है। खास बात यह है कि इन बैठकों में विभिन्न विभागों के अधिकारी तैयारी के साथ नहीं पहुंच रहे हैं, जिससे बैठकें आयोजित करने का कोई निष्कर्ष नहीं निकल रहा है। यही वजह है कि वित्त विभाग के उप सचिवों को बैठक की नई तारीख तय कर अधिकारियों से अगली बार पूरी तैयारी से आने के लिए कहा जा रहा है। इससे बजट का शेड्यूल प्रभावित हो रहा है। अधिकारियों का कहना है, चूंकि जीरो बेस बजटिंग विधि से पहली बार बजट तैयार हो रहा है, इसलिए अधिकारियों को अतिरिक्त प्रयास करना पड़ रहा है, जिससे कुछ अधिकारी बच रहे हैं। वित्त विभाग वर्ष 2025-26 के लिए बजट बनाने का कैलेंडर जारी कर दिया है। जारी कैलेंडर के अनुसार विभागों के लिए नई योजनाओं के प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजने की अंतिम तिथि 5 दिसंबर है। उप सचिव स्तर की बैठकों के बाद प्रमुख सचिव और सचिव स्तर के अधिकारियों के बीच 23 दिसंबर से 15 जनवरी के बीच बजट पर चर्चा होगी। जनवरी से मार्च के बीच मंत्रियों के बीच चर्चा होगी और विभाग बजट भाषण के लिए ब्यौरा भी भेजेंगे। बजट के विभिन्न चरणों के लिए सरकारी विभागों के लिए निर्धारित समय सीमा 31 मार्च को समाप्त होगी।
मंत्रालय में होगी एक और सर्जरी
प्रदेश में पिछले सप्ताह 26 आईएएस अफसरों की तबादली सूची जारी की गई। सीएम सचिवालय में पदस्थ दो प्रमुख सचिवों-संजय शुक्ला और राघवेंद्र कुमार सिंह की नई पदस्थापना कर उन्हें विभागों में पदस्थ किया गया है। अब सीएम सचिवालय के सभी अधिकारी सीधे अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा को रिपोर्ट करेंगे। इसके बाद सीएम सचिवालय के दो उप सचिवों का भी तबादला कर दिया गया है। मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि जल्द ही आईएएस अफसरों की एक और तबादला सूची जारी हो सकती है। सीएम सचिवालय में उप सचिव स्तर के अधिकारियों की पदस्थापना की जाएगी। कई विभागों में अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है, जबकि इन पदों के लिए फुल फ्लैश अफसरों की जरूरत है। इन अधिकारियों से अतिरिक्त प्रभार वापस लेकर विभागों की जिम्मेदारी दूसरे अधिकारियों को दी जाएगी। उमाकांत उमराव को खनिज साधन विभाग का प्रमुख सचिव बनाने के साथ प्रबंध संचालक एमपी खनिज निगम और संचालक खनिकर्म भौतिक का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। यह पद सचिव और अपर सचिव स्तर के अधिकारियों को सौंपा जा सकता है।