- जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए जोड़ -तोड़ शुरू
भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। जिला पंचायत भोपाल के 10 सदस्यों में से नौ के चुनाव परिणामों के जिस तरह से रुझान आए हैं उससे कांग्रेस का अध्यक्ष बनना तय माना जा रहा है। इसी तरह से सागर में श्रीमंत समर्थक मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के भाई हीरा सिंह के निर्विरोध निर्वाचित होने के बाद उनका जिला पंचायत अध्यक्ष बनना तय ही माना जा रहा है। दरअसल भोपाल जिला पंचायत के लिए हुए चुनाव में दस वार्डों में से 6 पर महिलाओं ने जीत दर्ज की है। अब यह सभी महिलाएं अध्यक्ष पद की दावेदार बनकर उभर रही हैं। इनमें 4 कांग्रेस, तो 2 भाजपा समर्थित महिलाएं हैं। अभी एक वार्ड की मतगणना होल्ड रखी गई है।
इस बीच दोनों ही दलों के नेताओं द्वारा भोपाल जिला पंचायत पद की कुर्सी हासिल करने के लिए कवायद शुरू कर दी गई है। अगर सदस्य संख्या के हिसाब से देखें तो दस में से छह सदस्य कांग्रेस समर्थित होने की वजह से वहीं, सदस्य संख्या ज्यादा होने के कारण कांग्रेस का दावा मजबूत माना जा रहा है। इसकी वजह से ही कांग्रेस के चार सदस्य इस पद के दावेदार बनकर उभर रहे हैं। इसकी वजह से पार्टी में खींचतान की स्थिति बन चुकी है। यह बात अलग है कि यह सभी दावेदार पार्टी समर्थक जीते हुए प्रत्याशियों को अपने पाले में लाने के लिए सभी तरह के व्यक्तिगत प्रयासों में लगे गए हैं। जो भी प्रत्याशी पांच सदस्यों को अपने पाले में लाने में सफल रहेगा उसका अध्यक्ष बनना तय है। भोपाल जिला पंचायत की सीट इस बार अनारक्षित महिला के लिए आरक्षित है। यह बात अलग है कि अधिकृत चुनाव परिणामों की घोषणा 14 जुलाई को की जाएगी। अब तक आए रुझानों से तय है कि वार्ड-1 के मोहन जाट किसी भी दल से वास्ता नहीं रखते हैं। इधर वार्ड 9 का चुनाव रिजल्ट भी अभी अटका हुआ है। यहां रुकमणी बाई और गंगा बाई के बीच मुकाबला है। ग्रामीण राजनीति के जानकारों का कहना है कि जिला अध्यक्ष पद के लिए रश्मि अवनीश भार्गव, बिजिया विनोद राजौरिया, रामकुंवर और चंद्रेश राजपूत के बीच मुख्य मुकाबला है।
भाजपा के हीरा सिंह का अध्यक्ष बनना तय
सागर जिला पंचायत के सदस्यों के अबतक आए रुझानों से यह तय हो गया है की जिले में अधिकांश भाजपा समर्थित सदस्य ही जीते हैं। इनमें हीरा सिंह पहले ही निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं। अब हीरा सिंह का अध्यक्ष चुना जाना तय है। इसकी वजह है जिले के दूसरे मंत्री भूपेन्द्र सिंह का समर्थन मिल जाना। दरअसल हीरा सिंह की इस जीत में भी भूपेन्द्र ने बड़ी भूमिका निभाई है। इसके बदले में गोविंद सिंह ने भी भूपेन्द्र समर्थक सागर नगर निगम के लिए अपना समर्थन प्रदान किया है और साथ ही इस मामले में उनके साथ ही रहने का वादा भी किया है।
इंदौर भी भाजपा के खाते में जाना तय
जिला पंचायत के 17 वार्डों के सदस्य पदों में से उनकी पार्टी 13 सीटों पर जीती है। इस तरह जिला पंचायत में भाजपा स्पष्ट बहुमत की ओर है। ऐसे में एक बार फिर जिला पंचायत का अध्यक्ष भाजपा से बनना तय है।
सीहोर में शशांक का अध्यक्ष बनना तय
सीहोर विधायक सुदेश राय की विधानसभा के वार्ड न.1 से जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में पूर्व विधायक कांग्रेस के रमेश सक्सेना के बेटे शशांक सक्सेना ने बाजी मार ली। वहीं बीजेपी से उम्मीदवार गिरीश सोलंकी हार गए। इस सीट पर जिलेभर के तमाम बीजेपी काग्रेंस नेता की निगाह थी, क्योंकि यह गढ़ सीहोर विधायक सुदेश राय और बीजेपी का गढ़ मना जाता था लेकिन इस बार इस गढ़ में कांग्रेस ने सेंध मार दी। सीहोर विधानसभा की जिला पंचायत वार्ड में रमेश सक्सेना समर्थकों ने बाजी मार ली है।
यह हैं प्रमुख दावेदार
रश्मि अवनीश भार्गव वार्ड- 10 से जीतीं हैं। वे राजनैतिक परिवार से आती हैं। उनके पति अवनीश भार्गव 15 साल से भोपाल ग्रामीण कांग्रेस के जिला अध्यक्ष रहे हैं। फिलहाल वे प्रदेश कांग्रेस कमेटी में पदाधिकारी हैं। ग्रामीण क्षेत्र में कांग्रेस की पकड़ बनाने में भार्गव की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती रही है। अवनीश लगातार कांग्रेस के अन्य जीते हुए सदस्यों से समर्थन हासिल करने के लिए सक्रिय बने हुए हैं। उधर, वार्ड छह से जीती रामकुंवर नौरंग सिंह गुर्जर भी अध्यक्ष पद की दावेदार मानी जा रही हैं। इनका पूरा परिवार कांग्रेसी रहा है। इनके ससुर मेहरबान सिंह गुर्जर भी सक्रिय राजनीति में हैं और दिग्विजय समर्थक माने जाते हैं। इधर, वार्ड तीन से जीतीं बिजिया विनोद राजौरिया : पहले भी चुनाव लड़ चुकी हैं। इनका पूरा परिवार कांग्रेसी पृष्ठभूमि से ही है। वर्तमान में उनके पति विनोद राजौरिया ब्लॉक कांग्रेस के अध्यक्ष के साथ ही मंडी में डायरेक्टर हैं। कांग्रेस की चंद्रेश राजपूत भी सक्रिय हैं। इनका परिवार भी कांग्रेस पृष्ठभूमि से जुड़ा है। इसके अलावा भाजपा की देवकुंवर हाड़ा और इद्रा मीना भी अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी जता रही हैं। वे भी अन्य सदस्यों से संपर्क बनाए हुए हैं। उधर, देवास जिले के 18 जिला पंचायत सीटों में 14 पर कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों ने कब्जा जमाया है। इसी तरह छिंदवाड़ा के 8 में से 7 पर कांग्रेस, धार के 10 में से 9 पर कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों की जीत हुई है।