- विधायकों की कुंडली बनवा रहे कमलनाथ
भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। ग्रेस अब पूरी तरह से चुनावी मोड पर आ गई है। यही वजह है कि उसने अभी से रणनीति बनाने के साथ ही उस पर अमल करना शुरू कर दिया है। भाजपा की ही तरह कांग्रेस ने भी ऐसी ढाई दर्जन विधानसभा की सीटें चिन्हित की हैं, जो अब पूरी तरह से भाजपा का गढ़ बन चुकी हैं। इन सीटों पर लंबे समय से भाजपा का कब्जा बना हुआ है। इसकी वजह से लगतार कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ रहा है। इन सीटों पर डेढ़ साल पहले से ही पार्टी ने अघोषित रुप से युवा प्रत्याशियों का चयन कर लिया है।
यही नहीं उन्हें गुपचुप रुप से चुनाव लड़ने के लिए तैयारी में जुट जाने को भी कह दिया गया है। इसके साथ ही कमलनाथ द्वारा अपने विधायकों की सीटों का भी सर्वे कराया गया है। 96 विधायकों वाली पार्टी में 25 विधायकों की स्थिति खराब पायी गई है , जिन्हें अभी से सचेत कर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए कह दिया गया है। सर्वे की इस प्रारंभिक रिपोर्ट ने कांग्रेस के कान खड़े कर दिए हैं। माना जा रहा है कि अगर आज चुनाव हो जाएं तो यह विधायक हार जाएंगे। 2018 के चुनाव में कांग्रेस को सरकार बनाने का मौका मिल गया था , लेकिन गुटबाजी और अंसतोष की वजह से डेढ़ साल में ही स्थिति ऐसी बदली की उसे सत्ता से बाहर होना पड़ा भाजपा को सरकार में आने का मौका मिल गया। उस समय पार्टी के विधायकों द्वारा किए गए दलबदल को अब भी पार्टी धोखा मान रही है। यही वजह है कि अब उससे सबक लेते हुए फूंक-फूंककर कदम रख रही है। अब पार्टी का मानना है कि अब जो उनके साथ हैं, वे खुद्दार और भरोसेमंद हैं। ये ऐन मौके पर धोखा नहीं देंगे, इसलिए उनको लेकर पूरी जानकारी जुटाई जा रही है। यह खुलासा खुद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने अपने निवास पर अनौपचारिक चर्चा में करते हुए कहा कि रिपोर्ट में जिन विधायकों का परफॉर्मेंस कमजोर सामने आया है, उन्हें आगाह किया गया है कि वे क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा मेहनत करें। पार्टी नहीं चाहती कि किसी विधायक का टिकट कटे, इसलिए मेहनत करने को कहा गया है। सूत्र बताते हैं कि इस सर्वे रिपोर्ट से जमीनी हकीकत जानने का प्रयास किया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि इस सर्वे में करीब 30 विधायकों की स्थिति बहुत अच्छी पायी गई है। उनकी क्षेत्र में बेहतर पकड़ है। मतदाता उनके काम से प्रभावित हैं। आज चुनाव हो जाएं तो वे जीत जाएंगे। इस मामले में पार्टी को किसी भी प्रकार का कोई शक नहीं है। उधर कमलनाथ का कहना है कि प्रदेश में हर बूथ पर कम से कम 100 सक्रिय कार्यकतार्ओं को जोड़ने के लक्ष्य पर तेजी से काम किया जा रहा है। अब तक प्रदेश में 120 मंडलम गठित किए जा चुके हैं। साथ ही युवाओं को जमीनी मुद्दों से रूबरू करवाते हुए संघर्ष के लिए तैयार किया जा रहा है। उनका टिकट बंटवारे को फार्मूले पर कहना है कि इसके लिए कोई फॉर्मूला तय नहीं है, लेकिन जमीनी संघर्ष करने और जीतने वाले को प्राथमिकता रहती है। फिर भी सभी जातियों और समूहों को प्रतिनिधित्व सिर्फ कांग्रेस में ही है।
इस आधार पर परफॉर्मेंस
विधायक क्षेत्र में कितना समय देते हैं। विकास कार्यों के प्रति रुचि। आमजन के प्रति व्यवहार। समस्याओं के निराकरण में कितना ध्यान । क्षेत्र में छवि और पारिवारिक बैकग्राउंड कैसा है। पार्टी के क्षेत्रीय संतुलन में क्या स्थिति। आर्थिक स्थिति, क्षेत्र में सियासी पकड़ कैसी है। उन्होंने रायसेन के सोमेश्वर मंदिर बंद होने के मामले में कहा कि मप्र और केंद्र में भाजपा की सरकार होने के बाद भी अनुमति नहीं मिल रही। सांप्रदायिकता के मामले में नाथ ने कहा कि प्रदेश की जनता कतई सांप्रदायिक नहीं है, लेकिन जहां भी चुनाव होते हैं, वहां भाजपा यही करती है। हमारा मुकाबला भाजपा के पैसे, प्रशासन और पुलिस से है। यही नहीं प्रदेश में भ्रष्टाचार संस्थागत हो गया है। अधिकारी कागजों पर काम दिखाते हैं, जिसका प्रपंच और प्रचार होता है। वास्तविकता में गांवों और कस्बों में कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
मैंने चलाया था बुलडोजर
एक अन्य सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकार में रहते हुए मैंने माफिया पर बुलडोजर चलाया था। लेकिन शिवराज सरकार कांग्रेस कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न के लिए बुलडोजर चला रही है। भारत में कानून का राज है। किसी भी व्यक्ति को सजा देने का काम अदालत का है। बिना मुकदमे के लोगों को सजा देना बाबा साहेब के बनाए संविधान का अपमान है। असल में यह बुलडोजर मामा नहीं हैं। यह व्यापमं मामा हैं। व्यापमं का दूसरा एपिसोड शुरू हो चुका है। बच्चों का भविष्य बेचा जा रहा है नौकरियां बेची जा रही हैं। रायसेन के किले के मंदिर का ताला खोलने के सवाल पर नाथ ने कहा कि भाजपा को नौटंकी करने की आदत है। प्रदेश में भाजपा की सरकार है, केंद्र में भाजपा की सरकार है, ऐसे में ताला खोलने के लिए किसकी अनुमति का इंतजार कर रहे हैं।
भाजपा का प्रचार तंत्र मजबूत
नाथ ने कहा कि भाजपा के प्रचार तंत्र से पार पाना वाकई चुनौती है, क्योंकि सरकार काम नहीं करती, सिर्फ प्रचार करती है। वास्तविकता में प्रदेश में बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, सरकारी दमन चरम पर है। प्रदेश में किसानों को कुचला जा रहा है, बिजली बिल, खाद, बीज को लेकर हालात खराब खराब हैं। कर्जमाफी नहीं होने से किसान बबार्दी की कगार पर हैं। उन्होंने खरगोन घटना की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की।