- निजी कालेजों की जांच का मामला
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मध्य प्रदेश के निजी कॉलेजों में गड़बड़ झाले की शिकायत के बाद उच्च शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव अनुपम राजन ने 23 दिसंबर को प्रदेश के सभी कलेक्टरों को पत्र लिख कर निर्देश दिए थे कि वे अपने जिलों में संचालित प्राइवेट कॉलेजों का सत्यापन और भौतिक निरीक्षण 15 दिन के भीतर सुनिश्चित करें। लेकिन 22 दिन बीतने के बावजूद न तो किसी कॉलेज का निरीक्षण हुआ और न ही कोई कार्रवाई की जानकारी सामने आई है।
प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था में हो रहे फर्जीवाड़े को लेकर एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने राज्य सरकार और प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में सैकड़ों प्राइवेट कॉलेज एक ही बिल्डिंग में नियमों का उल्लंघन करते हुए कई कोर्स चला रहे हैं, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता और छात्रों का भविष्य खतरे में है।परमार ने कहा कि एनएसयूआई द्वारा नर्सिंग कॉलेजों का जो भंडाफोड़ किया उसके बाद भी सरकार जाग नहीं रहीं हैं प्रदेश में नर्सिंग फर्जीवाड़े की तरह ही पैरामेडिकल , फार्मेसी, डीएड, बीएड और पीजीडीएम कॉलेजों में भी बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हो रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब शिक्षा माफियाओं और भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत का नतीजा है।
सीबीआई जांच की मांग, मुख्य सचिव से मांगा समय
परमार ने बताया कि दतिया में पहले मात्र 6 कालेज थे लेकिन सत्र 2020-21 में 25 कालेज हो गए वहीं ग्वालियर में 75 कालेज थे जबकि सत्र 2020-21 में 121 कालेज हो गई थे यहीं स्थित भिंड मुरैना शिवपुरी और शिवपुर की हैं लेकिन इन नर्सिंग कॉलेजों की सीबीआई जांच नहीं हुई। परमार ने बताया कि इस गंभीर विषय पर चर्चा और समाधान के लिए उन्होंने प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन को पत्र लिखकर मुलाकात का समय मांगा है। वे प्रदेश में शिक्षा माफियाओं और भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी बात रखने और समाधान के सुझाव देने के लिए तैयार हैं।
इन संभागों सबसे ज्यादा फर्जी कॉलेज
परमार ने बताया कि ग्वालियर चंबल और भोपाल संभाग में सबसे ज्यादा फर्जी प्राइवेट कॉलेज संचालित हो रहे हैं। ग्वालियर और चंबल संभाग के नर्सिंग कॉलेजों में फर्जी निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर मान्यता दी गई, जो प्रदेश की शिक्षा प्रणाली की साख को नुकसान पहुंचा रही है। परमार ने ग्वालियर और चंबल संभाग के नर्सिंग कॉलेजों की न्यायिक सीबीआई जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के सभी नर्सिंग कॉलेजों की सीबीआई द्वारा दो बार जांच हुई, लेकिन ग्वालियर और चंबल संभाग, जहां सबसे ज्यादा फर्जी नर्सिंग कॉलेज थे, उनकी सीबीआई जांच नहीं हुई। हम सुप्रीम कोर्ट को ग्वालियर और चंबल संभाग के फर्जी नर्सिंग कॉलेजों की वास्तविकता से अवगत कराएंगे और न्यायिक सीबीआई जांच की मांग करेंगे।
यह हैं मांग
- फर्जी कॉलेजों को तुरंत बंद किया जाए।
- शिक्षा माफियाओं और कॉलेज संचालकों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
- फर्जी कॉलेजों को मान्यता और संबद्धता देने वाले अधिकारियों को उनके पदों से हटाया जाए।
- फर्जी कालेजों में अध्ययनरत छात्रों की तत्काल फीस वापस करवाए जाएं ।
- छात्रों की छात्रवृत्ति की जांच करवाएं जाएं ।
- पीजीडीएम कोर्स में फर्जी छात्रवृत्ति के माध्यम से करोड़ो अरबों रुपए कमाने वाले कॉलेजों की गहनता से जांच की जाए एवं उनसे उत्तीर्ण छात्र छात्राओं के रिकॉर्ड खंगाले जाए।