- पुलिसकर्मियों को मिलेगा पदोन्नति का तोहफा
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मुख्यमंत्री बनते ही डॉ. मोहन यादव ने सबसे पहले प्रदेश के पुलिसकर्मियों को तोहफा देने की योजना बनाई है। इसके तहत है मप्र के पुलिसकर्मियों को नए साल से पहले पदोन्नति का तोहफा मिलने जा रहा है। पुलिसकर्मियों को मिलने वाली पदोन्नति में शीघ्र फैसला करने का आदेश मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पुलिस मुख्यालय में आयोजित बैठक में दिए थे। उसके बाद से पीएचक्यू ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं। अफसरों की माने तो पदोन्नति संबंधी तैयारियां लगभग अंतिम दौर में हैं और अगले सप्ताह तक इस बारे में आदेश जारी हो जाएंगे।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री बनने के बाद यादव ने पीएचक्यू का पहला दौरा किया था। सीएम ने पुलिस अधिकारियों से 25 साल का प्लान मांगा था। तब अफसरों ने विभाग की लंबित योजनाओं, पुलिसकर्मियों की पदोन्नति सहित तमाम कार्ययोजनाओं को लेकर प्रेजेंटेशन दिया था। तब सीएम ने पदोन्नति की प्रक्रिया में तेजी लाने का आदेश दिया था। उसके बाद से पीएचक्यू ने प्रक्रिया तेज कर दी है। गृह विभाग की तैयारी लगभग पूरी है और इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। कैबिनेट की मंजूरी के बाद पुलिसकर्मियों को मिलने वाले वन-स्टेप प्रमोशन का रास्ता साफ हो जाएगा।
एक हजार को मिलेगा लाभ
अफसरों की माने तो तकरीबन एक हजार पुलिसकर्मियों की पदोन्नति लंबित है। रिक्त पदों पर जल्दी पदोन्नति दे दी जाएगी। इसकी तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है। इस प्रक्रिया में आरक्षक से लेकर थानेदार स्तर के अफसरों को शामिल किया गया है और उन्हें जल्दी पदोन्नत किया जाएगा। इंस्पेक्टर से डीएसपी बनाने की प्रक्रिया में भी तेजी लाई जाएगी। इसको लेकर प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है और जल्दी इसे गृह विभाग को भेजा जाएगा। डीएसपी स्तर के अफसरों के पद काफी संख्या में रिक्त हैं। चूंकि सारे पद सीधी भर्ती के जरिए नहीं भरे जा सकते हैं, इसलिए उन्हें पदोन्नति के जरिए भरा जाएगा। डीएसपी स्तर के 50 फीसदी पद सीधी भर्ती और पचास फीसदी पद पदोन्नति से भरे जाने का नियम है। वर्तमान में डीएसपी स्तर के तकरीबन 400 से ज्यादा पद रिक्त है। इतनी बड़ी संख्या में भर्ती करने पर आगे पदोन्नति प्रभावित होगी। लिहाजा 50 फीसदी रिक्त पदों को पदोन्नति के जरिए भरने की तैयारी है। पुलिस विभाग में वन-स्टेप प्रमोशन देने के मामले का भी जल्दी हल निकाला जाएगा। इस आशय का प्रस्ताव गृह विभाग के पास लंबित है। पीएचक्यू की ओर से यह प्रस्ताव विधानसभा चुनाव से पहले भेजा गया था। चूंकि विधानसभा चुनाव की आचार संहिता प्रभावी हो गई थी, इस कारण मामला लटक गया था। अब जब आचार संहिता हट गई है और खुद सीएम की मंशा भी मैदानी अफसरों को पदोन्नति देने की है, इसलिए इस प्रकरण को जल्दी कैबिनेट में लाया जाएगा।