भाजपा में शुरू हुआ मंथन

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  • आखिर पार्टी क्यों छोड़ रहे भाजपा नेता

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र में कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इस चुनाव में अपनी जीत दर्ज करने के लिए जहां एक तरफ शिवराज सरकार लगातार योजनाओं की झड़ी लगा रही है, तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा को लगभग हर दिन झटके भी मिल रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में भाजपा के कई नेता या तो भाजपा को छोड़ कांग्रेस का दामन थाम चुके हैं या फिर पार्टी से जाने की तैयारी में हैं। हाल ही में पार्टी के नौ कद्दावर नेताओं ने शिवराज सरकार का साथ छोड़ मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस में आने की इच्छा भी जताई थी। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर राज्य में एक के बाद एक नेता कांग्रेस का दामन क्यों थाम रहे हैं? इसको लेकर भाजपा में मंथन का दौर शुरू हो गया है।
दरअसल, मप्र विधानसभा चुनाव की कमान संभाल रहे वरिष्ठ भाजपा नेता इस बात को लेकर चिंतित हैं कि, उनके कई जनाधार वाले नेता पार्टी छोड़ रहे हैं। गतदिनों इन नेताओं ने प्रदेश कार्यालय में तकरीबन तीन घंटे मंथन किया और इस पर ठोस रणनीति बनाने का फैसला लिया। गौरतलब है कि जन आशीर्वाद यात्राओं के शुरू होने के बाद मप्र विधानसभा चुनाव की कमान संभालने केन्द्रीय नेताओं ने फिर से भोपाल में डेरा जमा लिया है। गतदिनों इन नेताओं ने कई अहम बैठकें कीं। जिसमें सबसे बड़ी बैठक चुनाव से पहले दल छोडक़र जा रहे नेताओं को लेकर हुई।
दिग्गजों के पलायन ने बढ़ाई चिंता
चुनावी साल में नेताओं का पलायन तो आम बात है, लेकिन इस बार भाजपा में बड़े स्तर पर पलायन हो रहा है। सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि पार्टी के कई दिग्गज नेता पलायन कर चुके हैं। बैठक में वरिष्ठ नेता भंवर सिंह शेखावत और विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी के पाला बदले जाने को लेकर काफी देर तक चर्चा हुई। नेताओं ने ऐसी स्थिति क्यों बनी और उन्हें नहीं रोक पाने में कहां चूक हुई, इसे लेकर विचार विमर्श किया। बैठक में पार्टी के मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी को लेकर भी चर्चा होने की खबर है। सूत्रों की मानें तो मैहर को जिला बनाने की घोषणा पर त्रिपाठी द्वारा पूर्व सीएम कमलनाथ का आभार जताने पर नेताओं ने एतराज जताया। वरिष्ठ नेताओं ने इस बात को लेकर भी मंथन किया कि नारायण त्रिपाठी की वजह से विंध्य में क्या पार्टी को नुकसान हो सकता है। बताया गया है कि इस मामले में तय किया गया है कि सतना जिले से इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट बुलाई जाए। गौरतलब है कि जिन नेताओं के पलायन के बाद पार्टी की चिंता बढ़ी है उनमें भोपाल से पूर्व विधायक उमाशंकर गुप्ता के भांजे डॉ. आशीष अग्रवाल गोलू सहित पूर्व विधायक भंवर सिंह शेखावत, दो बार झांसी से सांसद रहे सुजान सिंह बुंदेला के बेटे चंद्रभूषण सिंह बुंदेला उर्फ गुड्डू राजा,वीरेंद्र रघुवंशी, छेदीलाल पांडे, शिवम पांडे, अरविंद धाकड़ शिवपुरी, सुश्री अंशु रघुवंशी, डॉ. केशव यादव भिंड और महेंद्र प्रताप सिंह शामिल हैं।
कई मुद्दों पर हो रही चर्चा
बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा की गई। जानकारों की मानें तो बैठक में वरिष्ठ नेताओं ने केन्द्रीय मंत्री अमित शाह के मंडला प्रवास के दौरान दी गई गाइडलाइन पर भी चर्चा की। बताया गया है कि शाह ने मंडला में चुनाव कैम्पन को लेकर नेताओं को आवश्यक दिशा निर्देश और मार्गदर्शन दिए हैं। जानकारों की मानें तो बैठक में 39 उम्मीदवारों की पहली सूची वाले विधानसभा क्षेत्रों से आए फीडबैक पर भी चर्चा हुई है। कुछ विधानसभा क्षेत्रों में अभी भी प्रत्याशियों को लेकर कार्यकर्ताओं में नाराजगी की बात सामने आई है, जिसे किस तरह दूर करना है, इस पर नेताओं ने विचार-विमर्श किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी भाजपा दफ्तर पहुंचे। और उन्होंने नेताओं के साथ चुनावी रणनीति पर चर्चा की। उन्होंने जन आशीर्वाद यात्राओं को लेकर भी नेताओं के साथ बातचीत की है।

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