कांग्रेस की कमलनाथ संदेश यात्रा 15 जून से

कमलनाथ

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में अब विधानसभा चुनाव में महज चंद महिने ही रह गए हैं, ऐसे में सभी राजनैतिक दलों ने अपनी सियासी गतिविधियां तेज कर दी हैं। खासतौर पर दोनों प्रमुख राजनैतिक दल भाजपा व कांग्रेस के सहयोगी संगठन भी अब चुनावी मोड में आ गए हैं। यही वजह है कि अब प्रदेश में कांग्रेस का पिछड़ा वर्ग विभाग 15 जून से कमलनाथ संदेश यात्रा शुरु करने जा रहा है। यह यात्रा मुख्यमंत्री की जन आर्शीवाद यात्रा से पहले निकाली जा रही है। खास बात यह है कि यह यात्रा अलग-अलग चरणों में निकाली जाएगी। पहले चरण में यह यात्रा 12 दिनों की होगी। इसका शुभारंभ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय से होगा, जिसे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ हरी झंडी दिखाकर करेंगे।
इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के अलावा प्रदेश प्रभारी जेपी अग्रवाल भी मौजूद रहेंगे। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले कांग्रेस जनता में अपनी पकड़ बनाने में जुट चुकी है। कांग्रेस लगातार कई कार्यक्रम कर लोगों को अपने साथ जोडऩे का प्रयास कर रही है। यादव ने बताया कि उक्त कमलनाथ संदेश यात्रा का पहला चरण 12 दिवसीय होगा, जिसमें यात्रा भोपाल से प्रारंभ होकर रायसेन, विदिशा, अशोकनगर, गुना, शिवपुरी, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी होकर दतिया पहुंचेगी और दतिया में एक विशाल जनसभा के साथ प्रथम चरण का समापन होगा। इस यात्रा के दौरान लगभग 10 जिलों की 25 विधानसभाओं में 50 से अधिक स्थानों पर आम सभाएं होगी, जिसमें अभा कांग्रेस कमेटी के प्रभारी, सह प्रभारियों, वरिष्ठ नेताओं, स्थानीय नेताओं सहित बड़ी संख्या में पिछड़ा वर्ग विभाग के कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे। उल्लेखनीय है कि यह जिले पिछड़ा वर्ग बाहुल हैं और हाल ही में इनमें से तीन जिलों में कांग्रेस के प्रदेश में सबसे बड़े पिछड़ा वर्ग के चेहरा अरुण यादव भी प्रवास कर चुके हैं। दरअसल  इस बार चुनाव में पिछड़ा वर्ग के आरक्षण का मामला बड़ा मुद्दा बनना तय है। कांग्रेस व भाजपा दोनों के बीच ही बीते दो साल से इस वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण देने का श्रेय लेने को लेकर होड़ मची हुई है।  यादव के मुताबिक  ‘‘कमलनाथ संदेश यात्रा’’ के माध्यम से जगह-जगह सभाओं का आयोजन करके जनता तक यह संदेश पहुंचाया जाएगा की  कमलनाथ  सहित पार्टी का शीर्ष नेतृत्व भी पिछड़ा वर्ग के हित में निर्णय करते हुए जातिगत जनगणना कराने एवं संख्या के अनुपात में पिछड़ों को राजनैतिक भागीदारी देने में तत्पर है। पुन: कमलनाथ की सरकार बनते ही किसानों की कर्ज माफी, नारी सम्मान योजना, 500 रू. में गैस सिलेण्डर, पुरानी पेंशन बहाली, 100 यूनिट माफ और 200 यूनिट पर बिजली बिल हाफ के तहत दिए जाने वाले लाभों का भी प्रचार -प्रसार किया जाएगा। यादव के नेतृत्व में निकाली जा रही कमलनाथ संदेश यात्रा की रणनीति, रूपरेखा और तैयारियों को लेकर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में एक बैठक आहूत हुई जिसमें प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष राजीव सिंह, जे.पी. धनोपिया, दीपचन्द यादव, विधायक बैजनाथ कुशवाह, पवन पटेल, सुनील बोरसे, सिन्की रघुवंशी, राव यादवेन्द्र सिंह यादव, नितेन्द्र सिंह राठौर, राजेश अहिरवार सहित बड़ी संख्या में पिछड़ा वर्ग के पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित थे।
भाजपा की भी जन आर्शीवाद यात्रा की तैयारी
गौरतलब है कि बीते दो विधानसभा चुनावों से ठीक पहले भाजपा द्वारा प्रदेश में जन आर्शीवाद यात्रा निकाली जाती रही है। इस बार भी भाजपा द्वारा यह यात्रा निकालने की तैयारी की जा रही है। यह बात अलग है कि अभी यह तय नहीं हैं की यह यात्रा कब से निकाली जाएगी, लेकिन भाजपा सूत्रों के मुताबिक इसके लिए रुपरेखा तैयार करने का काम किया जा रहा है। इस यात्रा के माध्यम से भाजपा द्वारा सरकार की उपलब्धियों को गिनाया जाता है और जनता से सीधा संपर्क किया जाता है।
कांग्रेस बड़ा मुद्दा बनाने की तैयारी में
विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस जातिगत जनगणना को मुद्दा बनाने की तैयारी में है। कर्नाटक चुनाव में राहुल गांधी ने इसे ही मुद्दा बनाकर बीजेपी के अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) वोट बैंक में सेंध लगाई है। मध्यप्रदेश में पिछले चार साल से ओबीसी आरक्षण को 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी करने का फायदा देने की हिमायती बनकर कांग्रेस-बीजेपी श्रेय लेना चाहती हैं। इसकी वजह है कि प्रदेश में आधी आबादी (49 फीसदी) ओबीसी वर्ग की ही है। 2019 में कमलनाथ सरकार ने ओबीसी आरक्षण को 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी करने का निर्णय लिया था, तभी बीजेपी सतर्क हो गई थी।

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