दो नेताओं में शीतयुद्ध पार्टी असमंजस में

शीतयुद्ध
  • सागर जिले में वर्चस्व की जंग

गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। कुलीनों के कुनबे में इस समय सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक अपनी ही सरकार को घेरने की कोशिश में लगे हुए हैं। लेकिन सागर जिले में दो नेताओं के वर्चस्व की जंग से पार्टी की साख पर दाग लग रहा है। पूर्व मंत्री और विधायक भूपेंद्र सिंह हाथ धोकर पार्टी पर प्रहार कर रहे हैं। वहीं मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पूर्व मंत्री पर हमलावर हैं। दोनों कद्दावर नेताओं के बीच चल रहे शीतयुद्व से पार्टी की साख गिर रही है।
गौरतलब है कि  सागर जिले के दो सीनियर विधायकों में इस समय कोल्ड चार चल रहा है। अनुशासन की सीमाओं को तोडक़र यह विवाद अब मीडिया में आ गया है। आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला खुलकर जारी है। जिन दो नेताओं में कोल्ड वार चल रहा है उनमें एक हैं पूर्व मंत्री और विधायक भूपेन्द्र सिंह और दूसरे हैं प्रदेश सरकार में मंत्री गोविंद राजपूत।भूपेन्द्र सिंह ने मीडिया से चर्चा में बिना किसी का नाम लिए आरोप लगाया था कि कुछ लोग सागर में भाजपा को खत्म करने में लगे हैं। इनमें एक मंत्री भी है। इस पर गोविंद सिंह राजपूत ने पलटवार करते हुए कहा कि एक व्यक्ति खुद को पार्टी से बड़ा समझ रहा है। शीर्ष नेतृत्व इसे देख रहा है।
एक व्यक्ति क्या पार्टी से बड़ा
मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने भूपेंद्र सिंह का नाम लिए बिना मीडिया से कहा कि एक व्यक्ति क्या पार्टी से बड़ा हो गया है। पार्टी नेतृत्व इसे देख रहा है। मैं भाजपा की तीन कठिन सीमाएं पार कर चुका हूं। मैं भाजपा से पहली बार चुनाव लड़ा और 41 हजार वोटों से जीता, दूसरी बार लड़ा और फिर जीता। इसके बाद लोकसभा चुनाव में मेरे विधानसभा क्षेत्र से भाजपा 86 हजार वोटों से जीती। उन्होंने कहा कि जब मैंने भाजपा ज्वाइन की थी तो भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के सामने ज्वाइन की थी, उस समय प्रदेश नेतृत्व भी वहां मौजूद था। उसी समय से मैं लगातार मेहनत कर रहा हूं और पार्टी को मजबूत कर रहा हूं। उन्होंने भूपेन्द्र सिंह द्वारा प्रदेश अध्यक्ष को लेकर की गई टिप्पणी पर कहा कि एक विधायक पार्टी से बड़े हो गए हैं। भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष का पद बहुत बड़ा होता है। उनका प्रदेश अध्यक्ष को लेकर यह कहना कि उन्हें भाजपा में आए पांच साल हुए हैं, वे विद्यार्थी परिषद से आए हैं। राजपूत ने कहा कि विद्यार्थी परिषद से तो अमित शाह, जेपी नड्डा जैसे बड़े नेता भी आए हैं। आप विद्यार्थी परिषद से आए नेता को कोई महत्व नहीं दे रहे हैं। इसका मतलब है कि आप पार्टी से बड़े हो गए है। मैं पार्टी का अनुशासित कार्यकर्ता हूं, शीर्ष नेतृत्व सब देख रहा है। कांग्रेस नेताओं के भाजपा में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह शीर्ष नेतृत्व का निर्णय था ,जो लोग शामिल हुए वे संगठन के निर्णय के बाद ही शामिल हुए।
भूपेंद्र ने कांग्रेस से आए नेताओं पर उठाए थे सवाल
भूपेंद्र सिंह ने गत दिवस मीडिया से चर्चा में कहा था कि कुछ लोग सागर में भाजपा को खत्म करने में लगे है। इसमें एक मंत्री भी शामिल है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को हम स्वीकार नहीं कर सकते, जिन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं पर अत्याचार किए थे। वे लोग अब हमारी पार्टी में आकर फिर से कार्यकर्ताओं को प्रताडि़त कर रहे हैं। सिंह ने कहा ये मामला सागर जिले का है, वहां दो लोगों को लेकर मेरी आपत्ति पहले भी थी और आज भी है। सबसे ज्यादा भाजपा के कार्यकर्ताओं पर अत्याचार इन्हीं दो लोगों ने किए हैं। ये कौन दो लोग हैं। इसकी जानकारी सभी को है। प्रशासन उनकी बात सुन रहा है जो कांग्रेस से आप है। प्रशासन को पता है कि कब किसकी सुनना है। प्रशासन जिनके इशारे पर काम कर रहा है, वे नहीं चाहते कि भाजपा के मूल कार्यकर्ता मजबूत हों। वे तो कांग्रेस के लोगों को ही मजबूत कर रहे हैं। वे खुद भाजपा में कब तक रहेंगे, इसकी कोई गारंटी नहीं है। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा द्वारा इस मामले में दिए गए बयान को भी आपत्तिजनक बताया था। भाजपा में चल रही खींचतान पर पूर्व मंत्री और राधौगढ़, विधायक जयवर्धन सिंह ने कहा कि यह बहुत गंभीर विषय है। अगर भूपेंद्र सिंह जैसे परिपक्व नेता जो प्रदेश के गृहमंत्री रह चुके हैं। नगरीय विकास मंत्री रह चुके हैं। वे अगर इस प्रकार का बयान वीडी शर्मा के खिलाफ दे रहे हैं तो कहीं न कहीं भाजपा में सब-कुछ ठीक नहीं है। अब देखते हैं वीडी शर्मा में भूपेन्द्र सिंह के ऊपर कार्रवाई करने की हिम्मत है या नहीं। हालांकि यह मेरा दायित्व नहीं है मैं दूसरी पार्टी में हूं, लेकिन इतनी बड़ी और कठोर बात कहना अध्यक्ष जी के बारे में। मैं तो ये कहूंगा कि या तो अध्यक्ष जी कमजोर हो गए है, या उनके पास नियंत्रण नहीं है।

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