भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। पिछली भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा शुरु की गई मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना अब तक परवान नहीं चढ़ पा रही है। हालत यह है कि सवा नौ लाख पंजीकृत युवाओं में से अब तक महज 15 हजार युवाओं को ही काम मिल पाया है, जिसकी वजह से नौ लाख युवा अब भी इस योजना का लाभ मिलने का इंतजार करना पड़ रहा है।
इस योजना को बीते साल जून में शुरु किया गया था। इसके बाद से करीब 20 हजार कंपनियों ने 78 हजार पद निकाले है, जिसके बाद भी महज 15 हजार युवाओं को ही काम मिल सका है। सूत्रों का कहना है कि कंपनियों की तरफ से 29 हजार 746 युवाओं को नौकरी के लिए ऑफर दिया गया है, जिसमें से 21 हजार 820 युवाओं ने अपनी सहमति दी है। अब उनके साथ अनुबंध की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस बीच कंपनी और अभ्यर्थी के बीच अनुबंध को सत्यापित करने में सरकार ने दो हजार अनुबंध निरस्त कर दिए गए। इसकी वजह है संबंधित की योग्यता कम होना है। इसके अलावा संबंधितों के डॉक्यूमेंट अपलोड नहीं होना, कंपनी के डोमेन के अनुसार जॉब नहीं होना जैसे कई वजहें हैं। इसकी वजह से अब तक महज 15 हजार 809 अभ्यर्थियों को ही रोजगार मिल सका है। यही नहीं प्रशिक्षण और उसके बाद रोजगार की चाह में कई अभ्यर्थियों ने आवेदन कर दिए। कंपनी की तरफ से संबंधित पदों पर योग्य उम्मीदवार के चयन के लिए इंटरव्यू के अलावा अन्य प्रक्रिया की गई है। इस प्रक्रिया में समय लगने की वजह से कई पदों के लिए अभी तक अनुबंध प्रस्ताव कंपनियों की तरफ से जारी नहीं किए जा सके। नियमानुसार इस योजना में योजना में कंपनियों की तरफ से अनुबंध जारी करने पर सात दिन में उसे स्वीकृति देनी होती है। इसमें देरी होने पर अनुबंध स्वत: ही निरस्त हो जाता है। इस शर्त के कारण कई कंपनियों के ऑफर निरस्त हो गए।
यह है पात्रता
18 से 29 व वर्ष तक के आयु के मध्य प्रदेश के स्थानीय निवासी होना जरूरी है। उनकी शैक्षणिक योग्यता 12वीं/ आईटीआई उत्तीर्ण या उससे उच्च हो। योजना के तहत चयनित युवा को छात्र- प्रशिक्षणार्थी कहा जाएगा। मध्य प्रदेश के युवाओं को प्रशिक्षण के साथ-साथ प्रतिमाह स्टाइपंड प्राप्त होगा। 12वीं उत्तीर्ण को 8000 रुपए, आईटीआई उत्तीर्ण को 8500, डिप्लोमा उत्तीर्ण को 9000 एवं स्नातक उत्तीर्ण या या उच्च शैक्षणिक योग्यता को 10,000 रुपये स्टाइपंड प्राप्त होगा।
26/12/2023
0
108
Less than a minute
You can share this post!