रावत को घेरने कांग्रेस ने… 6 दिग्गजों को उतारा

  • उपचुनाव के लिए बिछने लगी बिसात
  • गौरव चौहान
कांग्रेस

अमरवाड़ा विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के साथ ही भाजपा-कांग्रेस ने बुधनी, विजयपुर और सागर विधानसभा पर होने वाले संभावित लोकसभा चुनाव के लिए बिसात बिछानी शुरू कर दी है। वैसे कांग्रेस का पूरा फोकस विजयपुर सीट पर है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामने वाले विजयपुर विधायक और पूर्व मंत्री रामनिवास की घेराबंदी शुरू कर दी है। विजयपुर में संभावित उपचुनाव को देखते हुए संगठन को मजबूत करने के लिए ग्वालियर-चंबल के 6 नेताओं की एक कमेटी गठित कर दी है। प्रदेश उपाध्यक्ष और संगठन प्रभारी राजीव सिंह के मुताबिक कमेटी में पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह, राज्यसभा सांसद अशोक सिंह, पूर्व मंत्री लाखन सिंह, विधायक फूल सिंह बरैया, विधायक दिनेश गुर्जर और मुरैना लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी रहे सत्यपाल सिंह सिकरवार को शामिल किया गया है।
कमेटी सदस्यों को संयुक्त रूप से श्योपुर और विजयपुर का दौरा कर ब्लॉक, मंडलम और सेक्टर के गठन करने और बूथ स्तर पर कांग्रेस संगठन को मजबूत करने का जिम्मा सौंपा गया है। यह समिति अगले एक माह में यहां दौरा करने के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। सागर के बीना में भी उपचुनाव की संभावना है, यहां की विधायक निर्मला सप्रे कांग्रेस छोड़ भाजपा में जा चुकी हैं।
अमरवाड़ा में दो और नाम आए सामने छिंदवाड़ा की अमरवाड़ा सीट पर प्रत्याशी चयन के लिए कांग्रेस की रायशुमारी पूरी हो गई है। प्रत्याशी की घोषणा सोमवार तक हो सकती है। कांग्रेस से टिकट के दावेदारों में दो नाम और सामने आए हैं। इनमें आंचल कुंड धाम के सुखरामदास और साजवा दरवार के मानसींग इनवाती को भी कांग्रेस प्रत्याशी बना सकती है।  सीहोर की बुदनी विधानसभा सीट पर संभावित उपचुनाव में कांग्रेस से टिकट के दावेदारों में सबसे आगे 2023 में प्रत्याशी रहे  मस्ताल सबसे आगे हैं। मस्ताल के अलावा पूर्व मंत्री राजकुमार पटेल का नाम भी संभावित प्रत्याशी के रूप में चर्चाओं में हैं। पीसीसी ने बुदनी में चुनावी तैयारी का जिम्मा पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह और पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल को सौंपा है। दोनों नेता एक सप्ताह के भीतर बुदनी में संगठनात्मक बैठक कर सकते हैं। इसके साथ ही वे संभावित प्रत्याशियों को लेकर भी रायशुमारी कर सकते हैं।
रावत ने अभी तक नहीं दिया है इस्तीफा
लोकसभा चुनाव के दौरान विजयपुर से कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत ने भाजपा का दामन थाम लिया था, लेकिन उन्होंने अभी तक न तो कांग्रेस से इस्तीफा दिया है और न भाजपा की सदस्यता ही ली है। भाजपा भी फिलहाल रावत के मामले में चुप्पी साधे है। अमूमन यही स्थिति बीना की विधायक सप्रे को लेकर भी है। उन्होंने भी अभी तक भाजपा की सदस्यता नहीं ली है। विधानसभा के रिकॉर्ड में भी अभी दोनों कांग्रेस के विधायक हैं। भाजपा की विधिवत सदस्यता लेते ही दोनों की विधायकी भी चली जाएगी। साथ ही उपचुनाव तय हो जाएंगे। मगर भाजपा भी फिलहाल उपचुनाव नहीं कराना चाहती। पिछली विधानसभा में भी मैहर के नारायण त्रिपाठी और बड़वाह के सचिन बिरला को लेकर लंबे समय तक यही स्थिति बनी रही। हालांकि रावत को लेकर कांग्रेस शुरू से ही आक्रामक रुख अपनाए हुए है और उन्हें अपना गिनना बंद कर उपचुनाव की तैयारी में जुट गई है। विजयपुर से कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत ने प्रदेश कांग्रेस द्वारा उनके विधानसभा क्षेत्र के लिए कमेटी बनाने पर कहा कि बढिय़ा  है, उनका स्वागत है। मगर पहले सीट तो खाली करा लें। हालांकि रावत ने कहा कि अच्छा है कांग्रेस को मेहनत करना भी चाहिए। मगर सबसे बड़ी बात यह है कि मैं अभी भी विधायक हूं। मैंने इस्तीफा नहीं दिया है। जब तक इस्तीफा नहीं दूंगा, तब तक उपचुनाव कैसे होगा। पहले कांग्रेस मुझे हटवा तो ले। रावत ने अपने दल को लेकर किए गए सवाल के जवाब में कहा कि मैं भाजपा में हूं। इस्तीफे के सवाल पर उन्होंने कहा कि जब समय आएगा दे दूंगा। वहीं मानसून सत्र को लेकर कांग्रेस की रणनीति पर उन्होंने कहा कि मैं विधायक हूं और मुझे विधानसभा आने से कोई नहीं रोक सकता। यह मेरा अधिकार है, जहां अध्यक्ष ने आसन तय किया है वहीं बैठूंगा।
रामनिवास की घेराबंदी
श्योपुर जिले की विजयपुर सीट विधानसभा के रिकॉर्ड में अभी भी कांग्रेस के नाम है। यहां से विधायक कांग्रेस के रामनिवास रावत ही हैं, लेकिन कांग्रेस ने इस सीट को अपने हाथ से निकली हुई मान लिया है। साथ ही उपचुनाव तय मानकर छह दिग्गजों को मैदान में उतार दिया है। ये छह नेता संगठन की मजबूती की आड़ लेकर न केवल चुनावी तैयारियों को हवा देंगे, बल्कि पार्टी को जिताऊ चेहरा भी खोजकर देंगे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मान लिया है कि विजयपुर विधानसभा सीट पर जल्द ही उपचुनाव होंगे। यह चुनाव टल नहीं सकते। इतना ही नहीं, संभावित उपचुनाव को देखते हुए पटवारी ने विजयपुर विधानसभा सीट के कमजोर पेंच कसने की कसावट शुरू कर दी है। इसके लिए सीधे तौर पर विजयपुर को टारगेट न बनाते हुए कांग्रेस ने पूरे श्योपुर के संगठन को ही कमजोर मानते हुए ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के धाकड़ चेहरों को आगे कर दिया है। जल्द ही ये सभी दिग्गज जिले का दौरा कर ब्लॉक, मंडलम, सेक्टर के साथ ही बूथ स्तर तक नए सिरे से संगठन खड़ा करने की कार्ययोजना बनाएंगे। बताया जाता है कि यह समिति विजयपुर में उपचुनाव में जीतने योग्य उम्मीदवार को लेकर भी कार्यकर्ताओं व स्थानीय नेताओं से चर्चा करेगी। साथ ही जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को सौंपेगी। ताकि अपनी सीट पर पार्टी का कब्जा बरकरार रहे।

Related Articles