कांग्रेस प्रत्याशी चयन के लिए इसी माह करा लेगी सर्वे

कांग्रेस प्रत्याशी
  • लोकसभा टिकट के दावेदारों को तीन स्तर पर कसा जाएगा कसौटी पर

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। कहते हैं दूध का जला छांछ भी फूंक-फूंक कर पीता है। लगभग यही स्थिति इस बार कांग्रेस की प्रदेश में नजर आ रही है। विधानसभा चुनाव में मिली हार से सबक लेकर इस बार कांग्रेस प्रत्याशी चयन के पहले तीन स्तरों पर सर्वे करा रही है, जिससे की अच्छे से अच्छे उम्मीदवार को चुनावी मैदान में उतारा जा सके।
यही वजह है कि अब प्रदेश में कांग्रेस द्वारा लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारी तेज कर दी है। पार्टी आलाकमान द्वारा पहले ही प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए कमेटियों का एलान किया जा चुका है। इसके बाद से ही प्रत्याशियों के चयन के लिए कवायद शुरु कर दी गई है। माना जा रहा है कि इस बार कांग्रेस अपने प्रत्याशियों के नामों का एलान पहले से कर सकती है। इसकी वजह है प्रत्याशियों को चुनावी तैयारियों के लिए अधिक समय प्रदान करना और विधानसभा चुनाव के समय बनी विद्रोह की स्थिति न बनने देना है।
पार्टी द्वारा इस बार प्रत्याशी चयन के लिए तीन स्तर पर सर्वे कराया जा रहा है, जिससे की प्रत्याशी चयन में कहीं कोई गफलत की स्थिति न बन सके। इसमें सबसे अहम सर्वे होगा एआईसीसी का। इसकी रिपोर्ट सीधे  हाईकमान को जाएगी, जबकि दो अन्य सर्वे प्रदेश संगठन द्वारा अपने स्तर पर कराए जा रहे हैं। इनमें से एक  सर्वे लोकसभा समन्वयकों द्वारा अपने स्तर पर तो दूसरा पार्टी द्वारा बनाए गए प्रभारियों द्वारा किया जाएगा। दोनों ही सर्वे में जिसका नाम आएगा उसको टिकट देने का सिफारिश प्रदेश संगठन पार्टी आलाकमान से करेगा। अहम बात यह है कि केन्द्रीय स्तर पर भी सर्वे में आए नाम से भेजे गए नाम का मिलान किया जाएगा। पार्टी सूत्रों के अनुसार सर्वे रिपोर्ट केन्द्रीय संगठन द्वारा 31 जनवरी तक भेजने का कहा गया है।
अभी यह है स्थिति
प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से पिछले चुनाव में कांग्रेस को महज एक सीट पर ही सफलता मिल सकी थी। यह सीट थी छिंदवाड़ा । इस सीट पर भी कांग्रेस की जीत की वजह थे कमलनाथ। यहां से उनके बेटे नकुल नाथ सांसद निर्वाचित हुए थे। दरअसल यह सीट व्यक्तिगत रुप से कमलनाथ के प्रभाव वाली सीट मानी जाती है। इसी तरह से अगर हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव परिणामों पर लोकसभा के हिसाब से नजर डालें तो 10 लोकसभा क्षेत्रों में कांग्रेस की बढ़त मिली है। इसकी वजह से ही कांग्रेस इन दस सीटों पर विशेष फोकस कर रही है।
लोकसभा संसदीय क्षेत्र की विधानसभा सीटों पर गौर करें तो एक बात साफ नजर आती है कि मुरैना संसदीय क्षेत्र की 5 सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। इसी तरह भिंड की चार, ग्वालियर की चार, टीकमगढ़ की तीन, मंडला की पांच, बालाघाट की चार, रतलाम की चार, धार की पांच और खरगौन की पांच सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। इसी तरह छिंदवाड़ा लोकसभा की तो एक भी सीट पर भाजपा जीत दर्ज नहीं कर सकी है। इसकी वजह से ही कांग्रेस को इन क्षेत्रोंं में अपने लिए अच्छी संभावनाएं नजर आ रही हैं।
सुनील कानुगोलू के पास है जिम्मा
मप्र में प्रत्याशी चयन के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के लिए सर्वे का काम सुनील कानुगोलू की टीम को दिया गया है। इसके अलावा पार्टी द्वारा 29 लोकसभा समन्वयक नियुक्त किए हैं, ये संबंधित क्षेत्र में पार्टी पदाधिकारियों, विधायक, पूर्व विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष,मोर्चा, संगठन के पदाधिकारियों से चर्चा कर एक नाम पर सहमति बनाने का प्रयास करेंगे। इनके साथ क्षेत्रवार समिति का गठन भी किया गया है, जो साथ में रहेगी। इसके अलावा लोकसभा प्रभारी भी अपने स्तर पर सर्वे का काम करेंगे। पार्टी सूत्रों की मानें तो इन्हें पार्टी द्वारा दो से तीन नामों का पैनल तैयार करने को कहा है।
समन्वयकों ने शुरु किया बैठकों का दौर
इधर, लोकसभा चुनाव के लिए बनाए गए समन्वयकों ने बैठकों का दौर शुरू कर दिया है। भोपाल के लोकसभा के समन्वयक पूर्व मंत्री प्रियव्रत सिंह द्वारा बीते रोज बैठक ली जा चुकी है। बैठक में विधायक, पूर्व विधायक, जिला ग्रामीण व शहर अध्यक्ष, पदाधिकारी, विधानसभा प्रत्याशी सहित अन्य प्रमुख कार्यकर्ताओं को बुलाया गया था। इसी तरह से अन्य क्षेत्रों में भी बैठकों के आयोजन के लिए तैयारियां की जा रही हैं। 

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