- सरकार ने नहीं किया अभी कोई फैसला
- गौरव चौहान
लोकसभा चुनाव की आचार संहिता अगले माह कभी भी लग सकती है, इसके बाद भी प्रदेश का नया प्रशासनिक मुखिया कौन होगा इसको लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। हालांकि प्रदेश में प्रशासनिक गलियारे में बीते कई दिनों से मौजूदा मुख्य सचिव वीरा राणा को सेवावृद्धि देने की अटकलें तेजी से चल रही हैं।
इस बीच अभी तय नहीं है कि उनकी सेवा वृद्धि का प्रस्ताव दिल्ली भेजा भी जाएगा या नहीं। हालांकि माना जा रहा है कि जिस तरह से सरकार व मुख्य सचिव के बीच तालमेल बना हुआ है, उसे देखते हुए सेवा वृद्धि का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जा सकता है। फिलहाल इस पर फैसला इस माह होने की उम्मीद है। क्योंकि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के बाद नए मुख्य सचिव का फैसला चुनाव आयोग की सहमति से करना होगा, जिसमें वरिष्ठता का पूरा ध्यान रखना होता है। मौजूदा मुख्य सचिव का फैसला भी विधानसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता की वजह से चुनाव आयोग की सहमति से लिया गया था। जिसमें वरिष्ठता के आधार पर ही श्रीमती राणा का चयन किया गया था। वे अगले माह 31 मार्च को सेवानिवृत्त होने जा रही हैं। इस दौरान लोकसभा चुनाव के चलते प्रदेश में आचार संहिता लागू हो जाएगी। अगर आयोग की सहमति से मुख्य सचिव का फैसला होने की स्थिति बनी तो, वरिष्ठता के हिसाब से 1988 बैच के आईएएस संजय बंदोपाध्याय का मुख्य सचिव बनना तय है।
मार्च के पहले हफ्ते तक हो जाएगा नाम तय
मौजूदा सीएस वीरा राणा की नियुक्ति 30 नवंबर को चुनाव आयोग की सहमति से हुई थी, क्योंकि, तब प्रदेश में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू थी। वीरा राणा ने 1 दिसंबर को चार्ज लिया था। अब फिर वैसी स्थिति नहीं बने, इसके लिए यह माना जा रहा है कि मार्च के पहले हफ्ते तक नए सीएस की नियुक्ति हो जाएगी। ऐसे में नए मुख्य सचिव के लिए हलचल तेज हो गई है। नए अफसर को सीएस बनाने का फैसला लेने के लिए भी सरकार के पास ज्यादा समय नहीं है। माना जा रहा है कि मार्च के दूसरे सप्ताह के बाद कभी भी लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग सकती है। ऐसे में सरकार इससे पहले ही फैसला ले लेगी, ताकि नए सीएस को चुनाव से पहले प्रशासनिक जमावट और अफसरों से तालमेल के लिए पूरा समय मिल सके।
मिल सकता है एक्सटेंशन
दरअसल, वीरा राणा 1988 बैच की आईएएस अफसर है। वीरा राणा मूल रूप यूपी की रहने वाली हैं। वे प्रदेश की दूसरी महिला मुख्य सचिव हैं। बीते कुछ समय से प्रदेश व केन्द्र सरकार का पूरा फोकस महिलाओं पर बना हुआ है। इसकी वजह से माना जा रहा है कि अगले छह माह का उन्हें एक्सटेंशन दिया जा सकता है।
कई अफसर है दौड़ में शामिल
अगर सरकार चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले सीएस की नियुक्ति करती है, तो वह केंद्र सरकार के सचिव के रूप में कार्यरत अनुराग जैन, अतिरिक्त मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान और राजेश राजोरा के नामों पर विचार कर सकती है। जैन और सुलेमान का नाम पिछले एक साल से इस पद के लिए चर्चा में है। इसके अलावा इस दौड़ में वरिष्ठता के हिसाब से संजय बंदोपाध्याय भी शामिल हैं। 1989 बैच के अनुराग जैन दिल्ली में पदस्थ हैं। विनोद कुमार पिछले हफ्ते मंत्रालय से बाहर पदस्थ किए जा चुके हैं। जेएन कंसोटिया भी इसी बैच के हैं। मुख्य सचिव की दौड़ में शामिल 1990 बैच के आईएएस राजेश राजौरा मई 2027 में , बंदोपाध्याय इसी साल अगस्त और आशीष उपाध्याय सितंबर में सेवानिवृत्त होंगे। जबकि अनुराग जैन अगले साल अगस्त 2025, विनोद कुमार मई 2025, जेएन कंसोटिया अगस्त 2025 में रिटायर्ड होंगे। ऐसे में राजौरा का नाम अगले मुख्य सचिव की दौड़ में सबसे आगे बताया जा रहा है। बंदोपाध्याय 1988 बैच के आईएएस हैं। इसका बड़ा फायदा ये हो सकता है कि उनके आने के बाद मंत्रालय से किसी भी सीनियर आईएएस अफसर को बाहर नहीं जाना पड़ेगा। क्योंकि जूनियर बैच का आईएएस जब सीएस बनता है तो , सीनियर आईएएस को मंत्रालय से बाहर या फिर प्रतिनियुक्ति पर जाना पड़ता है।