सूबे के नागरिकों को हैं पांच विभागों से सर्वाधिक शिकायतें

सूबे के नागरिकों
  • गृह, राजस्व और नगरीय प्रशासन विभाग बना हुआ है फिसड्डी….

    भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। सूबे के पांच विभाग ऐसे हैं जिनसे लोगों को सर्वाधिक शिकायतें हैं। यह वे विभाग हं, जिनसे लोगों का सर्वाधिक वास्ता पड़ता है। इसके बाद भी इन विभागों का अमला उनकी शिकायतों के निराकरण में रुचि नहीं लेता है जिसकी वजह से वे शिकायत निवारण के मामलों में भी फिसड्डी बने हुए हैं। खास बात यह है कि यहां सिर्फ सीएम हेल्पलाइन में आने वाली शिकायतों की ही बात की जा रही है, जबकि अगर अन्य शिकायतों को भी इसमें शामिल कर लिया जाए तो मौजूद शिकायतों का आंकड़ा लाखों में पहुंच जाएगा। इसी तरह से सरकार की प्राथमिकता में शामिल स्वरोजगार की योजनाओं के मामले में भी सीएम हेल्पलाइन में बड़ी संख्या में शिकायतें पहुंच रही हैं। इनमें बैंकों द्वारा लोन नहीं मिलने की शिकायतें हैं, जिनमें लगातार वृद्वि होती जा रही है। गृह विभाग में 21 हजार 666 शिकायतें दर्ज की गई हैं।
     इनमें इनमें अधिकांश शिकायतें पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने को लेकर की गई हैं। ए श्रेणी में परिवहन, गृह, पीएचई, नगरीय विकास, सामाजिक न्याय तथा ऊर्जा विभाग को रखा गया है, जिनमें 80 से 82 फीसदी शिकायतें निराकृत हुई हैं। ये शिकायतें 1 नवंबर 2021 से 31 जनवरी 2022 तक की हैं। वहीं अगर सर्वाधिक लंबित रहने और मिलने वाली शिकायतों के मामलों वाले विभागों को देखें तो उनमें नगरीय विकास, ऊर्जा, पंचायत , राजस्व और गृह विभाग का नंबर आता है। हद तो यह है कि इसमें भी करीब साढ़े अठारह सौ ऐसी शिकायतें हैं, जिनका निराकरण लगभग बीते दस माह से नहीं हो पा रहा है। उधर, सीएम डैशबोर्ड के अनुसार बैंकों से संबंधित बीते एक साल में 13 हजार 600 शिकायतें दर्ज हुई हैं और इनमें चार हजार शिकायतें जनवरी 2021 तक पेंडिंग रहीं। यह मामले ऐसे समय बढ़ रहे हैं , जबकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले दिनों एसएलबीसी की बैठक में बैंकों का सहयोग नहीं मिलने पर गहरी नाराजगी जताई थी। सीएम डैशबोर्ड के अनुसार बैंकों से संबंधित बीते एक साल में 13 हजार 600 शिकायतें दर्ज हुई हैं और इनमें चार हजार शिकायतें जनवरी 2021 तक पेंडिंग रहीं।
    तय है समय सीमा
    सीएम हेल्पलाइन में मिलने वाली शिकायतों का निराकरण करने के लिए समय-सीमा तय है। 15 दिन, 50, 100 और 500 दिन और एक हजार दिन लंबित रहने वाली शिकायतों की भी प्रोफाइल बनाई जाती है। बताया जाता है कि कोर्ट केस और दो से तीन विभागों से जुड़ी शिकायतों के निराकरण में समय लगता है। इससे पेंडेंसी बनी रहती है।
    किस विभाग की कितनी शिकायतों को निराकरण का इंतजार
    अगर विभागवार स्थिति देखें तो नगरीय विकास में 37,144, ऊर्जा  में 33,189, पंचायत एवं ग्रामीण विभाग में 26,164, राजस्व  में 23,955, गृह विभाग  में 21,666, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी में 14,141, स्वास्थ्य विभाग में12,152, खाद्य नागरिक आपूर्ति में 11,347 ,सहकारिता विभाग में 6,110, वित्त विभाग में 5,165, सामाजिक न्याय  में 4,258 ,पिछड़ा वर्ग कल्याण में 3,998, महिला बाल विकास में 3,032 शिकयतें निराकरण का इंतजार कर रही हैं। 

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