- नर्सरियों के लिए आवंटित 75 लाख के बजट से कर डाली खरीदी …
भोपाल/गणेश पाण्डेय/बिच्छू डॉट कॉम। जंगल महकमे में नियमों को धता बताकर अनुसंधान एवं विस्तार रीवा सर्किल प्रभारी सीसीएफ रहे संजय टाइगर नेशनल पार्क के फील्ड डायरेक्टर अमित दुबे ने नर्सरियों के लिए आवंटित 75 लाख के बजट से खरीदी कर डाली।
अब इसी भुगतान को लेकर मौजूदा प्रभारी वन संरक्षक अजय पांडेय और एसडीओ केबी सिंह आमने-सामने आ गए हैं। प्रभारी वन संरक्षक पांडेय चाहते हैं कि संजय नेशनल पार्क के फील्ड डायरेक्टर दुबे द्वारा की गई खरीदी का भुगतान कर दिया जाए किंतु ,एसडीओ सिंह ने खरीदी को नियम विरुद्ध बताते हुए प्रमाणकों पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया है। उधर सामग्रियों को प्रदाय करने वाली फर्म आजाद ट्रेडर्स भुगतान के लिए सीनियर अफसर पर लगातार दबाव बना रहा है। वानिकी रीवा वृत के प्रभारी रहे अमित दुबे ने नर्सरी में पौधारोपण की तैयारी के लिए मुख्यालय से प्राप्त 75 लाख के बजट से सोलर स्ट्रीट लाइट, स्ट्रीट लाइट, विद्युत स्ट्रीट लाइट, वाटर कूलर, सोलर पंप, सोलर कैमरा इत्यादि बाजार दर से डेढ़ गुना अधिक की कीमत पर खरीद डाले। एसडीओ केबी सिंह ने संजय नेशनल पार्क के फील्ड डायरेक्टर अमित दुबे द्वारा खरीदे गए 75 लाख मूल्य के प्रमाणकों पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया। इसकी मुख्य वजह एसडीओ को उनके द्वारा कराए गए प्रमाणिकों में कई तरह की गड़बडिय़ां नजर आ रही है। इसी कारण आजाद ट्रेडर्स को भुगतान करने से मना
कर दिया।
एसडीओ के जांच प्रतिवेदन के प्रमुख अंश
– शत्रुहन प्रसाद शर्मा, व्यय शाखा प्रभारी के प्रतिवेदन अनुसार मेसर्स आजाद ट्रेडर्स रीवा के आवेदन पत्र में दर्शित सामग्रियों का क्रय आदेश जारी किया गया है।
– कन्हैया लाल पाण्डेय, भण्डार शाखा प्रभारी के प्रतिवेदन अनुसार में0 आजाद ट्रेडर्स रीवा के आवेदन पत्र में दर्शित प्रदाय आदेशों के विरूद्ध सामग्री का इन्द्राज भण्डार कक्ष में नही किया गया है।
– सामग्री क्रय उपार्जन, प्रचलित उपार्जन नियमों के अनुरूप नही है क्योकि क्रय समिति का अनुमोदन नही लिया गया।
– सुशील कुमार मिश्र, सहा. ग्रेड-3 प्रभारी सहायक वन संरक्षक कक्ष, के प्रतिवेदन अनुसार मे0 आजाद ट्रेडर्स रीवा से सम्बधित सामग्री / मजदूरी के प्रमाणक दिनांक 5.अप्रैल 24 तक कार्यालय में उपलब्ध नही है।
– निकुंज पाण्डेय, सहायक वन संरक्षक, सोनघडियाल अभ्यारण सीधी द्वारा 19 मार्च 24 को प्रभार देते वक्त लंबित भुगतान व प्रमाणकों के संबंध में मौखिक या लिखित रूप में नहीं बताया गया है।
आईएफएस को बचाने एसडीओ को फंसाया
वन विभाग ने मंत्रालय में पदस्थ ओएसडी अनुराग कुमार को बचाने के लिए एसडीओ डॉ कल्पना तिवारी को बलि बकरा बना दिया। यही नहीं, विभाग के शीर्षस्थ अफसरों ने उसको आरोप पत्र जारी कर आईएफएस की दौड़ से बाहर कर दिया । मामला तब का है जब वे टीकमगढ़ के प्रभारी डीएफओ हुआ करते थे। चैन लिंक और वायरवेड की खरीदी में प्रमाणकों पर एसडीओ कल्पना तिवारी के हस्ताक्षर के बिना डीएफओ अनुराग कुमार ने भुगतान कर दिया था। जब कुमार के खिलाफ गड़बडिय़ों को लेकर शिकंजा कसा गया तब शासन में बैठे होने का नाजायज फायदा उठाते हुए कुमार ने डिलीवरी चालान में हस्ताक्षर करने का आधार बनाकर डॉ कल्पना तिवारी को ही आरोपों के कठघरे में खड़ा कर दिया। जबकि प्रमाणक पर एसडीओ के हस्ताक्षर ही नहीं है। इस पूरे प्रकरण में कुमार हर तरह से घिरे नजर आ रहे हैं और उनके खिलाफ लोकायुक्त में शिकायत भी हो गई। कुमार ने न केवल नियमों को ताक पर रख कर अपने चहेती फर्म को भुगतान कर दिया, बल्कि जीएसटी की चोरी भी की है। राज्य शासन में पदस्थ होने की बदौलत ही , उन्होंने मंत्री से लेकर शीर्ष अधिकारियों को मैनेज कर स्वयं के लिए पूरे प्रकरण में क्लीनचिट हासिल कर ली है।
इन कार्यों पर खर्च किए गए 75 लाख
सोलर स्ट्रीट लाइट 9,00,000
विद्युत स्ट्रीट लाइट 1,05,600
वाटर कूलर और आरो 4,44,000
सोलर कैमरा 1, 68,000
सोलर पम्प 3 एचपी 4,99,999
सोलर पम्प 5 एचपी 2,99,999
ईटा, बालू, सीमेंट, सरिया
मिट्टी आदि 39,00,000
मजदूरी की राशि 12, 00, 000