- प्रभारियों से मांगे गए तीन दिनों में दावेदारों के नाम
भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में पंचायत के साथ ही अब नगरीय निकाय चुनाव की रणभेरी बज चुकी है। यह चुनाव भाजपा के साथ ही कांग्रेस के लिए बेहद अहम बन चुके हैं। इसकी वजह है अगले साल प्रदेश में होने वाले विधानसभा के चुनाव। जो भी दल इन दोनों चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करेगा, उसके पक्ष में न केवल माहौल बनेगा, बल्कि उसके जीत के आसार भी बढ़ जाएंगे। यही वजह है की इस बार कांग्रेस भी नगरीय निकाय चुनावों में पूरी ताकत लगा रही है।
कांग्रेस हर हाल में भाजपा के गढ़ बन चुके सूबे के शहरी इलाकों में इस बार जीत चाहती है। यही वजह है कि कांग्रेस पूरी ताकत से चुनाव की तैयारियों में जुटी है। कांग्रेस का सबसे ज्यादा फोकस महापौर पद पर है। पिछले चुनाव में 16 नगर निगमों में कांग्रेस का एक भी महापौर नहीं बन सका था। इस बार कांग्रेस की कोशिश है कि वह महापौर की कम से कम आधा दर्जन जीतों पर जीत हासिल करे। इसके लिए पार्टी में कई स्तर पर नामों की तलाश की जा रही है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने 9 जून को महापौर पद के प्रत्याशियों के नामों पर चर्चा कर किसी एक नाम पर मुहर लगाने के लिए बैठक बुलाई है। इस बैठक में नगर निगम क्षेत्रों के चुनाव प्रभारी, सह प्रभारी, संबंधित जिलों के विधायक, जिला कांग्रेस अध्यक्षों को बुलाया गया है। इससे पूर्व प्रदेश कांग्रेस ने प्रभारियों से 5 जून तक महापौर पद के संभावितों दावेदारों की सूची भी तलब की है। कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी मुसीबत कुछ शहरों में मजबूत प्रत्याशियों का अभाव बना हुआ है। पार्टी इस चुनौति से पार पाने के लिए कुछ जगहों पर विधायकों को भी चुनावी मैदान में उतारने पर गंभीरता से विचार कर रही है। पार्टी सूत्रों की माने तो खंडवा, बुरहानपुर, कटनी, देवास और शहडोल में नामों की तलाश के लिए बैठकों का दौर चल रहा है। जबलपुर में राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा सहित वरिष्ठ नेताओं ने जगत बहादुर सिंह अन्नू का नाम प्रस्तावित किया है। वह जबलपुर शहर कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। इसी तरह से उज्जैन में विधायक महेश परमार और ग्वालियर में विधायक सतीश सिकरवार की पत्नी शोभा सिकरवार का नाम प्रस्तावित है।
भोपाल में महापौर पद के लिए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की राय बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। उनके द्वारा अब तक प्रत्याशी को लेकर कोई संकेत नहीं दिए गए हैं। फिलहाल भोपाल से कांग्रेस प्रत्याशी के लिए प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष विभा पटेल व जिला महिला कांग्रेस अध्यक्ष संतोष कंसाना का नाम चर्चा में है। पटले पहले भी महापौर रह चुकी हैं।
इंदौर में महापौर पद के लिए विधायक संजय शुक्ला के नाम की घोषणा पार्टी पिछले साल कर चुकी है। रतलाम में प्रभु राठौर, मयंक जाट और रामचंद्र धाकड़ का , मुरैना नगर निगम के लिए शारदा सोलंकी, राजेश कथूरिया और अमर सिंह मौर्य का नाम पैनल में रखा गया है। खंडवा और बुरहानपुर में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव की पसंद न पसंद का ख्याल रखा जाना तय है। प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर ने बताया कि पीसीसी चीफ ने नौ जून को बैठक बुलाई है। इसमें प्रभारियों की रिपोर्ट के आधार पर महापौर पद के प्रत्याशी के नामों पर विचार किया जाएगा।
जिला व जनपद पंचायत का फैसला स्थानीय स्तर पर
कांग्रेस जिला और जनपद पंचायत के सदस्य पद के लिए प्रत्याशी स्थानीय स्तर पर तय करेगी। इसके लिए जिला इकाई और पंचायतराज प्रकोष्ठ को जिम्मेदारी दी जा चुकी है। प्रकोष्ठ से कहा गया है कि वह प्रत्याशियों के नाम पर सहमति बनाए। संगठन की ओर से संभागवार पर्यवेक्षक भी तैनात कर दिए गए हैं, ताकि कहीं कोई विवाद की स्थिति न बने। प्रदेश कांग्रेस ने पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव के लिए प्रदेश स्तर से पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं। प्रत्याशी चयन के लिए जिला स्तर पर समितियां बना दी गई हैं और निर्देश दिए हैं कि स्थानीय स्तर पर समन्वय बनाकर काम किया जाए। पंचायतराज प्रकोष्ठ को जिला और जनपद पंचायत स्तर पर समन्वय बनाने का दायित्व सौंपा गया है। प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डीपी धाकड़ ने बताया कि हमारी कोशिश यही है कि आम सहमति बनाकर चुनाव मैदान में उतरें।