कोरोना से तबाह पर्यटन उद्योग को मिलेगी नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व से राहत

नेशनल पार्क

कोरोना संक्रमण के चलते केन्द्र द्वारा लगाए गए वीजा प्रतिबंध की वजह से 2020 में 2019 के मुकाबले 75 प्रतिशत कम आए विदेशी

भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम।
कोरोना महामारी के चलते देश की तरह मध्यप्रदेश के पर्यटन उद्योग को तगड़ा झटका लगा है। हालत यह है कि अकेले इसी उद्योग को बीते ढाई साल में करीब 60 हजार करोड़ का नुकसान होने का अनुमान है। इसकी वजह है प्रदेश में वर्ष 2019 के शुरूआती महिनों से ही विदेशी पर्यटकों का आना लगभग बंद हो चुका है।
इसके साथ ही राज्यों में भी तालाबंदी और कोरोना कर्फ्यू के चलते देशी पर्यटकों की आवाजाही पूरी तरह से बंद है। अब इस उद्योग के लिए राहत की बात यह है कि आज से प्रदेश के नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व खोलने का फैसला कर लिया गया है। माना जा रहा है कि इससे इस उद्योग को कुछ राहत मिल सकती है। यह बात अलग है कि अभी देशी पर्यटकों की ही आवाजाही शुरू हो सकेगी। दरअसल पर्यटन उद्योग कोरोना की पहली लहर की बेहाली से उबरने का प्रयास कर ही रहा था, कि संक्रमण की दूसरी लहर ने उसे तगड़ा झटका दे दिया। यही वजह है कि बीते साल कोरोना पर काबू पाने के बाद स्थिति थोड़ी सुधरी तो बीते साल के अंत तक प्रदेश में 57 लाख 81 हजार पर्यटकों ने आमद दी। खास बात यह है कि इसमें भी सर्वाधिक पर्यटक बाघ अभ्यारण और प्राकृतिक स्थलों वाले पर्यटन स्थलों पर आए थे। इनमें सबसे अधिक 18 लाख पर्यटक दिसंबर माह में विभिन्न पर्यटन स्थलों पर पहुंचे थे। खास बात यह है कि कोरोना के बाद विदेशी पर्यटकों की संख्या में अत्याधिक कमी आयी है। बीते साल कोरोना संक्रमण शुरू होने के शुरूआती तीन माह में प्रदेश में 57786 विदेशी पर्यटक आए थे, लेकिन अब इनकी सख्या सैकड़ों में ही रह गई है। इसका अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि बीते साल के शेष 9 माह में प्रदेश में लगभग दो हजार ही विदेशी पर्यटक आए हैं।
उम्मीद पर टीका पर्यटन उद्योग: कोरोना पर काबू पा लेने के बाद अब इस क्षेत्र से जुड़े लोगों को पर्यटन के फिर से पटरी पर आने की उम्मीद है। फिलहाल तीन माह के कोरोना कर्फ्यू के चलते प्रदेश के सभी पर्यटन स्थलों पर सन्नाटा पसरा है। प्रदेश में सभी म्यूजियम और पुरातात्विक इमारतें बंद है। इनमें विश्व प्रसिद्व खजुराहो के मंदिर, सांची स्तूप ,भीमबेटका जैसे पर्यटन स्थल शामिल हैं। इसके अलावा मध्य प्रदेश के सभी पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की आवाजाही पर भी रोक लगी हुई है।

कहां कितने आए पर्यटक
स्थान पर्यटक
बांधवगढ़ 40031
कान्हा 64806
पन्ना 1 लाख 83 हजार 862
पेंच 38 हजार 728
माण्डू 2 लाख 9 हजार 293
पचमढ़ी 26 हजार 80
चित्रकूट 2 लाख 93 हजार 533
उज्जैन 2 लाख 24 हजार 597
मैहर 15 लाख 25 हजार

इन तैयारियों को भी लगा झटका
मप्र सरकार ने कोरोना की पहली लहर के बाद पर्यटकों को लुभा कर इस उद्योग को पटरी पर लाने के लिए तेजी से प्रयास किए थे। इसके तहत पर्यटन विभाग द्वारा पर्यटकों के लिए हॉली-डे मनाने के लिए 30 साइट विकसित की गई। सतपुड़ा हेरिटेज रन, पचमढ़ी मानसून मैराथन जैसे कई कार्यक्रमों की श्रंखला शुरू की थी। यही नहीं बांधवगढ़ नेशनल पार्क में बैलून सफारी, भोपाल में देश के पहले ड्राइव इन सिनेमा जैसे नवाचार शुरू किए गए थे लेकिन, कोरोना की दूसरी लहर ने इन मेहनतों पर भी पानी फेर दिया। इसकी वजह है 80 फीसदी से ज्यादा पर्यटकों ने अपनी योजना बुकिंग ही निरस्त कर दी। यही नहीं इस दौरान प्रदेश के सभी बाघ अभ्यारण को भी बंद कर दिया गया था।
वीजा पर भी लगा प्रतिबंध
कोरोना संक्रमण आने के बाद केंद्र सरकार ने पिछले 20 मार्च 2019 के बाद से विदेशी पर्यटकों को टूरिस्ट वीजा देना बंद किया हुआ है। इसकी वजह से लगभग 13 महीने तक विदेशी पर्यटक भारत ही नहीं आ पाए। इसमें साल 2020 में 2019 के मुकाबले 75 प्रतिशत कम विदेशी यात्री भारत आए

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