- प्रज्ञा प्रवाह द्वारा…. समय- समय पर किया जाता है इस तरह का आयोजन
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। आरसीवीपी नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी में आज से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनुषांगिक संगठन प्रज्ञा प्रवाह की दो दिवसीय अखिल भारतीय चिंतन बैठक शुरू हो रही है। इसमें देशभर के करीब दौ सकैड़ा प्रबुद्धजन भी शामिल हो रहे हैं। इनमें देश के सबसे अच्छे संस्थानों से जुड़े लोग भी शामिल हो रहे हैं।
इनमें केंद्रीय विवि, आइआइएम, आईआईटी, एनआइटी, विधि विवि के कुलपति, प्राध्यापक व विषय विशेषज्ञ, इतिहासकार, अर्थशास्त्री और सामाजिक संगठनों के लोग शामिल हैं। आयोजन के केंद्र में उस वैचारिक द्वंद्व के लिए तैयारी और प्रबुद्धों का समूह खड़ा करना है, जो विभिन्न विषयों पर मोर्चा संभाल सके। बैठक में भाग लेने के लिए बीती देर शाम सरसंघचालक मोहन भागवत दिल्ली से भोपाल आ गए थे, जबकि आज सुबह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले भी आ गए हैं। दरअसल यह पूरी कवायद देश के सामने उठने वाली आर्थिक-सामाजिक चुनौतियों और देश विरोधी ताकतों की काट के रूप में राष्ट्रवाद की अलख जगाने वाले प्रबुद्धजनों के संगठन को विस्तार देने की रणनीति के लिए संघ द्वारा की जा रही है। दोनों पदाधिकारियों की निगरानी में देशव्यापी एजेंडे को अंतिम रूप दिया जाएगा। इस बैठक का महत्व
इसलिए और बढ़ जाता है कि संघ प्रमुख द्वारा दो दिन पहले ही हरिद्वार में कहा है कि सनातन धर्म ही हिंदू राष्ट्र है। 15 साल में भारत फिर से अखंड भारत बनेगा और यह सब हम अपनी आंखों से देखेंगे। उन्होंने कहा कि हम अहिंसा की ही बात कहेंगे, पर यह बात हाथों में डंडा लेकर कहेंगे। हमारे में मन में कोई द्वेष, शत्रुता भाव नहीं है, लेकिन दुनिया शक्ति को ही मानती है तो हम क्या करें।
उन्होंने कहा है कि जो तथाकथित लोग सनातन धर्म का विरोध करते हैं, उनका भी उसमें सहयोग है। अगर वह विरोध न करते तो हिंदू जागता नहीं, क्योंकि वह तो सोता रहता है। भारत उठेगा तो धर्म के माध्यम से ही उठेगा। सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा था कि धर्म का प्रयोजन, भारत का प्रयोजन है, धर्म के उत्थान के लिए प्रयास होगा तो ही भारत का उत्थान होगा। इसे रोकने वाले हट जाएंगे, मिट जाएंगे। यह बात उनके द्वारा श्रीकृष्ण निवास एवं पूणार्नंद आश्रम में आरएसएस प्रमुख ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर श्री 1008 स्वामी दिव्यानंद गिरी महाराज की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा और श्री गुरुत्रय मंदिर का लोकार्पण करने के अवसर पर कही गई।
भागवत का कहना था कि सनातन धर्म ही हिंदू राष्ट्र है। उन्होंने कहा कि भारत लगातार प्रगति पथ पर आगे बढ़ रहा है। इसके रास्ते में जो आएंगे वह मिट जाएंगे। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि वैसे तो संतों की ओर से ज्योतिष के अनुसार 20 से 25 साल में भारत फिर से अखंड भारत होगा ही, अगर हम सब मिलकर इस कार्य की गति बढ़ाएंगे तो 10 से 15 साल में भारत अखंड भारत बन जाएगा। गौरतलब है कि इस तरह का आयोजन प्रज्ञा प्रवाह द्वारा समय- समय पर किया जाता रहता है। जिसमें सामयिक और सांस्कृतिक विषयों पर विचार मंथन किया जाता है।
हिन्दुत्व का वैश्विक पुनरुत्थान पर होगा मंथन
इस चिंतन बैठक में मंथन के लिए हिंदुत्व का वैश्विक पुनरुत्थान विषय रखा गया है। दरअसल इसके पीछे की वजह है इन दिनों विश्व के विभिन्न भागों के लोगों का एक बार फिर से हिंदुत्व की तरफ आकर्षित होना है। हिंदू जीवन शैली का आग्रह, रुझान और उसका पालन बढ़ता भी दिखने लगा है। इसके बढ़ने में कोविड का भी अहम रोल माना जा रहा है। यही वजह है कि कोविड के बाद से इसमें तेजी आयी है। कोविड के बाद से विश्व स्तर पर योग व आयुर्वेद में रुचि लेने वालों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। इसके लिए कई देशों के लोगों में इंडियन नॉलेज सिस्टम जानने की उत्सुकता भी बढ़ी है। इसकी वजह से ही अमेरिका और यूरोप जैसे देशों में तो कई संस्थाओं द्वारा तो इसके लिए कोर्स तक शुरू की जा चुके हैं।