हाथियों की मौत पर केन्द्र सरकार नाराज, किया जवाब तलब

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भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम।
हाल ही में बांधवगढ़ में एक साथ हुई 11 हाथियों की मौत के मामले में केन्द्र सरकार प्रदेश के वन महकमे से बेहद नाराज है। यही वजह है कि पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के डीजी फॉरेस्ट जितेंद्र कुमार दो दिनी प्रवास पर मप्र आए तो उनके द्वारा न केवल नाराजगी जताई गई,बल्कि इस मामले में जवाब भी तलब किया गया है। इस दौरान उन्होंने महकमे के अफसरों की बैठक में जमकर नसीहत दी। इस दौरान प्रदेश के वन अफसरों ने उनकी मौत को लेकर जो कारण बताए उनसे उन्होंने असहमति जताते हुए पूरी तरह से खारिज कर दिया। हाथियों की मौत के मामले को केंद्र ने कितनी गंभीरता से लिया इससे ही समझा जा सकता है कि वन अफसरों की बैठक में सबसे अधिक सवाल बांधवगढ़ में 11 हाथियों की मौत पर ही किए गए। उन्होंने यह भी कहा कि वजह जो भी हो आखिरकार इतने हाथियों की मौत अपने आप में गंभीर घटना है। इसके पीछे कारण बताकर इससे छुटकारा नहीं पाया जा सकता है। उनका साफ कहना था कि इस मामले में कहीं न कहीं बड़ी लापरवाही हुई है जिसका ही यह नतीजा है। इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी और देखना होगा कि किस स्तर पर यह गलती हुई है। उन्होंने कोदो की थ्योरी पर भी मप्र के वन अधिकारियों को जमकर फटकार लगाते हुए अफसरों को जमकर आड़े हाथों लिया। जानकार सूत्र बताते हैं कि डीजी फॉरेस्ट जितेंद्र कुमार ने चीता परियोजना की प्रगति को भी देखा और मप्र, राजस्थान के बीच प्रस्तावित चीता कॉरिडोर को लेकर की जा रही तैयारियों की जानकारी ली। सूत्रों के मुताबिक बाघों की बढ़ती मौतों को लेकर भी उन्होंने चिंता जाहिर की तो बाघ प्रबंधन पर मप्र की तारीफ की है, क्योंकि मप्र टाइगर स्टेट है। डीजी फॉरेस्ट आज आईआईएफएम की वार्षिक बैठक में हिस्सा लेने आए हैं। इस बैठक में भी इन मामलों में अफसरों से बात होना संभावित है। इसके अलावा राज्य सरकार के कई बड़े अधिकारियों से बाघ, चीता और हाथी प्रबंधन पर चर्चाएं भी संभावित है।
कई स्तरों पर जारी है पूछताछ
हाथियों की मौत को लेकर वन विभाग ने कई स्तरों पर जांच की है, लेकिन इतने सारे हाथियों की मौत के बाद वह ठोस या समाधानकारक जवाब अब तक विभाग नहीं दे पा रहा है। जानकर सूत्रों का कहना है कि इस मामले में मप्र सरकार से केंद्र के स्तर पर भी कई बार पूछताछ हो चुकी है, क्योंकि कई देशों ने इन मौतों की वजहों को लेकर केंद्र सरकार व पीएमओ से जानकारी चाही थी। दुनिया में कई देश हाथी पालन में अव्वल हैं और उनका कई कामों में उपयोग भी करते हैं।

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