कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक, टिकट वितरण का फॉर्मूला तय

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विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र विधानसभा चुनाव के लिए नई दिल्ली में कमलनाथ के आवास पर कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक हुई। मप्र के पार्टी मामलों के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्यों के साथ बैठक की। बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ-साथ स्क्रीनिंग कमेटी के अन्य सदस्य और कांग्रेस के सह-प्रभारी भी उपस्थित रहे। देर रात तक चली बैठक में तय किया गया है, कि इस बार युवा और नए चेहरों को अधिक से अधिक टिकट दिया जाएगा। जानकारी के अनसार बैठक में 100 सीटों पर चर्चा हुई, लेकिन अभी तक कोई नाम तय नहीं हुआ है।
मप्र में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। अब चुनाव में सिर्फ दो महीने ही बचे हैं। इसलिए कांग्रेस ने चुनावी तैयारियां तेज कर दी हैं। कांग्रेस सत्ता में वापसी की कोशिश कर रही है। चुनाव से पहले कई बड़े वादे भी किए हैं। राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा ने पिछले महीने ही अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है। लेकिन कांग्रेस प्रत्याशियों की सूची जारी करने जल्दबाजी में नहीं है। कारण है कि संसद सत्र शुरू होने वाला है। इसमें महिला आरक्षण बिल पर विचार हो सकता है। ऐसे में कांग्रेस सत्र के बाद ही कोई निर्णय लेगी। कमलनाथ भी यह साफ कर चुके हैं कि जब हमे उचित लगेगा तब हम टिकट की सूची जारी करेंगे। सूत्रों की माने तो 22 के बाद ही कांग्रेस की पहली सूची जारी होगी।
25 सीटों पर सिंगल नाम
पार्टी सूत्रों के अनुसार बैठक में लगातार हारने वाली सीटों में 25 में सिंगल नाम आए है। कुछ सिंगल नामो को होल्ड भी किया गया है। जिन्हें होल्ड किया गया है, उनके नाम संगठन की तरफ से नहीं भेजे गए हैं। इन पर बुधवार को फिर से चर्चा होगी। इधर, वर्तमान 20 विधायक ऐसे हैं, जिनका टिकट कट सकता है। इन विधायकों की सर्वे रिपोर्ट में स्थिति खराब बताई गई है। बताया जा रहा है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में 5 हजार से कम वोटों से हारे प्रत्याशियों के नामोंं पर भी विचार किया जाएगा। इस पर बैठक में सहमति बनी है। वहीं स्क्रीनिंग कमेटी ने 50 से ज्यादा विधायकों को फिर से उम्मीदवार बनाए जाने पर सहमति जता दी है, किन्तु दो दर्जन से ज्यादा ऐसे विधायक है, जिन्हें लेकर समिति से लेकर कांग्रेस के दिग्गज नेता संतुष्ट नहीं है। बैठक में भोपाल स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्यों को जिलाध्यक्षों, प्रभारियों और सर्वे रिपोर्ट से जो फीडबैक मिला था, उस पर चर्चा हुई है। सूत्रों की माने तो स्क्रीनिंग कमेटी ने तकरीबन 100 से ज्यादा नामों पर अपनी मोहर लगा दी है। इन नामों को कांग्रेस चुनाव समिति के पास भेजा जाएगा, जहां नामों पर अंतिम फैसला होगा। इसके बाद सूची जारी कर दी जाएगी। जानकारी के अनुसार स्क्रीनिंग कमेटी ने विधायकों को फिर से चुनाव लड़ाए जाने पर सहमति जता दी है। इनमें पीसीसी चीफ कमलनाथ एक बार फिर से छिंदवाड़ा से चुनाव लड़ सकते है। उनके कैबिनेट में सदस्य रहे तरुण भनोत जबलपुर पश्चिम और लखन घनघोरिया जबलपुर पूर्व से फिर से चुनाव लड़ेंगे। जबलपुर की उत्तर विधानसभा क्षेत्र से एक बार फिर से, विनय सक्सेना उम्मीदवार होंगे। इनके अलावा पूर्व गृह मंत्री बाला बच्चन अपने पुरानी सीट राजपुर से, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा सोनकच्छ से पूर्व मंत्री प्रियव्रत सिंह, खिलचीपुर और मंत्री रहे जयवर्धन सिंह राधौगढ़ से उम्मीदवार होना लगभग तय हो गया है। जीतू पटवारी एक बार फिर से राऊ से उमंग सिंधार गंधवानी, सुखदेव पांसे मुलताई, नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविन्द सिंह लाहर, सचिन यादव कसरावद और डॉ विजय लक्ष्मी साधौ महेश्वर से मैदान में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ते दिखाई देना तय माना जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस भी अपनी सूची जारी करने में जल्दबाजी नहीं करेगी। दरअसल कांग्रेस मध्यप्रदेश में 18 सितम्बर से जनाक्रोश यात्रा निकाल रही है, जो 5 अक्टूबर तक जारी रहेगी। ऐसे में वह सूची जारी कर टिकट से वंचित होने वाले दावेदारों की नाराजगी नहीं लेना चाहती है। हालांकि सूत्र मान रहे है कि जिन विधायकों को टिकट दिया जाना है, उनके नाम पार्टी घोषित कर सकती है। अगर ऐसा नहीं हो सका, तो उन्हें संकेत दिया जा सकता है।
100 सीटों प्रारंभिक चर्चा
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि प्रदेश के दिग्गज नेताओं की बैठक में वर्तमान विधायकों और लगातार हारने वाली 100 सीटों पर प्रारंभिक चर्चा की गई।  इनमें से अधिकांश सीट जीती हुई है। इनके अलावा ऐसी सीटें जहां कांग्रेस पिछला चुनाव जीतते -जीतते हार गई थी, वहां के प्रत्याशियों के नाम पर भी नेताओं ने मंथन किया है। साथ ही तय किया गया कि कांग्रेस प्रदेश में नये चेहरों पर दांव लगाएगी। युवाओं और महिलाओं को आगे करेगी। बैठक में कमलनाथ ने साफ कर दिया कि टिकट किसी को भी मिले, जिताने की जिम्मेदारी सामूहिक होगी। बताया जा रहा है कि बैठक में लगातार हारने वाली 66 सीटों को लेकर चर्चा की गई। इन सीटों पर कॉमन नामों की सूची बनाई गई है। इसके लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के द्वारा कराए गए सर्वे, सुनील कानुगोलू और एआईसीसी के चारों पर्यवेक्षकों की सर्वे रिपोर्ट को आधार बनाया गया। जिन सीटों पर कॉमन नाम सामने आए हैं, उन्हें अलग कर लिया गया है। जिन सीटों पर दो या दो से अधिक दावेदारों के नाम आ रहे हैं, उनकी सूची अलग बनाई जा रही है। इसके अलावा वर्तमान विधायकों की अलग सूची तैयार की गई है।
चुनाव में कांग्रेस मजबूत
उधर, राजधानी भोपाल में मंगलवार को पूर्व सीएम कमलनाथ के बंगले में कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन प्रमुख वेणुगोपाल की मौजूदगी में दूसरे राज्यों से भेजे गए लोकसभा पर्यवेक्षकों की बैठक हुई। बैठक में पर्यवेक्षकों ने दावा किया है कि राज्य विधानसभा चुनाव में कांग्रेस मजबूत स्थिति में है और वह सरकार बना सकती है। लेकिन लोकसभा चुनाव के लिए संगठन को और मजबूत बनाना होगा। बैठक में प्रदेश प्रभारी रणदीप सुरजेवाला, पीसीसी चीफ कमलनाथ और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह मौजूद रहे। पर्यवेक्षकों ने अपनी रिपोर्ट वेणुगोपाल को सौंप दी है। बताया गया है कि रिपोर्ट में पर्यवेक्षकों ने कहा है कि पिछले ढाई साल से कांग्रेस नेताओं ने बूथ स्तर पर जो काम किया है, उससे संगठन मजबूत हुआ है। इससे संगठन की जमीनी संरचना मजबूत अच्छी है, लेकिन लोकसभा चुनाव के लिए उसे और बेहतर बनाना होगा। फिलहाल हमारा कार्यकर्ता उत्साहित है और हम विधानसभा चुनाव जीत सकते है। बैठक में इन सभी पर्यवेक्षकों को उनके प्रभार वाले लोकसभा क्षेत्र में आने वाली सभी विधानसभा चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी गई। इस मौके पर सभी को संबंधित क्षेत्र से जुड़ी जानकारियों का फोल्डर दिया गया, जिसमें हर विधानसभा क्षेत्र की भौगोलिक, जातिगत और समाजिक जानकारी दी गई है। इसी आधार पर पर्यवेक्षक हर विधानसभा चुनाव के लिए अपनी रणनीति बनाएंगे और उस पर काम करेंगे।

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