6 साल बाद बिना किसी कार्रवाई अधिकारियों को दे दी क्लीन चिट

कृषि विभाग
  • कृषि विभाग की कार्य प्रणाली पर उठे सवाल

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र वाकई अजब है-गजब है। इसका नजारा कृषि विभाग में सामने आया है। दरअसल, कृषि संचालनालय ने कार्य में लापरवाही बरतने और ग्रीड आधारित नमूनों की प्रगति अल्प/निरंक होने के कारण 19 जिलों के उप संचालकों को मप्र सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के नियम 16 के तहत शोकॉज नोटिस जारी किया था। शोकॉज नोटिस का जवाब देने में इन अफसरों का 6 साल लग गए। जवाब मिलने के बाद इन सभी को क्लीन चिट दे दिया गया है। इससे कृषि विभाग की कार्य प्रणाली पर सवाल उठने लगा है। गौरतलब है कि मप्र के कृषि विभाग ने केंद्र सरकार की स्वाइल हेल्थ कार्ड योजना में निर्धारित लक्ष्य पूरा नहीं करने का आरोपी मानते हुए 19 उप संचालकों को शोकॉज नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा। इसमें उन पर कार्य में लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए गए। इन उप संचालकों से शोकॉज नोटिस का जवाब प्राप्त करने में विभाग को छह साल लग गए। उनके जवाब के आधार पर कृषि संचालनालय ने जो अभिमत तैयार किया, उसमें माना कि सभी 19 उपसंचालकों ने निर्धारित लक्ष्य के बराबर या उससे ज्यादा मिट्टी की सैंपलिंग और स्वाइल हेल्थ कार्ड का वितरण किया है। इस अभिमत आधार पर कृषि विभाग ने उन्हें दोषमुक्त करार देकर जांच बंद कर दी। तब तक इनमें से कई उप संचालक सेवानिवृत्त हो चुके थे।
दरअसल, केंद्र सरकार की स्वाइल हेल्थ कार्ड योजना के तहत प्रदेश के सभी किसानों को निर्धारित समय सीमा में उनकी मृदा का परीक्षण कर मृदा स्वास्थ्य काई प्रदान किए जाने के लिए चरणबद्ध कार्यक्रम निर्धारित किया गया था। कृषि संचालनालय ने कार्य में लापरवाही बरतने और ग्रीड आधारित नमूनों की प्रगति अल्प/निरंक होने के कारण 19 जिलों के उप संचालकों को मप्र सिविल सेवा नियम, 1966 के नियम 16 के तहत शोकॉज नोटिस जारी किया था। कृषि विभाग ने संचालक कृषि को निर्देशित किया था कि वे शोकॉज नोटिस का बचाव उत्तर प्राप्त कर अपने अभिमत सहित शासन को अवगत कराएं। इन अधिकारियों ने वर्ष 2022 में संचालनालय को नोटिस का जवाब प्रस्तुत किया। इसके बाद संचालनालय कृषि ने कृषि विभाग को भेजे गए अभिमत में कहा था कि सभी उप संचालकों ने मिट्टी सैंपलिंग व स्वाइल हेल्थ कार्ड वितरण के लक्ष्य को शत-प्रतिशत पूरा किया है।
दोषियों की बात मान कर दे दी  क्लीन चिट
गौरतलब है कि जिन 19 उप संचालकों को शोकॉज नोटिस दिया गया था उनमें तत्कालीन उप संचालक हरदा जेआर हेडाऊ, उप संचालक उमरिया एनपी सुमन, उप संचालक छतरपुर मनोज कश्यप, उप संचालक सतना एपी सुमन, उप संचालक राजगढ़ कमल सिंह यादव, उप संचालक दतिया एसपी शर्मा, उप संचालक रायसेन अशोक कुमार, उप संचालक टीकमगढ़ आरएस गुप्ता, उप संचालक आगर मालवा बाबूलाल मालवीय, उप संचालक सिंगरौली ज्ञान सिंह मोहनिया, उप संचालक छिंदवाड़ा कोमल प्रसाद भगत, उप संचालक बालाघाट राजेश त्रिपाठी व उप संचालक सीधी एमपीएस चंद्रावत शामिल थे।

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