कांग्रेस के तेवर हुए आक्रमक सत्र में हमलावर रहने के संकेत

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अच्छे वक्ताओं की कमी से जूझना होगा सदन मे

विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। पहले विधानसभा और उसके बाद लोकसभा चुनाव में बेहद बुरी तरह से हारने के बाद प्रदेश कांग्रेस में किए गए बदलाव का असर दिखना शुरु हो गया है। अमरवाड़ा उपचुनाव के बीच शुरु हो रहे विधानसभा सत्र के ठीक पहले जिस तरह के तेवर प्रदेश में कांग्रेस ने दिखाना शुरु किए हैं, उससे यह तो तय है कि इस बार विधानसभा का यह सत्र बेहद हगांमे वाला रहने वाला है। इसके अलावा कांग्रेस ने पूरी तरह से सरकार को घेरने के लिए रणनपीति तैयार कर ली है। यह बात अलग है कि इस समय कांग्रेस को अच्छे वक्ताओं की कमी से जरुर सदन के अंदर जूझना पड़ेगा। इसकी वजह है उसके अच्छे वक्ता बीते एक साल में या तो पार्टी को अलविदा कह चुके हैं या फिर वे चुनाव हार चुके हैं। यही नहीं प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी भी चुनाव हारने की वजह से सदन से बाहर हैं। उधर, नेता प्रतिपक्ष मप्र सरकार को घेरने के लिए सभी विभागों के कथित भ्रष्टाचार की लिस्ट तैयार करने में लगे हुए हैं। वहीं, दूसरी तरफ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मोदी की गारंटी पूरी करने की मांग की है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने जनता से प्रदेश के भ्रष्टाचारों की जानकारी मांगी है। उन्होंने एक्स पर लिखा मप्र विधानसभा के मानसून सत्र में प्रदेश में चल रहे घोटालों को उजागर करें। प्रदेश में घोटाले, अपराध, दलितों के साथ अत्याचार और माफियाराज पनप रहा है। जिससे प्रदेश की जनता त्रस्त हो चुकी है। सिंघार ने प्रदेश के लोगों से कहा कि आपके पास घोटालों से संबंधित जो भी जानकारी, दस्तावेज, फोटो, वीडियो, काल रिकार्डिंग और अन्य कोई भी संबंधित जानकारी हो तो हमें भेजिए। सिंघार ने इसके लिए मोबाइल नंबर भी जारी किया है। साथ ही जानकारी देने वाले की पहचान को गोपनीय रखने का भरोसा भी दिलाया है।
कटारे भी कर रहे हमला
विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने ट्रांसफर-पोस्टिंग और अन्य शासकीय कार्य कराने के नाम पर किए जा रहे भ्रष्टाचार को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखा है। पत्र में लिखा है मेरे संज्ञान में आया है कि प्रदेश में सत्ता के गलियारों-शासकीय कार्यालयों में कुछ लोगों की सक्रियता बढ़ जाने से आपकी छवि पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। इनके द्वारा स्थानतरण, पदस्थपना व अन्य शासकीय कार्य कराने के नाम पर भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है।
पटवारी, कुणाल सदन से बाहर
इस विधानसभा में कांग्रेस के सबसे ज्यादा मुद्दे उठाने वाले और कांग्रेस पार्टी को मजबूत बनाने वाले वर्तमान पीसीसी चीफ जीतू पटवारी चुनाव हारने के कारण विधानसभा से बाहर हैं। वहीं, दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा मुद्दे उठाने वाले युवा विधायक कुणाल चौधरी भी इस बार चुनाव हार गए हैं। इसलिए विधानसभा से बाहर हो गए। यही वजह है कि कांग्रेस इस बार विधानसभा में कमजोर दिखाई देती है। नेता प्रतिपक्ष की बात करें तो उमंग सिंघार भी उतने धारदार नजर नहीं आते हैं। पिछले विधानसभा सत्र में कांग्रेस की तरफ से सबसे ज्यादा प्रश्न पूछने वाले विधायक रामनिवास रावत भी कांग्रेस का दामन छोडक़र बीजेपी के साथ चले गए हैं। इसका भी असर इस सत्र में दिखाई देगा।
पटवारी भी हमलावर
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने सीएम को लिखे पत्र में कहा मप्र विधानसभा का एक जुलाई से शुरू होने वाले बजट सत्र के लिए तारीख तय हो गई है। सरकार अपना पहला बजट 3 जुलाई को विधानसभा के पटल पर रखेगी। आपकी जानकारी के लिए मैं फिर से यह बताना चाहता हूं कि भाजपा ने चुनावी घोषणा पत्र में गेहूं पर 2700 रुपए और धान पर 3100 रुपए प्रति क्विटंल के समर्थन मूल्य का वादा किया था। 20 साल पुरानी सरकार का वादा और विस चुनाव में मोदी की गारंटी अभी भी पूरी नहीं हो पा रही है। याद रखिए सदन में कांग्रेस के विधायक और सडक़ों पर गेहूं और धान की उपज लाने वाले किसान यह जरूर पूछेंगे कि मप्र में धान और गेहूं का समर्थन मूल्य क्यों नहीं दिया जा रहा है।
साढ़े चार हजार प्रश्न
कांग्रेस ने सरकार को घेरने के लिए करीब 4500 सवालों का चक्रव्यूह तैयार किया है। कांग्रेस इस चक्रव्यूह के जरिए भाजपा सरकार पर प्रहार करेगी। जिनमें आदिवासियों के खिलाफ अत्याचार, महिला अत्याचार, शिक्षा घोटाले समेत कई प्रश्न पूछे है। इसके अलावा कई संवेदनशील मुद्दों पर ध्यानाकर्षण लगाने की भी तैयारी की जा रही है।
30 जून को कांग्रेस विधायक दल की बैठक
विधानसभा में होने वाले सत्र से पहले नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने 30 जून को विधायक दल की बैठक बुलाई है। बैठक में सरकार को घेरने की रणनीति तैयार की जाएगी। सदन में भाजपा की वादाखिलाफी, नर्सिंग घोटाला, मेट्रो कब चालू होगी, प्रदेश में भ्रष्टचार, महिलाओं के खिलाफ अत्याचार, आदिवासियों के खिलाफ अत्याचार जैसे मुद्दों को पूरी ताकत के साथ उठाने की रूपरेखा बनाने पर चर्चा की जाएगी।

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