- विकास के लिए यंग ऑफिसर्स पर भरोसा….
- गौरव चौहान
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव प्रदेश में विकास के लिए मिशन मोड में आ गए हैं। प्रदेश में विकास को गति देने के लिए वे जूनियर अफसरों पर अधिक विश्वास कर रहे हैं। इसलिए वे यंग और कूल नेचर वाले युवा ऑफिसर्स की नई टीम बना रहे हैं। उनका फोकस है कि नई टीम में साफ सुथरी और तेजतर्रार अफसरों को जगह दी जाए, ताकि प्रदेश में विकास को गति मिल सके। इसी उदेश्य से वे मुख्यमंत्री सचिवालय से लेकर मैदान तक जूनियरों अफसरों को बड़ी जिम्मेदारी दे रहे हैं। प्रदेश में लोकसभा चुनाव की घोषणा होने से पहले आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अफसरों के थोकबंद तबादले किए गए। इसमें कई ऐसे अफसरों की पोस्टिंग मलाईदार विभागों और मैदानी तौर पर कर दी गई जो अपने बैच में ही काफी जूनियर हैं।
जानकारों का कहना है कि बीते 17 साल बाद बड़े बदलाव का साक्षी बन रहा है। इस बदलाव की सबसे बड़ी बानगी प्रदेश का पॉवर सेंटर सचिवालय (वल्लभ भवन) बना है। पूर्व सीएम के रूप में शिवराज सिंह चौहान (अब केंद्रीय मंत्री) के हटने के बाद ही नए सीएम डॉ. मोहन यादव की शपथ से सब कुछ बदल गया। अब सीएम डॉ. मोहन यादव अपनी कोर टीम में नए अफसरों को शामिल कर रहे हैं। शिवराज के करीब 17 साल के कार्यकाल में कुछ ही अफसरों के हाथ में प्रदेश की कमान थी। वहीं, अब मोहन यादव की टीम में अधिकारियों की फौज तैनात की जा रही है। सीएम ऑफिस के एक वरिष्ठ अधिकारी इसके पीछे कारण बताते हैं कि नए मुख्यमंत्री किसी एक अधिकारी के भरोसे नहीं बैठना चाहते, वे अन्य अधिकारियों को भी दायित्व दे रहे हैं, ताकि प्रदेश में सुशासन दिखाई दे। शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री रहते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी ही तैनात रहते थे, वहीं से पूरी सत्ता चलती थी। अब मोहन यादव ने मप्र के इतिहास में बड़ा बदलाव करते हुए सीएम ऑफिस में कई अफसरों को जगह दी है।
सीनियर छोटे विभागों में
प्रदेश में एक तरफ सरकार ने जहां जूनियर आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अफसरों को बड़ी जिम्मेदारी दे रही है वहीं सीनियर अफसरों को छोटे विभागों की जिम्मेदारी दी है। वर्ष 1996 बैच के प्रमुख सचिव संजीव झा को चंबल संभाग का आयुक्त बनाया गया, जबकि सचिव स्तर के अफसर बड़े संभाग के आयुक्त हैं। वर्ष 2006 बैच के आईएएस धनंजय सिंह भदौरिया को पहले मंडी बोर्ड का एमडी बनाया और पांच घंटे में पोस्टिंग निरस्त करते हुए अनुसूचित जाति विकास का आयुक्त एवं एमडी राज्य वित्त एवं वित्त विकास बनाया। भोपाल और इंदौर के संभाग आयुक्त रहे वर्ष 2006 बैच के माल सिंह भयडिया को खादी बोर्ड का प्रबंध संचालक बनाया गया है। वर्ष 2010 बैच के आईएएस भास्कर लाक्षाकार को बीज एवं फार्म विकास निगम का एमडी बनाया गया है। इसके पहले निगम मंडी आयुक्त, संचालक कृषि के प्रभार में रहा है।
वरिष्ठ अफसर साइड लाइन
जानकारों का कहना है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव नई उम्मीद और नई उमंग के साथ सुशासन को मजबूत करना चाहते हैं। इसलिए उन्होंने आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अफसरों के अब तक जो तबादले किए हैं, उनमें कई ऐसे अफसरों की पोस्टिंग मलाईदार विभागों और मैदानी तौर पर कर दी गई जो अपने बैच में ही काफी जूनियर हैं। इससे ब्यूरोक्रेटस में कॉडर मैनेजमेंट गड़बड़ा गया है। ऐसे में उन सीनियर अफसरों की चिंताएं बढ़ गईं हैं, जिन्हें अच्छे विभाग मिले हैं। मंत्रालय में पिछले कई सालों से उप सचिव और अपर सचिव बने अफसर भी निराश हैं। संभाग स्तर पर अपर आयुक्त भी मैदानी पोस्टिंग नहीं पा सके हैं। जिन वरिष्ठ अफसरों को साइड लाइन किया गया है वे अब ऑफिस आने-जाने तक ही सीमित हो गए हैं। पूर्व आईएएस जगदीश चंद जटिया का कहना है कि ऐसे में वरिष्ठ अफसरों का आत्मविश्वास डगमगाता है वैसे ट्रांसफर-पोस्टिंग सरकार की अपनी व्यवस्था है। लेकिन, जब वरिष्ठ को कमजोर विभाग और जूनियर को मैदानी और बड़े विभागों में पदस्थ किया जाता है तो ब्यूरोक्रेट्स में निराशा के भाव आते हैं। सीनियर अधिकारियों को आत्मविश्वास डगमगाता है। ऐसे में प्रशासनिक व्यवस्था पर कहीं न कहीं असर पड़ता है।
इनकी पदस्थापना चर्चा में
प्रदेश में सरकार ने अभी तक जो तबादले किए हैं उसमें कई अफसरों की पदस्थापना चर्चा में है। प्रताप नारायण यादव राप्रसे से आईएएस बने हैं। इन्हें वर्ष 2016 बैच मिला है। इस बैच में 26 आईएएस हैं। यादव का नाम वरिष्ठता क्रम में 14वें नम्बर पर है। इन्हें नागरिक आपूर्ति निगम (नान) का एमडी बनाया गया है। यहां वर्ष 2009-2010 या इससे सीनियर बैच के अफसर पदस्थ रहे हैं। मनोज कुमार सरयाम वर्ष 2017 बैच के प्रमोटी आईएएस हैं। इस बैच में कुल 14 अफसर हैं। सरयाम सबसे जूनियर हैं। इन्हें सहकारिता जैसे बड़े विभाग का पंजीयक और आयुक्त बनाया गया है। इसके पहले वर्ष 2007 या इससे सीनियर आईएएस अफसरों की पोस्टिंग होती रही है। वर्ष 2016 बैच के आईपीएस अगम जैन को छतरपुर जिले का पुलिस अधीक्षक बनाया गया है। इसके पहले वे झाबुआ के एसपी थे। इस जिले के एसपी वर्ष 2009 बैच के अमित सांघी रहे हैं। छतरपुर संवेदनशील माना जाता है, इसलिए यहां वरिष्ठ आईपीएस पदस्थ होते आए हैं। प्रशिक्षु आईएफएस वर्ष 2020 बैच के मीना अवधेश कुमार शिवकुमार को वन विहार राष्ट्रीय उद्यान का संचालक बनाया गया है। इसके पहले वन विहार में वन संरक्षक, मुख्य वन संरक्षक और अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक स्तर के आईएफएस संचालक बनते आए हैं।