– आप, सपा और कांग्रेस अलग-अलग लड़ेंगी चुनाव
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। भाजपा और एनडीए को चुनौती देने के लिए विपक्षी पार्टियों ने इंडिया गठबंधन बनाया है। लेकिन मप्र में इस गठबंधन में दरार पड़ गई है। गठबंधन में शामिल आप, सपा और कांग्रेस मप्र में अलग-अलग चुनाव लडेंग़ी। आप का सबसे अधिक फोकस उत्तर प्रदेश की सीमा से लगी उन सीटों पर है, जहां सपा और बसपा की स्थिति मजबूत है। वहीं सपा और आप ने प्रदेश की उन सीटों पर भी चुनाव लडऩे की तैयारी शुरू कर दी है, जहां कांग्रेस मजबूत स्थिति में है। गौरतलब है कि भाजपा, सपा, बसपा और आप ने तो अपने उम्मीदवारों की पहली सूची भी जारी कर दी है। उसके प्रत्याशी अपने-अपने क्षेत्रों में प्रचार-प्रसार में जुट गए हैं। इससे राष्ट्रीय स्तर पर एकजुटता दिखा रही विपक्षी पार्टियों के गठबंधन इंडिया यानी इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इन्क्लूसिव अलायंस की पोल खुल गई है। यह अभी से साफ हो गया है कि मप्र में विपक्षी गठबंधन में शामिल अलग-अलग ही चुनाव लड़ेंगे। गौरतलब है कि सपा, आप और बसपा ने उम्मीदवारों की एक-एक सूची जारी कर दी है। प्रदेश में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है। विपक्षी गठबंधन इंडिया में शामिल सपा और आप के अपने पॉकेट्स हैं, जहां वह कुछ सीटों को हासिल करने की स्थिति में हैं।
कहां कौन है मजबूत: प्रदेश की छतरपुर की बिजावर विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी से राजेश कुमार शुक्ला ने चुनाव जीता था, लेकिन अब वह भी भाजपा में शामिल हो गए। सपा उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे पन्ना, छतरपुर, भिंड, मुरैना, ग्वालियर, दतिया, सतना, रीवा में प्रभाव होने का दावा करती है। इस पर पार्टी के पदाधिकारियों ने 13 जिलों की 57 सीटों को ए ग्रेड में रखा है। अब तक पार्टी की तरफ से 7 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की गई है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामायण सिंह पटेल का कहना है कि अभी हमारे यहां गठबंधन जैसी कोई बात नहीं दिख रही है। हम सभी सीटों पर चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहे है। इसके बाद हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष पर सबकुछ निर्भर है। आम आदमी पार्टी विंध्य क्षेत्र में तेजी से बढ़ी है। सिंगरौली में पार्टी की महापौर है। पार्टी ने 10 उम्मीदवारों का एलान किया है। अरविंद केजरीवाल भी लगातार सभाएं ले रहे हैं। सतना के बाद रीवा में 18 सितंबर को रैली होने वाली है। आप की प्रदेश अध्यक्ष और सिंगरौली की महापौर रानी अग्रवाल का कहना है कि हम पूरी ताकत के साथ अकेले ही चुनाव लड़ेंगे। सभी 230 सीटों पर प्रत्याशी उतारेंगे। दूसरी सूची भी दो से तीन दिनों में जारी हो जाएगी।
कांग्रेस को होगा नुकसान
प्रदेश में सपा, आम आदमी पार्टी कई सीटों पर मजबूत है। ऐसे में गठबंधन नहीं होने का नुकसान कांग्रेस को ही होगा। चुनाव में सपा और आदमी पार्टी के उत्तीदवार चुनाव भले ही नहीं जाते, लेकिन वोट काटने का नुकसान कांग्रेस को भुगतना होगा। मप्र विधान सभा चुनावों में आम आदमी पार्टी मुख्य रूप से समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के प्रभाव वाले यूपी से सटे इलाकों में फोकस कर रही है। पार्टी सितम्बर के दूसरे हफ्ते में 8 से 10 टिकट घोषित कर सकती है। दिल्ली और पंजाब में सरकार बना चुकी आप एमपी में भी विधान सभा चुनावों में छाप छोडऩे की तैयारी में है। पार्टी विंध्य, ग्वालियर चम्बल और बुंदेलखंड पर फोकस कर रही है। यूपी की सीमा से सटे ये वो इलाके हैं जहां सालों से बसपा और सपा जैसी पार्टियों का बेस रहा है। हालांकि पिछले कई चुनावों से दोनों ही पार्टियों का प्रभाव लगातार घटता रहा है। ऐसे में आप एमपी में इन इलाकों में पैठ बनाकर तीसरी ताकत बनने की कोशिश में है। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविन्द केजरीवाल भी भोपाल के अलावा ग्वालियर और सतना का दौरा कर चुके हैं। सितम्बर के तीसरे हफ्ते में केजरीवाल एक बार फिर एमपी में रीवा या इंदौर आ सकते हैं। पार्टी नेताओं के मुताबिक अचार संहिता लगते ही केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान के दौरों की संख्या भी बढ़ जाएगी।
आप ने कांग्रेस पर बनाया दबाव
गौरतलब है कि आप ने अपने 10 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है। उम्मीदवारों की सूची जारी करने के बाद आप ने राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस से गठबंधन धर्म निभाने की मांग कर डाली है। आप ने मप्र की विधानसभा सीटों में भी कांग्रेस से हिस्सा मांगा है। ऐसा कर पार्टी ने कांग्रेस पर सियासी दबाव बनाने की कोशिश की है। राज्य की 230 सीटों में आप ने हिस्सेदारी की मांग की है। आप मध्यप्रदेश की करीब 50 सीटों पर खुद को मजबूत मानकर चल रही है और वह तकरीबन ढाई दर्जन सीटों की मांग कांग्रेस से कर रही है। कांग्रेस ने अगर आप के इस दावे पर भरोसा किया, तो उसका खुद का टिकट वितरण का समीकरण बिगड़ जाएगा। समझौता नहीं होने की स्थिति में आप सभी 230 सीटों पर चुनाव लडऩे का दावा कर रही है। आप के मप्र के नेताओं और रणनीतिकारों का कहना है कि पार्टी का नगर निगम चुनाव में प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा है।