महिला पुलिसकमीर्यों की संख्या बढ़ाने केन्द्र सरकार का… नया प्लान

महिला पुलिसकमीर्यों

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। केंद्र सरकार पुलिस विभाग में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने की पॉलिसी पर काम कर रही है। इसके तहत हर राज्य के पुलिस बल में 33 फीसदी महिला के साथ ही हर पुलिस स्टेशन में 13 महिला कर्मी को तैनात करने का फॉर्मूला बनाया गया है। वहीं मप्र में वर्तमान स्थिति में थानों में तीन महिला पुलिसकर्मी भी उपलब्ध नहीं है। इसकी एक वजह है पुलिस बल में महिलाओं की कमी। वैसे भी मप्र में पर्याप्त पुलिस बल नहीं है। इस कारण पुलिसकर्मियों को लगातार 12 से 16 घंटे तक ड्यूटी करनी पड़ रही है। ऐसे ही हालात अन्य राज्यों के भी हैं।
जानकारी के अनुसार, देश में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार संजीदगी से काम कर रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों से कहा है कि वे पुलिस बलों में महिलाओं की संख्या को पुलिस बल की कुल नफरी के 33 फीसदी तक ले जाएं। प्रत्येक थाने में तीन महिला उपनिरीक्षक और दस महिला सिपाही तैनात हों। इससे महिला हेल्प डेस्क 24 घंटे काम कर सकेगा। खास बात यह है कि महिलाओं की भर्ती के लिए नए पद सृजित नहीं करने पड़ेंगे। पुरुष सिपाही व उपनिरीक्षक के रिक्त पदों को महिला भर्ती के लिए परिवर्तित कर दिया जाए। देश में अभी 21 लाख पुलिस बल में दो लाख महिलाएं हैं। इनमें 5 डीजी, 39 आईजी व 1,73,138 महिला सिपाही ड्यूटी दे रही हैं। महिला पुलिस की वास्तविक नफरी अभी 10.3 प्रतिशत है।
मप्र में 25 फीसदी भी महिला पुलिसकर्मी नहीं
मप्र के पुलिस थानों में तीन महिला पुलिसकर्मी भी मौजूद नहीं हैं। मप्र में एक लाख 26 हजार पुलिस बल मौजूद है। इनमें से महिला पुलिसकर्मियों की संख्या अभी 25 फीसदी भी नहीं पहुंची है। मप्र में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की गई है, लेकिन मौजूद आंकड़ा 25 फीसदी से कम है। कुल पुलिसकर्मियों में एसएएफ, टेलीकाम, महिला सेल से लेकर तमाम शाखाएं हैं। कुछ सालों में महिला सेल में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ी है, लेकिन दीगर थानों में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या बहुत है। मौजूदा स्थिति है कि भोपाल जिले के सभी थानों में महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती नहीं है। कई थाने तो ऐसे हैं, जहां पर एक-एक महिला पुलिसकर्मी तैनात हैं। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन में महिला पुलिसकर्मियों आंकड़ा तो फिर ठीक है, अन्य जिलों में स्थिति बहुत खराब है। अफसरों की माने तो तकरीबन 25 से 30 फीसदी थाने ऐसे हैं, जहां पर अभी तक महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती नहीं है। यह बात सही है कि प्रदेश में कुछ सालों में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ी है, क्योंकि महिलाओं को भर्ती में प्राथमिकता दी गई है।
थाने में महिला पुलिस कर्मियों के लिए होगी सारी सुविधाएं
केंद्रीय गृह मंत्रालय के फॉर्मूले के अनुसार राज्यों को पुलिस स्टेशनों में महिला पुलिस कर्मियों के लिए आवास, चिकित्सा एवं विश्राम कक्ष जैसी सुविधाओं का प्रावधान करने की सलाह दी गई है। पुलिस, राज्य का विषय होने के नाते, यह राज्य सरकारों, संघ राज्य क्षेत्रों के प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वे अपने मौजूदा नियमों के अनुसार, विभिन्न रैंक में महिला पुलिस कर्मियों की पदोन्नति सुनिश्चित करें। पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो द्वारा पुलिस संगठनों के संबंध में संकलित किए गए आंकड़ों के मुताबिक, एक जनवरी 2020 तक राज्यों एवं संघ क्षेत्रों में पुलिस कर्मियों की वास्तविक नफरी 2091488 है। इसमें से महिला पुलिस कर्मियों की नफरी 215504 है, जो कि वास्तविक नफरी का 10.3 फीसदी है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय के अनुसार, पुलिस में जेंडर संतुलन में सुधार के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास हो रहा है। महिला पुलिस भर्ती करने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों एवं संघ राज्य क्षेत्रों के प्रशासनों की होती है। केंद्र द्वारा समय समय पर महिला पुलिस की संख्या बढ़ाने के लिए राज्यों को एडवायजरी जारी की जाती है।

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