कांग्रेस का फार्मूला तैयार… बूथ जीतो, सत्ता पाओ

  • सत्ता में वापसी के लिए कांग्रेस कर रही है मशक्कत
  • गौरव चौहान
कांग्रेस

मप्र में इस बार कड़ाके की सर्दी के दौरान नवंबर में सियासी गर्मी परवान चढ़ेगी। उससे पहले भाजपा और कांग्रेस चुनावी जीतने के लिए रणनीति बनाकर काम कर रही है। भाजपा के सामने जहां एक बार फिर सरकार बनाने की चुनौती है तो वहीं कांग्रेस भी प्रदेश की सत्ता में वापसी के लिए पूरी ताकत झोंक रही है। कांग्रेस पार्टी का दावा है कि बूथ स्तर पर संगठन मजबूत है। सभी 64 हजार 100  बूथ अध्यक्ष बना दिए गए हैं। हर बूथ को जीतने का लक्ष्य है। पार्टी का मंत्र है कि बूथ जीतो, सत्ता पाओ। इस मंत्र के अनुसार पार्टी अभियान में जुटी हई है। पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ भली भांति जानते हैं कि अगर एक बार फिर से प्रदेश की सत्ता का सिंहासन हासिल करना है, तो बूथ पर जमकर काम करना होगा। यही वजह है कि कांग्रेस ने बूथ स्तर पर अपनी पुख्ता रणनीति तैयार कर ली है, पार्टी की मानें तो सभी बूथों पर संगठन को सक्रिय कर दिया गया है। बूथ अध्यक्षों को जमीन से सोशल मीडिया तक सक्रिय रहने की हिदायत दी गई है। इन सभी गतिविधियों पर पीसीसी लगातार निगरानी भी रख रहा है। पार्टी के दिशा निर्देश बूथ स्तर तक पहुंचाने के लिए बूथ प्रकोष्ठ का भी गठन किया गया है। कांग्रेस मीडिया उपाध्यक्ष अजय यादव ने बताया कि बूथ लेवल पर हम जनता तक कांग्रेस की रीति नीति और विजन पहुंचाने का काम करेंगे।
बनाए जा रहे हैं बूथ प्रभारी
64 हजार 100  अध्यक्षों की नियुक्ति के बाद कांग्रेस अब बूथ प्रभारी भी बना रही है। मप्र कांग्रेस कमेटी का सबसे ज्यादा फोकस मंडलम, सेक्टर और बूथ कमेटियों के गठन पर है। संगठन की दृष्टि से इस बार विधानसभा चुनाव में पार्टी की टैगलाइन है- सबसे भारी बूथ प्रभारी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने पार्टी पदाधिकारियों से कहा है कि जल्द से जल्द बूथ कमेटियों के गठन का काम पूरा करें। प्रदेश कांग्रेस इस बात को लेकर खुश है कि तीन साल की कवायद के बाद सभी 230 विधानसभा क्षेत्रों में मंडलम, सेक्टर के गठन का काम पूरा हो गया है। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय की टीम ने जिलों से भेजी गई सूचियों का बारीकी से परीक्षण कर लिया है। अब पार्टी बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) तैयार करने और बूथ कमेटियों का गठन करने में जुटी है। इसकी जिम्मेदारी पार्टी के जिला अध्यक्षों को दी गई है।  इस साल के अंत तक सभी जिला और मतदान केंद्र स्तर तक टीम गठन का काम पूरा हो जाएगा। इसके बाद मतदान केन्द्रवार तैयारी की जाएगी। इसके लिए पिछले चुनावों में केंद्र पर कांग्रेस की स्थिति क्या रही, हारने या जीतने के क्या कारण रहे, किन मुद्दों और व्यक्तियों ने चुनाव परिणाम को प्रभावित किया, जातिगत समीकरण सहित अन्य जानकारी जुटाई जाएगी। इनका विश्लेषण करके विधानसभावार प्रतिवेदन तैयार करके प्रदेश अध्यक्ष को दिया जाएगा। इसके आधार पर जो कार्ययोजना तैयार होगी, उसे प्रकोष्ठ की टीम क्रियान्वित करने में जुटेगी। मोर्चा प्रकोष्ठों के प्रभारी महामंत्री जेपी धनोपिया का कहना है कि बूथ, मंडलम और सेक्टर समितियां प्रभावी रही हैं। दमोह, रैगांव विधानसभा उपचुनाव के साथ नगरीय निकाय के चुनाव में इन्होंने प्रभावी भूमिका निभाई है। कुछ विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जहां हार-जीत का कम मतों के अंतर से हुई है। ऐसे क्षेत्रों पर पार्टी ध्यान केंद्रित करेगी।
हार-जीत का तैयार होगा लेखा-जोखा  
विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस ने बूथ स्तर पर पकड़ बनाने के लिए सक्रियता बढ़ा दी है। कांग्रेस सभी 64 हजार 100 मतदान केंद्रों पर हार-जीत का लेखा-जोखा तैयार कराएगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने इसकी जिम्मेदारी बूथ प्रबंधन प्रकोष्ठ को दी है। यह सभी मतदान केंद्रों पर पार्टी की पिछले विधानसभा चुनाव में क्या स्थिति रही, हारने और जीतने के कारण, जातिगत समीकरण, परिणाम प्रभावित करने वाले व्यक्तियों की जानकारी एकत्र करके प्रदेश कांग्रेस को देगा। इसके आधार पर पार्टी केन्द्रवार कार्य योजना तैयार करेगी, जिसे बूथ, मंडलम और सेक्टर समितियां क्रियान्वित करेंगी। विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस का सर्वाधिक ध्यान मतदान केंद्र स्तर पर संगठन को मजबूत करने पर है। इसके लिए बूथ, मंडलम और सेक्टर समितियां गठित करने के साथ युवा कांग्रेस, महिला कांग्रेस सहित सभी मोर्चा-प्रकोष्ठों को केंद्र स्तर पर टीम गठित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा पार्टी बूथ प्रबंधन प्रकोष्ठ भी बनाया है। इसे न केवल प्रत्येक मतदान केंद्र की पूरी जानकारी एकत्र करनी है बल्कि उन व्यक्तियों को भी चिन्हित करना है, जो चुनाव परिणाम को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं।
100 विधानसभा क्षेत्रों में बीएलए तैनात
प्रदेश में 64 हजार 100  पोलिंग बूथ हैं। खास बात यह है कि कांग्रेस में पहली बार बीएलए तैयार किए जा रहे हैं। पार्टी के नेताओं का कहना है कि 100 विधानसभा क्षेत्रों में बीएलए के गठन का काम शत-प्रतिशत हो गया है। पार्टी ने अन विस क्षेत्रों के बीएलए की सूची भी मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय को भेज दी है। करीब 60 विधानसभा क्षेत्रों में बीएलए बनाने का काम अंतिम दौर में है। बची हुई सीटों पर भी बीएलए मई के अंत तक बना लिए जाएंगे। सभी 64 हजार से ज्यादा बूथ कमेटियों का गठन जून तक करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ का कहना है कि चुनाव में हमारा मुकाबला भाजपा के संगठन से है। पिछले कुछ वर्षों में हमने अपने संगठन को मजबूती देने की दिशा में कार्य किया है। मतदान के समय बीएलए से कोई गलती न हो, इसके लिए उन्हें ट्रेनिंग दी जा रही है। मंडलम, सेक्टर के प्रदेश सह प्रभारी संजय कामले को मास्टर ट्रेनर्स तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है। वे उन्हें बता रहे हैं कि चुनाव में वोटिंग के समय बूथ पर क्या सावधानियां रखनी हैं, बीएलए के क्या अधिकार हैं, कैसे उन्हें बूथ मैनेज करना है और चुनाव के बाद मतगणना के दौरान उन्हें किन चीजों का ख्याल रखना है। मास्टर ट्रेनर सभी 230 विधानसभा क्षेत्रों में पहुंचकर बीएलए को ट्रेनिंग देंगे।

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