- विभागों में मचा हडक़ंप, पोर्टल पर होंगे अपलोड
गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। अनुराग जैन प्रदेश के नए जबसे मुख्य सचिव बने हैं, उसके बाद से प्रशासनिक कसावट का काम शुरु हो गया है। परिणामस्वरुप प्रदेश की नौकरशाही में इन दिनों हडक़ंप की स्थिति बनी हुई है। दरअसल जैन को कामकाज में लेट लतीफ कतई पसंद नही है और वे सुशासन के बेहद पक्षधर है। यही वजह है कि उनकी कार्यशैली में भी यही सब झलकता है। अब उनके द्वारा सभी विभाग प्रमुखों को पत्र लिखकर कहा गया है कि वे जनरल मॉनिट प्रकरणों के निराकरण के मामलों को एकजाई कर उसकी जानकारी पोर्टल पर अपलोड करें। इससे मामलों की जानकारी और उस पर हुई कार्रवाई की जानकारी तत्काल मिल सकेगी। यह निर्देश मिलने के बाद से विभागों में हडक़ंप की स्थिति बन गई है। दरअसल प्रदेश में इस तरह के मामलों की संख्या 78126 बनी हुई है। इसमें भी सर्वाधिक लंबित मामलों की संख्या गृह विभाग में है। उल्लेखनीय है कि अभी तक मुख्य सचिव सामान्य मॉनिट में लंबित प्रकरणों की मॉनीटरिंग की को भी ठास व्यवस्था नही थी , जिसकी वजह से विभाग अपने हिसाब से ऐसे मामलों पर कार्रवाई करते रहे थे। मुख्य सचिव अनुराग जैन हर हाल में समय पर शिकायत के निराकरण पर जोर दे रहे हैं। अहम बात तो यह है कि अफसरों द्वारा रुचि नहीं लिए जाने की वजह से जनरल मॉनिट में कई प्रकरण तो ऐसे लंबित हैं, जिनका निराकरण बीते पांच साल में भी नहीं किया गया है। यही वजह है कि मुख्य सचिव मॉनिट में ही लंबित प्रकरणों की संख्या दिनों दिन बढ़ती गई है। बीते पखवाड़े की स्थिति में सीएस मॉनिट में सर्वाधिक लंबित प्रकरणों की संख्या गृह विभाग में है। गृह विभाग में 14 हजार अधिक मामले लंबित हैं। इस मामले में सबसे अच्छी स्थिति आनंद विभाग की है। इस विभाग में महज 101 और लोक परिसंपत्ति विभाग में 78 प्रकरण ही लंबित हैं।
यह है विभागों की स्थिति
मुख्य सचिव कार्यालय ने सभी विभागों के लंबित प्रकरणों की सूची बनवाई है। जिसमें 58 विभागों के 78126 मामले लंबित हैं। गृह विभाग 14 हजार, ऊर्जा, 1001, कृषि 1781, वित्त 2210, खाद्य 1406, वन 2320, सामान्य प्रशासन विभाग (पर्सनल) 2661, सामान्य प्रशासन 5551, उच्च शिक्षा 1156, उद्योग 2625, विधि एवं विधायी 1246, खनिज 1413, पंचायत 2266, योजना एवं साख्यिकी 1293, स्वास्थ्य 3597. लोक निर्माण 1274, राजस्व 3750, स्कूल शिक्षा 1697, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी 1422, अजजा कल्याण 1184, नगरीय प्रशासन 3692, जल संसाधन 1254, महिला एवं बाल विकास 1579 प्रकरण लंबित हैं। इसके अलावा अन्य विभागों के प्रकरण एक हजार से कम हैं।
कई कर्मचारियों को किया निलंबित
समाधान ऑनलाइन कार्यक्रम में मुख्य सचिव ने 10 जिलों उमरिया, शिवपुरी, धार, सिंगरौली, नीमच, राजगढ़, पन्ना, खरगोन, रतलाम, एवं ग्वालियर के शिकायतकर्ताओं से संवाद कर, उनकी शिकायतों के संबंध में विस्तृत चर्चा की। साथ ही संबंधित जिले के कलेक्टर्स को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इस दौरान बेहद लापरवाही मिलने पर कुछ अफसरों व कर्मचारियों के खिलाफ उनके द्वारा कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
पहली ही सुनवाई में दिखी सख्ती
प्रदेश के प्रशासनिक मुखिया बनने के बाद अनुराग जैन ने सोमवार को सुनवाई की तो लंबित मामलों को लेकर उनके तेवर बेहद तीखे नजर आए। यही वजह है कि उनके द्वारा साफ कर दिया गया कि जनता के मामलों में लापरवाहों को वो किसी भी हाल में बख्शने वाले नहीं है। ऐसे मामलों में अब नौकरी भी जाएगी। समाधान ऑनलाइन के दौरान मुख्य सचिव ने साफ संदेश दिया है कि सबसे महत्वपूर्ण है अधिकारी-कर्मचारी जनता के प्रति संवेदनशील रहें। जनसमस्याओं के प्रति समर्पित भाव से रुचि लें। जनता के काम का सकारात्मक समाधान होना चाहिए, तभी उनमें संतुष्टि का भाव जागृत होगा। श्री जैन ने कहा कि जनसमस्याओं का निराकरण सत्यता पर आधारित होना चाहिए। श्री जैन ने कहा कि झूठी रिपोर्टिंग करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाकर उनकी सेवाएं समाप्त की जाएं। सीएम हेल्पलाइन का स्वरूप बदलकर फोरक्लोज करने वालों पर भी सख्त कार्यवाही की जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रक्रिया आधारित (प्रोसेस बेस्ड) सिस्टम बनाएं, जिसमें काम का बोझ कम होकर, समय सीमा पर कार्य हो सकेंगे। श्री जैन ने कहा कि अपने अधिकारियों कर्मचारियों की क्षमता निर्माण (कैपेसिटी बिल्डिंग) की जानी चाहिए, उन्हें विश्वास में लेकर कार्य किए जाएं। जिलों में विभागवार जनसमस्याओं का बारीकियों से निदान करें।