युवाओं और बुजुर्गों के बीच फंसी कांग्रेस की नई कार्यकारिणी

नई कार्यकारिणी

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। ध्य प्रदेश कांग्रेस में नई कार्यकारिणी के गठन का इंतजार समाप्त नहीं हो पा रहा है। कार्यकारिणी में पदों को लेकर एक राय नहीं बन पा रही है। इसकी वजह से पार्टी के अंदर घमासान की स्थिति बन गई है। दरअसल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अपनी टीम में युवा चेहरों को अधिक तरजीह देना चाहते हैं, जबकि पार्टी के सीनियर नेता प्रदेश अध्यक्ष पटवारी के इस निर्णय से इत्तेफाक रखने को तैयार नही हैं। इसकी वजह है पार्टी के कई बड़े नेता खुद भी नई टीम में अपनी भागीदारी चाहते हैं, तो कुछ अपने लोगों को जगह दिलवाना चाहते हैं। इसे लेकर कई नेता दिल्ली तक जा पहुंचे हैं और लगातार हाई कमान से अपने लोगों को कार्यकारिणी में शामिल करने की गुहार लगा रहे हैं। अब देखना यह होगा कि जीतू पटवारी की चलती है या हाई कमान इस पर कुछ निर्णय करता है। गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद कांग्रेस नेतृत्व ने दिसम्बर 2023 में कमलनाथ को हटाकर जीतू पटवारी को पीसीसी चीफ बनाया था। कार्यकारिणी के गठन को लेकर लगातार बैठक की जा रही। पिछले डेढ़ महीने के भीतर पीसीसी में दो बैठक हो चुकी है।  इतना ही नहीं दिल्ली से आई टीमों ने हारे और जीते कार्यकर्ताओं के साथ साक्षात्कार भी किया, जिसमें कई तरह की बातें बाहर निकल कर सामने आई हैं। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी का जिस प्रकार से कार्यकर्ताओं के प्रति रवैया है उससे पार्टी के कई सीनियर नेता नाराज हैं। और वो इस बात की शिकायत दिल्ली से आई टीम से भी कर चुके हैं
फ्री हैंड चाहते हैं पटवारी
 कांग्रेस कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी चाहते हैं कि नई कार्यकरिणी बने तो टीम में नए और युवा चेहरा शामिल हो और इस टीम की पूरी कमान उनके हाथ में हो किसी प्रकार के दखलअंदाजी ना हो और पार्टी उन्हे फ्री हैंड दे। इस बात को लेकर कांग्रेस के कई सीनियर नेताओं ने प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ बगावती तेवर अपना रखा है। दरअसल अजय सिंह, कांतीलाल भूरिया,बाला बच्चन सहित कई ऐसे नेता हैं जो जीतू पटवारी से सीनियर हैं और उन्हे धीरे-धीरे कर पार्टी से साइड लाइन किया जा रहा है। लिहाजा वो अपनी राजनीतिक वर्चश्व बचाने के लिए प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल होना चाहते हैं।
सीनियर नेताओं को बनना चाहते मार्गदर्शक
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी चाहते हैं कि नई कार्यकारिणी में युवा चेहरों को मौका मिले और सीनियर नेता उनका मार्गदर्शक बनें। पटवारी इस बार की प्रदेश कार्यकारिणी में कसावट के साथ अच्छे पदाधिकारियों को रखना चाहते हैं जो 2028 तक पार्टी के लिए लगातार मेहनत कर सकें और कांग्रेस को एक बार फिर चुनाव लड़ने के योग्य बना सकें। पटवारी अपनी नई टीम सीमित पदाधिकारियों की रखना चाहते हैं। कहा जा रहा है कि इस बार इसमें उपाध्यक्ष, महामंत्री और सचिवों की कुल संख्या 70 अधिक नहीं होगी। वे इसी तरह पूरी कमेटी में 70 फीसदी युवा नेताओं को मौका देने के पक्ष में भी हैं। लेकिन जिस प्रकार से कांग्रेस नेताओं ने दिल्ली तक दस्तक देना शुरू किया है उसके बाद से प्रदेश कार्यकारिणी बनाने में कांग्रेस हाईकमान को दिक्कतें हो रही हैं और वो एक बार फिर पार्टी के नेताओं के साथ रायशुमारी करने की योजना तैयार कर रहा है।

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