भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। एक तरफ जहां विपक्षी दल प्रदेश में लोकसभा सीट जीतने के लिए मेहनत कर रहे हैं, तो इसके उलट भाजपा प्रत्याशी अपनी जीत पहले से ही तय मान रहे हैं। इसके बाद भी भाजपा के तमाम प्रत्याशी चुनावी प्रचार में जी जान लगाए हुए हैं। इसकी वजह है भाजपा कि तमाम प्रत्याशियों में सर्वाधिक मतों से जीत की प्रतिस्पर्धा। दरअसल इस बार भाजपा प्रत्याशी चाहते हैं कि इस वे देश में सर्वाधिक मतों से जीत का रिकार्ड अपने नाम कर लें। यही वजह हे कि वे अपने जीत के अंतर को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासों में लगे हुए हैं। इसकी वजह भी है। सर्वाधिक मतों से जीते तो उनका न केवल पार्टी में बल्कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने कद में प्रभावी वृद्धि होगी। इस तरह की प्रतिस्पर्धा खासतौर पर भाजपा के चुनाव लडऩे वाले बड़े चहरों में खासतौर पर देखी जा रही है। दरअसल इस बार पार्टी ने प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह तोमर और केन्द्री मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे चेहरों को चुनावी मैदान में उतारा है।
भाजपा के ऐसे नेताओं में पहला नाम आता है प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा का है। वे पिछला लोकसभा चुनाव करीब 4 लाख 92 हजार मतों से जीते थे। वे कर रहे हैं कि इस बार का चुनाव पिछले चुनाव से भी ज्यादा मतों के अंतर से जीतेंगे। इसके लिए उनके द्वारा रणनीति भी तैयार की गई है। जिसके मुताबिक पिछले लोकसभा चुनाव में खजुराहो में 78 फीसदी मतदान हुआ था। इनमें से जिन पोलिंग बूथों में भाजपा के पक्ष में 65 प्रतिशत वोट पड़े थेे, वहां पर इस बार 75 से 80 प्रतिशत मतदान कराने की योजना है, जिससे की हर बूथ से पिछले चुनाव से 370 वोट अधिक हासिल करने का लक्ष्य हासिल किया जा सके। यही नहीं पिछले दिनों लोकसभा चुनाव के प्रदेश प्रभारी डॉ. महेन्द्र सिंह ने भी कार्यकर्ताओं को खुजराहो सीट पर भाजपा की जीत 9 लाख वोटों से तय करने के लिए कार्यकर्ताओं को संकल्प कराया जा चुका है।
केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी बड़ी जीत दर्ज करने की होड़ में शामिल हैं। इसकी वजह है, वे पिछले चुनाव में मिली हार को लेकर बड़ा संदेश देना चाहते हैं। वे बीता चुनाव करीब सवा लाख से अधिक मतों से हारे थे। तब वे कांग्रेस प्रत्याशी के रुप में उतरे थे, लेकिन इस बार वे भाजपा प्रत्याशी हैं। वे यहां से अपने खोए जनसमर्थन को जुटाकर प्रदेश से लोकसभा चुनाव की सबसे बड़ी जीत दर्ज करने की रणनीति के साथ मैदान में है। उनके समर्थकों का भी दावा कि इस सीट की जीत देश की सबसे बड़ी जीतों में से एक होगी।
दो दशक बाद मैदान में
तीसरे भाजपा नेता है पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान। वे दो दशक बाद लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। उनके समर्थक चाहते हैं कि उनकी विदिशा से बड़ी जीत हो, जिससे उनकी लोकप्रियता का संदेश पूरे देश में दिया जा सके। उनका कहना है कि शिवराज भले ही सीएम नहीं रहे हो, लेकिन उनकी लोकप्रियता में कही थी कमी नहीं आई, अलबत्ता वह और बढ़ती जा रही है। कहा तो यह जा रहा है कि शिव समर्थकों द्वारा उनकी जीत का अंतर करीब आठ लाख मतों से तय करने की रणनीति बनाई गई है। इस सीट पर पिछला चुनाव भाजपा ने करीब 5 लाख से अधिक मतों के अंतर से जीता था। इसी तरह से चौथी बड़ी जीत का दावा इंदौर सीट से भी किया जा रहा है। यहां पर भाजपा ने एक बार फिर से शंकर लालवानी को प्रत्याशी बनाया है। वे पिछला चुनाव करीब साढ़े पांच लाख मतों से जीते थे। इस सीट पर भाजपा की जीत आठ लाख मतो से करनले का दावा कैलाश विजयवर्गीय काफी समय से कर रहे हैं।
16/04/2024
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