सहकारिता में वेतनमान के आधार पर मिलेंगे उच्च पदनाम

सहकारिता

सरकार ने निकाला बीच का रास्ता..

भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। पिछले छह-सात साल से पदोन्नति पर प्रतिबंध होने के कारण सरकारी अधिकारी-कर्मचारी बिना पदोन्नति के ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इसको देखते हुए सरकार ने वेतनमान के आधार पर उच्च पदनाम देना शुरू कर दिया। यह फार्मूला अब सहकारिता विभाग में भी लागू किया जाएगा। गौरतलब है कि राज्य सेवा और वित्त सेवा के अधिकारियों को वरिष्ठ वेतनमान के आधार पर उच्च पदनाम दिए जा रहे हैं। अब यही विकल्प सहकारिता विभाग भी अपनाने जा रहा है। इसमें वेतनमान के आधार पर उच्च पदनाम दिए जाएंगे। इस प्रस्ताव को सरकार की सहमति मिल गई है।
गौरतलब है कि प्रदेश में वर्ष 2016 से पदोन्नतियां बंद हैं। सरकार ने नए नियम बनाने के लिए मंत्री समूह बनाया है। कई बैठकें भी हो चुकी हैं, लेकिन नियम के प्रारूप को अब तक अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है। इसलिए सरकार ने बीच का रास्ता निकाला है। सहकारिता विभाग में सहायक से लेकर संयुक्त पंजीयक स्तर के अधिकारी पदोन्नति के लिए पात्र हो चुके हैं। वेतनमान भी उच्च पद का मिल रहा है, लेकिन पदनाम नहीं मिला है। जबकि, राज्य प्रशासनिक सेवा, राज्य पुलिस सेवा, राज्य वन सेवा और राज्य वित्त सेवा के अधिकारियों को उच्च पद का वेतनमान मिलने के साथ ही उच्च पदनाम मिल जाता है। यही व्यवस्था अब सहकारिता विभाग लागू करने जा रहा है। इसमें कोई अतिरिक्त वित्तीय व्यय नहीं आता है, इसलिए वित्त विभाग ने भी अनुमति दे दी है। अब विभाग वरिष्ठता अनुसार पात्र अधिकारियों को उच्च पदनाम देकर पदस्थापना देगा। राजस्व विभाग भी इस नीति को अपनाने जा रहा है। डिप्टी कलेक्टर बनने की पात्रता रखने वाले तहसीलदारों को प्रभार देने के लिए पात्रता सूची तैयार कराई गई है।
जल्द ही इसके आदेश जारी होंगे। वाणिज्यिक कर विभाग ने भी रिक्त पदों पर कनिष्ठ स्तर के अधिकारियों को उच्चतर पदनाम के साथ पदस्थ करने की व्यवस्था लागू की है। इसके अंतर्गत वरिष्ठ जिला पंजीयक अर्चना चतुर्वेदी, प्रभाकर चतुर्वेदी और बालकृष्ण मोरे को उप महानिरीक्षक पंजीयन के पद पर पदस्थ किया गया है।
कई निगम मंडलों में नियुक्तियां
नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य सरकार ने कई निगम-मंडलों में नियुक्तियां की हैं। शासन द्वारा मप्र राज्य वन विकास निगम, मप्र माली कला बोर्ड और राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम में अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष की नियुक्ति कर दी गई है। जोबट विधानसभा सीट से 2013 से 2018 तक भाजपा के टिकट पर विधायक रहे माधव सिंह डाबर को मप्र राज्य वन विकास निगम के संचालक मंडल का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वे वर्ष 2018 के चुनाव में कांग्रेस की कलावती भूरिया से पराजित हो गए थे और पुनर्वास की कोशिश में लगे थे। ऐसे ही पूर्व निगम अध्यक्ष रामदयाल प्रजापति को मप्र माटीकला बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वे दो वर्ष तक इस पद पर रहेंगे। राज्य शासन ने मप्र राज्य वन विकास निगम के संचालक मंडल में उपाध्यक्ष के पद पर सत्येन्द्र भूषण सिंह की नियुक्ति की है। सिंह के संगठन की पृष्ठभूमि संघ की है। वे भाजपा के प्रदेश कार्यालय मंत्री रहे चुके हैं। राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम का उपाध्यक्ष निवाड़ी जिले के नंदराम कुशवाहा को बनाया गया है। कुशवाहा ने वर्ष 2013 का विधानसभा चुनाव पृथ्वीपुर सीट से बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर लड़ा था। वर्ष 2018 के चुनाव में कुशवाहा 30 हजार वोट लेकर तीसरे नंबर पर रहे थे।

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