सुविधाओं से लैस सीएम राइज स्कूल फिसड्डी

  • 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षा के परिणाम में दिखा असर
  • विनोद उपाध्याय
सीएम राइज स्कूल

माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) की 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षा के नतीजे हाल ही में घोषित हुए। इस दौरान सभी की नजरें सीएम राइज स्कूलों के प्रदर्शन पर भी रहीं, लेकिन इनका भी परिणाम कुछ ज्यादा बेहतर नहीं रहा। प्रदेश के कई सुविधाविहीन स्कूलों ने टॉप टेन में जगह बनाई। परंतु जब बात आई सीएम राइज और पीएम श्री स्कूलों की, तो यह टॉप टेन में भी नहीं था। मालूम हो कि प्रदेश में सीएम राइज और पीएम श्री स्कूलों को बड़े धूमधाम से शुरू किया गया था। परंतु जब परिणाम आए, तो जिम्मेदारों की नींद उड़ गई। यह स्थिति तब है, जब सीएम राइज स्कूलों की शैक्षणिक गुणवत्ता पर विभागीय अधिकारियों का ध्यान अधिक रहता है, लेकिन फिर भी परिणाम अपेक्षा अनुरूप नहीं आया है।
गौरतलब है की प्राइवेट स्कूलों को टक्कर देने के लिए सरकार ने सीएम राइज स्कूलों को शुरू किया है। इन स्कूलों में तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए करोड़ों रूपए खर्च किए गए है। वहीं प्रदेशभर से चुनिंदा शिक्षकों को इसमें शिक्षण कार्य के लिए लगाया गया है। प्रदेश में सीएम राइज और पीएम श्री स्कूलों को बड़े धूमधाम से शुरू किया गया था। परंतु जब परिणाम आए, तो जिम्मेदारों की नींद उड़ गई। 10वीं और 12वीं के परिणामों देखकर पता चला की ये स्कूल टॉप टेन की मेरिट सूची में भी जगह नहीं बना सके।  इस संदर्भ में प्रभारी सीएम राइज स्कूल मप्र डीएस कुशवाहा का कहना है कि परिणामों की समीक्षा बोर्ड के अधिकारी करते हैं। हम दो मई के बाद समीक्षा करेंगे।
सरकार के सारे दावे फेल
प्रदेश में सीएम राइज स्कूलों को लेकर सरकार ने बड़े-बड़े दावे किए थे। लेकिन 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षा के परिणाम में असर नहीं दिखा। वहीं शासकीय उत्कृष्ट विद्यालयों की स्थिति ठीक रही। इनमें 12वीं कक्षा के 24 विद्यार्थियों ने मेरिट में जगह बनाई, जबकि मॉडल स्कूल के 6 विद्यार्थी टॉप-10 में रहे।
जबकि 10वीं में उत्कृष्ट स्कूल के 17 और मॉडल के 1 विद्यार्थियों ने मेरिट में जगह बनाई है। पीएम श्री स्कूलों से भी कोई विद्यार्थी मेरिट में नहीं आया। प्रदेश में 275 सीएम राइज स्कूल हैं। स्कूलों की स्थापना के वक्त दावा किया गया था कि ये प्रदेश के श्रेष्ठ स्कूल होंगे। बेहतर शिक्षा के साथ यहां शिक्षकों का चयन भी परीक्षा के माध्यम से किया गया। ऐसे में उम्मीद भी यही की जा सकती है कि यहां परिणाम बेहतर होंगे, लेकिन इस बार बोर्ड परीक्षा के परिणामों ने निराश किया। हालांकि 10वीं, 12वीं के परिणामों को देंखे तो, पिछली बार की तुलना में परिणामों में सुधार हुआ है, लेकिन यह उम्मीद के मुताबिक नहीं कहा जा सकता। इस बार 12वीं का परिणाम 64.49 प्रतिशत रहा, जो पिछली बार 55.28 प्रतिशत था। हालांकि दसवीं का परिणाम पिछली बार की तुलना में बेहतर नहीं कहा जा सकता। पिछली बार दसवीं में 63.29 प्रतिशत विद्यार्थी पास हुए थे, लेकिन इस बार यह घटकर 58.10 प्रतिशत रह गई है। इस संदर्भ में शिक्षाविद आरएस शर्मा का कहना है कि 95 प्रतिशत सीएम राइज स्कूल कई कमियों से जूझ रहे हैं। जिससे पढ़ाई प्रभावित हो रही है। निगरानी तंत्र मजबूत करने से ही बात बनेगी।            
मेरिट में कोई छात्र नहीं
भोपाल और ग्वालियर जिलों में मेरिट में भी सीएम राइज स्कूल का कोई बच्चा नहीं आ पाया है। दोनों जिलों में 8-8 सीएम राइज स्कूल हैं। हाईस्कूल में भोपाल के सीएम राइज स्कूल निशातपुरा का परिणाम पिछले साल की तुलना में 16 प्रतिशत और गल्र्स स्कूल भेल का 2 प्रतिशत कम रहा है। हायर सेकंडरी स्कूल बैरसिया में 61त्न, गर्ल्स स्कूल गोविंदपुरा में 69 प्रतिशत, निशातपुरा स्कूल का 55 प्रतिशत, महात्मा गांधी भेल में 73 प्रतिशत, गल्र्स स्कूल बरखेड़ी जहांगीराबाद व हायर सेकंडरी स्कूल करोंद का परिणाम 80 प्रतिशत रहा है। केवल सीएम राइज स्कूल बर्रई का परिणाम 100 प्रतिशत रहा।

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