पार्टी चलाएगी परिवर्तन संकल्प अभियान
हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस उन्हीं नेताओं को टिकट देगी जो कमलनाथ के द्वारा तय किए गए तमाम फार्मूले पर खरा उतरेंगे। कांग्रेस में इस बार भाई भतीजावाद और बड़े नेताओं के चेहते वाला फार्मूला नहीं चलने वाला है। उधर कांग्रेस ने तय किया है कि जो कांग्रेस कार्यकर्ता प्रताडि़त किए जा रहे हैं, उन्हें संगठन द्वारा न केवल कानूनी सहायता प्रदान की जाएगी, बल्कि उनके इलाकों में पार्टी द्वारा परिवर्तन संकल्प अभियान भी चलाया जाएगा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ द्वारा बीते रोज साफ कर दिया गया है कि चुनाव के लिए अब कांग्रेस में एक नेता के सुझाए नाम पर टिकट नहीं दिया जाएगा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने इस टिकट वितरण का फॉर्मूला खुद ही सार्वजनिक किया गया है। उनका कहना है कि इस बार विधान सभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी बनने के लिए दावेदारों को कई पैमानों पर खरा उतरना होगा। उनका कहना है कि हर सीट पर प्रत्याशी तय करने के लिए संगठन के वरिष्ठ नेता चर्चा करेंगे। इसकी वजह से इस बार विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस का टिकट वितरण का पुराना तरीका पूरी तरह से बदल जाएगा। कमलनाथ का कहना है कि टिकट वितरण को लेकर संगठन बेहद गंभीर है। उन्होंने कहा कि सभी 230 सीटों पर दावेदारों को कई पैमानों पर खरा उतरना होगा। ऐसा नहीं है कि कमलनाथ या कोई एक नेता क्षेत्र विशेष के टिकट को लेकर निर्णय कर ले। उन्होंने कहा कि विस क्षेत्र में प्रत्याशी ज्यादा से ज्यादा वोटर्स तक पहुंच सकें इसलिए उन्हें काफी पहले बता दिया जाएगा कि वे तैयारी शुरू कर दें। नाथ ने कहा कि कई दावेदार उन्हें बायोडाटा भेज रहे हैं। एक सीट पर तो 21 लोगों ने दावेदारी की है। दावेदार अपने बारे में जो जानकारियां भेज रहे हैं उनका आकंलन किया जा रहा है।
तीन क्षेत्र कांग्रेस के निशाने पर
कांग्रेस ने भाजपा सरकार व उसके नेताओं द्वारा अपने कार्यकर्ताओं को किए जा रहे प्रताडऩा के मामले में अब मोर्चा खोलने की रणनीति तैयार कर ली गई है। संगठन अब पूरी तरह से प्रताड़ित पार्टी कार्यकर्ताओं के बचाव में साथ खड़ी नजर आने वाली है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को जिन जिले या विधानसभा क्षेत्रों में अधिक प्रताड़ित करने की शिकायतें हैं, वहां पार्टी परिवर्तन संकल्प अभियान शुरू करेगी। इसमें गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा का क्षेत्र दतिया, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह का क्षेत्र खुरई और उद्योग मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव का विधानसभा क्षेत्र बदनावर शामिल है। इन क्षेत्रों में न केवल कमलनाथ की सभाएं आयोजित की जाएंगी, बल्कि पीड़ित कार्यकर्ताओं को कानूनी मदद भी उपलब्ध कराई जाएगी। बीते रोज पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की मौजूदगी में हुई पार्टी की प्रशासनिक अत्याचार निवारण समिति की बैठक में कार्यकर्ताओं को झूठे प्रकरणों में फंसाकर प्रताड़ित किए जाने के मामलों से निपटने की कार्ययोजना पर चर्चा की गई। इस दौरान बताया गया कि दतिया, सागर के खुरई, सुरखी, रहली, धार के बदनावर क्षेत्र में प्रकरण अधिक सामने आए हैं। जिन पर कोई प्रकरण नहीं बन रहा है, उन्हें 151 धारा लगाकर सताया जा रहा है। अनुविभागीय अधिकारी के स्तर पर जिन्हें छोड़ा जा सकता है, उन्हें भी जेल भेजा जा रहा है। खुरई में तो एक व्यक्ति ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर नौ फर्जी प्रकरण लगा रखे हैं। जिसमें उसका नाम नहीं है, वहां वह गवाह बनकर खड़ा हो गया। इसी तरह से कार्यकर्ताओं को जिलाबदर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार आने पर गैरकानूनी तरीके से कार्यकर्ताओं को प्रताडि़त करने वाले अधिकारी-कर्मचारी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। कार्यकर्ताओं की लड़ाई पार्टी लड़ेगी। परिवर्तन संकल्प अभियान के दौरान पार्टी ऐसे भाजपा और उसके सहयोगी संगठनों के कार्यकर्ताओं की सूची भी तैयार करेगी , जिन पर प्रकरण होने के बाद भी कार्रवाई नहीं की गई है।
जिलों में तैनात किए जाएंगे मदद के लिए अधिवक्ता
बैठक में कार्यकर्ताओं को कानूनी सहायता उपलब्ध कराने की कार्ययोजना बनाने की जिम्मेदारी पूर्व महाधिवक्ता शशांक शेखर की दी गई। पार्टी का विधि प्रकोष्ठ सभी जिलों में अधिवक्ताओं की तैनाती करेगा, जो न्यायालय में कार्यकर्ताओं की पैरवी करेंगे। यह व्यवस्था पूरी तरह नि:शुल्क रहेगी। दो हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए जाएंगे, जिस पर सूचना मिलते ही संबंधित जिले के कार्यकर्ता को सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। प्रत्येक जिले में सूचना का अधिकार कार्यकर्ताओं को सक्रिय करके भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा संचालित की जा रही अवैध गतिविधियों को भी उजागर किया जाएगा।
एआईसीसी का सर्वे रहेगा अहम
नाथ ने कहा कि जिन आधारों पर टिकट वितरण किया जाएगा उसमें ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सर्वे में सुझाया गया नाम होना चाहिए। सुझाए गए नाम पर कांग्रेस संगठन, वरिष्ठ नेताओं और स्थानीय लोगों से फीडबैक लिया जाएगा। नाथ ने बताया कि स्थानीय उम्मीदवार होने के साथ ही जीतने की योग्यता को भी परखा जाएगा। इसके साथ ही एआईसीसी के सचिव स्थानीय नेताओं से बात कर रहे हैं। स्थानीय संगठन जिस व्यक्ति के साथ होगा पार्टी उसे प्राथमिकता दी जाएगी।