लगातार सिमटता मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र

  • इस बार केवल 9 दिन ही चलेगा सत्र

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। केंद्र सरकार अपना बजट 1 फरवरी को प्रस्तुत कर चुकी है। अब इसके बाद मप्र सरकार ने भी बजट सत्र की तारीखों का ऐलान कर दिया है। मप्र विधानसभा ने बजट सत्र के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। इसके अनुसार सत्र 10 मार्च से शुरू होकर 24 मार्च तक चलना प्रस्तावित है। इस  15 दिवसीय सत्र में कुल 9 बैठकें होंगी। यह अब तक का सबसे छोटा बजट सत्र है।
गौरतलब है कि विधानसभा सत्र की अवधि बढ़ाने को लेकर लगातार चर्चा होती रहती है। बैठकों की कम होती संख्या पर चिंता भी जताई जाती रही है, लेकिन इसके विपरीत सत्र की अवधि बढऩे के बजाय कम होती जा रही है। इस बार का बजट सत्र सबसे कम अवधि का होने वाला है। यह पिछले 25 वर्ष में सबसे कम अवधि का है। अवधि बढ़ाने को लेकर विपक्षी दल के विधायक राज्यपाल से मुलाकात कर आग्रह कर चुके हैं, लेकिन सकारात्मक परिणाम फिलहाल सामने नहीं आए हैं। विपक्ष का तर्क है कि बजट सत्र की अवधि कम होने से महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा नहीं हो पाती। सवाल भी अधूरे रहते हैं।
15 दिवसीय सत्र में कुल 9 बैठकें
उल्लेखनीय है कि बजट राज्य के लिए अहम होता है। 10 मार्च से शुरू हो रहा यह बजट सत्र भी अहम है। अहम इसलिए भी कहा जा सकता है क्योंकि इसी सत्र में राज्य सरकार सदन में बजट पेश करेगी। बजट का आकार पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में बढ़ेगा। 15 दिवसीय सत्र में कुल 9 बैठकें प्रस्तावित हैं। इन्हीं दिन में सरकार बजट पेश करेगी और विभागवार बजट पर चर्चा भी करा लेगी। इसका टाइम मैनेजमेंट कैसे होगा, इसको लेकर विपक्ष सवाल खड़े कर रहा है। तर्क है कि इसी सत्र में विधायकों के अहम सवाल भी होंगे, विधेयक भी सरकार पेश करेगी। इन पर कैसे चर्चा हो सकेगी। बताया जा रहा है कि यह बजट सत्र पहले ही हो जाता। लेकिन भोपाल में 24-25 फरवरी को आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के कारण इसकी तारीख आगे रखी गई। आपको बता दें कि विधानसभा में मोहन यादव सरकार के बजट सत्र को राज्यपाल मंगुभाई पटेल के अभिभाषण के साथ सत्र शुरू किया जाएगा। इसी दिन अभिभाषण पर कृतज्ञता प्रस्ताव भी आएगा। फिर 11 से 13 मार्च तक सदन में बैठकें और विधेयकों पर चर्चा होगी। सत्र बुलाए जाने को लेकर जारी अधिसूचना में कहा गया है कि विधानसभा सचिवालय में अशासकीय विधेयकों की सूचनाएं 19 फरवरी और अशासकीय संकल्पों की सूचनाएं 6 मार्च तक ली जाएंगी। जबकि स्थगन प्रस्ताव, ध्यानाकर्षण, नियम 267-क के अधीन सूचनाएं विधानसभा में 4 मार्च से कार्यालय में सुबह 11 बजे से दोपहर बाद 4 बजे तक ली जाएंगी।
आम बजट बनेगा आधार
मप्र के बजट 2025 के लिए 1 फरवरी के दिन घोषित हुआ आम बजट आधार बनेगा। इसकी वजह है कि केंद्र से कई योजनाओं में प्रदेश को 50 हजार करोड़ रुपए मिलते हैं। राज्य सरकार केंद्रीय करों में हिस्सा सहित अन्य मदों से मिलने वाली अनुमानित राशि को मिलाकर अपने बजट का आकार निर्धारित करता है। संभावना है कि इस बार एमपी का बजट 4 लाख करोड़ का हो सकता है। इधर सत्र की तैयारियों के बीच विधानसभा में लंबित आश्वासनों के जवाब मांगने और विभागों की ओर से जानकारी भेजने का काम तेज हो गया है।
दिग्विजय के कार्यकाल में रहा सबसे ज्यादा दिन का सत्र
वर्ष 1999 में दिग्विजय सिंह सरकार के समय सबसे ज्यादा 52 दिन का बजट सत्र रहा। इस दौरान 31 बैठकें  हुईं। 2015 में शिवराज सरकार के दौरान बजट सत्र की अवधि 24 दिन थी। इस दौरान केवल सात बैठकें हुई। 2024 में मोहन सरकार के बजट सत्र की अवधि 14 दिन की थी, लेकिन महज पांच बैठकें हुईं। इनमें सरकारी काम-काज निपटाने के साथ बजट भी पारित हो गया। अब 10 मार्च से 24 मार्च तक बजट सत्र प्रस्तावित है। इस दौरान बैठकें  प्रस्तावित हैं।

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