20 मंत्री अभी तक लगा चुके हैं केंद्र से गुहार…
भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। चुनावी साल में सरकार का पूरा फोकस विकास पर है। प्रदेश सरकार की कोशिश है कि बचे समय में अधिक से अधिक विकास कार्य करवाए जाए। इसके लिए प्रदेश सरकार का फोकस इस बात पर है कि केंद्र में मप्र के हिस्से का जो फंड बचा है उसे लाया जाए। करीब शेष बचे 13 हजार करोड़ रुपए के लिए अभी तक करीब 20 मंत्री दिल्ली दरबार में जाकर मांग कर चुके हैं।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश के लिए कुल बजट प्रावधान 47,458.06 करोड़ का रखा है। इसमें केंद्र का अंश 32,556.34 करोड़ है। वित्त विभाग की वेबसाइट के अनुसार 31 जनवरी तक मध्यप्रदेश के विभिन्न विभागों को 19,593 करोड़ से अधिक राशि प्राप्त हो चुकी है और अब बचे करीब डेढ़ माह में लगभग 13 हजार करोड़ रुपए की जरूरत है।
मंत्रियों की केंद्र से मांग
प्रदेश के मंत्रियों ने दिल्ली जाकर केंद्र सरकार से अपने-अपने विभाग की योजनाओं के लिए फंड की मांग की है। लोक निर्माण विभाग मंत्री गोपाल भार्गव ने सडक़ एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर नौरादेही पर एलीवेटेड कॉरिडोर विकसित करने की मंाग की है। वर्ष 2022-23 की कार्य-योजना में शामिल 4,935 करोड़ रुपए लागत के लंबित 11 कार्यों की स्वीकृति दी है। प्रदेश में 9 मार्गों के नवीनीकरण के 158 करोड़ रुपए के प्रस्ताव में से लंबित शेष 77 करोड़ दिए जाएं। सेतु बंधन योजना में 8 फ्लाई ओवर निर्माण के लिये 512 करोड़ रुपए मांगे गए हैं। भार्गव नेे बताया कि सडक़ एवं परिवहन मंत्री से मुलाकात का फायदा यह हुआ लंबित फाइलें दौडऩे लगी हैं। 11 लंबित प्रपोजल जल्द स्वीकृत होने की उम्मीद है। केंद्र का अंश भी मुलाकात के बाद ज्यादा लाए हैं। वहीं जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने सडक़ परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर इंदौर में राष्ट्रीय राजमार्ग के विस्तारीकरण के साथ सांवेर विधानसभा क्षेत्र बाइपास निर्माण तथा केंद्रीय सडक़ निधि से सांवेर में सडक़ निर्माण की मांगी की। वहीं नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने केंद्रीय शहरी आवास मंत्री हरदीप सिंह पुरी से मुलाकात की और प्रधानमंत्री आवास, स्वच्छ भारत मिशन और अमृत मिशन की बच राशि मांगी। करीब 973 करोड़ रुपए की मांग की। उन्होंने आवास संख्या बढ़ाने की भी मांग की। भूपेंद्र सिंह ने बताया कि पीएम आवास योजना शहरी में ज्यादा राशि मिली। यही कारण है कि अब तक 3 हजार करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। पिछले साल 1,900 करोड़ रुपए खर्च हुए थे । 590 करोड़ का प्रपोजल दिल्ली भेजा है। प्रद्युम्न सिंह तोमर ने 7,206 करोड़ की राशि मांगी है। भारत सिंह कुशवाह ने पर्यटन अधोसंरचना के लिए 2,819 लाख 96 हजार की परियोजना मंजूरी की मांग की। वहीं राज्य मंत्री आयुष राम किशोर कावरे ने बालाघाट में आयुर्वेद महाविद्यालय, हर्बल गार्डन एवं फार्मेसी की स्थापना करने, बालाघाट एवं सिवनी की संजय सरोवर परियोजना में नहरों के विस्तारीकरण और आधुनिकीकरण में 357 करोड़ कार्ययोजना की मंजूरी की मांगी की।
नए प्रोजेक्ट पर फोकस
वर्ष 2022-23 का बजट सत्र समाप्त होने में अब महज डेढ़ माह बचे हैं। ऐसे में केंद्र सरकार से अपने विभाग का बकाया हिस्सा लेने और नए प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलने के लिए मंत्री दिल्ली दौड़ लगा रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी लगातार कह रहे हैं कि अपने विभागों के लिए ज्यादा से ज्यादा राशि लाने के लिए दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों से सतत मुलाकात करें। आईएएस अफसरों से भी दिल्ली में संबंधित विभागों में संपर्क बनाए रखने कहा गया है। इस साल करीब 20 मंत्री अलग-अलग समय में केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात करते हुए बजट मांग चुके हैं। कुछ ने लंबित परियोजनाओं को आगे बढ़ाने का आग्रह किया है।