ब्रिटेन में प्रदेश के महुआ की धूम, दोगुनी हुई मांग

महुआ
  • वन विभाग करेगा विदेशी व्यापारियों से अनुबंध

    भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र ऐसा राज्य बन गया है, जहां उत्पादित महुआ लंदन के व्यापारियों को खूब भा रहा है। यही वजह है कि गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष महुआ की मांग दोगुनी होने की संभावना जताई जा रही है। इसके लिए जल्द ही विदेशी व्यापारियों और वन विभाग के बीच एमओयू साइन हो सकता है। लंदन के व्यापारियों ने पिछले वर्ष उमरिया जिले से ही एक हजार क्विंटल महुआ की खरीद की थी। बीते साल समूचे प्रदेश से लगभग 2000 क्विंटल महुआ विदेश भेजा गया था। इसमें सबसे ज्यादा मात्रा उमरिया जिले की रही। महुआ बीनने वाले आदिवासियों को ज्यादा से ज्यादा फायदा हो इसके लिए मध्य प्रदेश सरकार ने पिछले साल विदेशी कंपनियों के साथ अनुबंध किया था। महुआ का समर्थन मूल्य 3500 रुपये है लेकिन लंदन के व्यापारियों ने 110 रुपये प्रति किलो की दर से इसकी खरीदी पिछले साल की थी। विदेशी बाजार में महुआ की अच्छी कीमत मिलने से आदिवासियों को इसका सीधा आर्थिक फायदा भी हो रहा है। लंदन के व्यापारियों ने अकेले उमरिया जिले से इस बार दो हजार क्विंटल महुआ खरीदा तो इसका लाभ भी यहां के आदिवासियों को ही मिलना तय है। इसकी वजह है उनके द्वारा ही इसे एकत्रित किया जाता है।
    बिचौलियों की भूमिका हुई समाप्त
    पहले औने-पौने रेट पर बिचौलिये ग्रामीणों से उनका महुआ खरीद लेते थे और खुद उसे बेचकर अधिक मुनाफा कमाते थे, लेकिन जब से सरकार ने महुआ का समर्थन मूल्य तय किया है बिचौलियों की भूमिका खत्म हो गई है। अब बाजार में पांच हजार रुपये क्विंटल की दर से महुआ बिक रहा है। महुआ का मूल्य संवर्धन करने के लिए प्रदेश सरकार ने पिछले साल विदेशी कंपनियों से अनुबंध किया था। इससे आदिवासियों को अपने वनोपज की अच्छी कीमत भी मिल गई थी।
    जमीन पर नहीं गिरेगा महुआ
    अभी तक महुआ जमीन पर गिरता था और उसकी गुणवत्ता कम हो जाती थी। इससे कम मात्रा में उपज संग्राहकों के हाथ में आ पाती थी। महुआ की पूरी उपज गुणवत्ता के साथ आदिवासियों के हाथ में आ सके, इसके लिए अब महुआ संग्राहकों को नेट (जाली) दिया जा रहा है। हरे रंग का यह नेट महुआ संग्राहक पेड़ के नीचे जमीन से दो-तीन फीट की ऊंचाई पर लगा देंगे, जिससे महुआ जमीन पर नहीं गिरेगा और खराब नहीं होगा। नेट पर गिरने वाले महुए को समेटने में समय भी ज्यादा नहीं लगेगा। इस तरह होने वाले महुआ संग्रहण से ग्रामीणों के हाथ में सौ प्रतिशत फसल आएगी।
    यह होता है उपयोग
    महुआ का उपयोग सिर्फ शराब बनाने के लिए ही नहीं होता बल्कि इसके दूसरे भी कई तरह के उपयोग किए जाते हैं। महुए का उपयोग मक्खन बनाने, जेम और जेली सहित कई तरह की खाने की वस्तुएं बनाने में किया जाता है। इसके अलावा महुआ से शरीर पर लगाई जाने वाली क्रीम भी बनाई जाती है। इसके अलावा भी दूसरे कई उपयोग महुए के हैं।

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