दर्जन भर जिलों के… कलेक्टर-एसपी बदले जाएंगे

  • मप्र में एक और बड़ी प्रशासनिक सर्जरी की तैयारी
  • गौरव चौहान
कलेक्टर-एसपी

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार जल्द ही एक और बड़ी प्रशासनिक सर्जरी करने जा रही है। सूत्रों का कहना है की तबादले की सूची बनकर तैयार है। कई विभागों के प्रमुखों के साथ ही फील्ड में पदस्थ आईएएस और आईपीएस अफसरों के थोकबंद तबादले होंगे। इनमें दर्जन भर से अधिक कलेक्टर और एसपी भी शामिल हैं। बताया जाता है कि मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देश पर अफसरों की परफॉर्मेंस के आधार पर उन्हें नई जिम्मेदारी दी जाएगी। प्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले 29 फरवरी को बड़ा सरकारी आयोजन होना है। प्रदेश स्तरीय यह आयोजन सभी जिलों में होगा। जिसमें प्रधानमंत्री मोदी प्रदेश के 50 करोड़ से ज्यादा के कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। ऐसे में कलेक्टरों की तबादला सूची मार्च के शुरुआत में भी आ सकती है। गौरतलब है कि सरकार ने अभी तक चुनाव आयोग के निर्देशानुसार 3 साल से एक ही स्थान पर पदस्थ रहे अधिकारियों-कर्मचारियों का तबादला कर दिया है। आयोग के निर्देशानुसार 15 फरवरी तक तबादले करने थे। वहीं अब कलेक्टरों और एसपी को बदलने की तैयारी कर रही है। जानकारी के अनुसार प्रदेश में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता से पहले दर्जनभर कलेक्टरों को बदलने की तैयारी है। इसको लेकर शासन स्तर पर चर्चा भी हो चुकी है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की स्वीकृति मिलते ही कलेक्टरों के तबादले आदेश जारी कर दिए जाएंगे। खास बात यह है कि जिन जिलों के कलेक्टर बदले जाने हैं, उनकी सूची पहले से ही तैयार है। इनमें से 10 कलेक्टरों को पहले बदला जा चुका है।
अभी तक सिर्फ 12 कलेक्टर बदले
ज्यादातर तबादले मंत्रालय या विभागाध्यक्ष स्तर पर हुए हैं। जिलों में सिर्फ 12 कलेक्टर बदले गए हैं। हालांकि यह प्रशासनिक जमावट तंत्र में कसावट लाने की मंशा से की गई है। जिसमें लंबे समय से लूप लाइन में पड़े अधिकारियों को नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। शासन स्तर पर काफी विचार के बाद यह निर्णय लिए गए हैं। यह बात अलग है कि प्रदेश में अधिकारियों के तबादले राजनीतिक मुद्दा रहा है। सरकार ने अभी तक सिर्फ 12 जिलों के कलेक्टर बदले हैं। जिनमें गुना, होशंगाबाद, उज्जैन, बैतूल, शाजापुर, नरसिंहपुर, जबलपुर, इंदौर, भोपाल, हरदा, छिंदवाड़ा और श्योपुर जिले हैं। गुना और हरदा कलेक्टर हादसों की वजह से बदले गए। अभी तक सरकार ने ग्वालियर-चंबल संभाग में सिर्फ गुना कलेक्टर को हादसे की वजह से बदला है। श्योपुर कलेक्टर को पिछले हफ्ते हटाया गया है। अभी नई पदस्थापना होना है। इन संभाग के दो और कलेक्टरा बदले जा सकते हैं। सागर संभाग के भी दो जिले प्रभावित हो सकते हैं। जिसमें सागर भी शामिल है। जबलपुर संभाग के 2 कलेक्टरों के साथ इंदौर और रीवा संभाग के 2 या 3 कलेक्टर बदले जा सकते हैं।
फील्ड में होगी नई जमावट
सूत्रों को कहना है कि फील्ड में पदस्थ अफसरों में भी बड़े स्तर पर तबादले होंगे। इसमें 28 जिलों के कलेक्टर और इतने ही पुलिस अधीक्षक के नाम शामिल हैं। इसके अलावा मंत्रालय एवं विभागाध्यक्ष कार्यालयों  प्रमुखों को भी बदला जाना है। इसको लेकर मंत्रालय स्तर पर बड़ी तैयारी हो चुकी है। सूत्र बताते हैं कि वरिष्ठ अफसरों को मंत्रालय से ट्रांसफर लिस्ट जल्द जारी होने की खबर लग चुकी है। मंत्रालय सूत्रों के अनुसार अफसरों की सूची पर मुख्यमंत्री की अंतिम मुहर लगना बाकी है। सीएम डॉ. मोहन यादव के अभी तक 179 आईएएस के तबादले किए गए हैं। दरअसल, एक तो चुनाव आयोग के दिशा-निर्देश, दूसरा अफसरों की लापरवाही और तीसरा नई जमावट के तहत प्रदेश में अफसरों का तबादला किया गया है। प्रदेश में सबसे अधिक आईएएस अधिकारियों के तबादले किए गए है। जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री ने वर्षों से शासन के बड़े पदों पर बैठे अफसरों को दरकिनार कर युवा अफसरों को बड़ी-बड़ी जिम्मेदारी देने का निर्णय लिया है। इसी के कारण प्रदेश में आईएएस अफसरों के रिकॉर्ड तबादले किए गए हैं। मप्र की नई सरकार ने अभी 177 आईएएस अधिकारियों के तबादला आदेश जारी कर दिए हैं। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने थोकबंद आदेश जारी नहीं करते हुए टुकड़ों में 29 आदेश जारी किए हैं। तबादलों से प्रदेश में पदस्थ आधे से ज्यादा अधिकारी प्रभावित हुए हैं। क्योंकि आईएएस की पदक्रम सूची के अनुसार कुल 384 आईएएस अधिकारी हैं। जिनमें से दो दर्जन से अधिक अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ हैं।
सूची में 28 जिलों के नाम
जानकारी के अनुसार प्रदेश में जिन कलेक्टरों का तबादला किया जाना है, उनमें करीब 28 जिलों के नाम बचे हैं। राज्य मंत्रालय सूत्रों के अनुसार प्रदेश में करीब 40 कलेक्टरों को बदले जाने की तैयारी थी। जिनमें से अभी तक 12 जिलों के कलेक्टर बदले गए हैं। गुना और हरदा कलेक्टर हादसों की वजह से बदले हैं। जबकि शेष कलेक्टर पूर्व में तैयार की गई सूची में से ही हटाए गए हैं। चुनाव से पहले सरकार कलेक्टरों के थोकबंद तबादला करने के मूड में नहीं है, लेकिन अलग-अलग कारणों से दर्जनभर जिलों के कलेक्टरों को बदला जाना है। कुछ जिलों के लिए राजनीतिक कारण भी सामने आए हैं। हालांकि श्योपुर कलेक्टर की पदस्थापना कभी भी हो सकती है। यह भी संभावना है कि एक से अधिक सूची में कलेक्टर बदले जाएं।

Related Articles